MP: रॉड से पीटने के बाद SC-ST एक्ट लगाने की भी दी धमकी, भय से 18 साल के युवक ने की आत्महत्या

04 जनवरी, 2022 By: DoPolitics स्टाफ़
एससी-एसटी एक्ट की धमकी के बाद 18 वर्षीय युवक ने की आत्महत्या

मध्य प्रदेश के सागर ज़िले से एक 18 वर्षीय युवक की आत्महत्या का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सुमित उपाध्याय नामक इस लड़के के पिता ने बताया कि फ़र्ज़ी एससी-एसटी एक्ट लगने की धमकी के भय से सुमित ने अपने घर में ही आत्महत्या कर ली।

दलित समुदाय के लोगों के साथ होने वाले कथित भेदभाव को मिटाने के लिए भारतीय कानून में एससी-एसटी एक्ट का प्रावधान रखा गया था, परंतु पिछले कुछ समय में यह देखने को मिला है कि इस एक्ट का उपयोग राजनीतिक और आपसी रंजिश जैसे मामलों में किया जा रहा है।

ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इस कानून को एक हथियार की तरह उपयोग कर सवर्ण समुदाय के लोगों को फँसाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के सागर ज़िले से सामने आया। यहाँ सोमवार (3 जनवरी, 2022) को 18 वर्षीय लड़के ने इसी एक्ट के चलते आत्महत्या कर ली।

सागर ज़िले के बड़तुआ गाँव में रहने वाले सुमित उपाध्याय को पहले 4 आदिवासी/वनवासी समूह के लड़कों ने पीटा, जिसके बाद घर से उसकी लाश बरामद हुई। सुमित के पिता ने बताया कि उसे 1 जनवरी, 2022 को 4 लोगों द्वारा लोहे की रॉड से पीटा गया और यही आदिवासी समुदाय से आने वाले लड़के उसकी मृत्यु के ज़िम्मेदार हैं।

पूरे मामले को लेकर ब्राह्मण महासभा के प्रमुख दिनकर तिवारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया:

“सुमित को हरिजन एक्ट के नाम पर धमकी दी गई थी, परंतु पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर रही है। हम पूरे मामले की तेजी से जाँच कराने के लिए एसपी से भी मिल रहे हैं।”

‘ब्राह्मणों की जान ले रहा एससी-एसटी एक्ट’

तिवारी ने आगे एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग के विषय में यह भी कहा कि यह क्रूर कानून ब्राह्मणों की जान ले रहा है परंतु सरकार इसके दुरुपयोग के विषय में कार्य करने और उसे समाप्त करने की जगह प्रावधान और कड़े कर रही है।


महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तक मामले को लेकर स्थानीय पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया है और पुलिस अभी जाँच के नाम पर आरोपितों के जल्द पकड़े जाने की बात कह रही है। स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिवार के साथ पूरे मामले में हो रहे अन्याय को लेकर धरना भी दिया है।

बता दें कि कुछ समय पूर्व केंद्र सरकार ने एससी-एसटी अधिनियम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक हेल्पलाइन भी शुरू की थी। इसे हिंदी अंग्रेज़ी के साथ कुछ स्थानीय भाषाओं में भी शुरू किया गया और सरकार ने कहा था कि इसके माध्यम से वे अनुसूचित जाति के लोगों को सुरक्षा प्रदान करेंगे और हर शिकायत को लेकर एफआईआर, जाँच और चार्जशीट दायर की जाएगी।



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