बंगाल: ममता ने सिर्फ मुस्लिमों को बना दिया सब-इंस्पेक्टर? जानिए क्या है विवादित लिस्ट का मामला

19 जून, 2021 By: संजय राजपूत
ममता बनर्जी पर लग रहे हैं सिर्फ मुस्लिमों को भर्ती करने के आरोप

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर अक्सर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के आरोप लगते रहते हैं। उन पर ताजा आरोप पश्चिम बंगाल पुलिस में सिर्फ अल्पसंख्यक समाज के लोगों को ही नौकरी देने का लगा है।

हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस में भर्ती हुए लोगों की मेरिट लिस्ट जारी हुई, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस मेरिट लिस्ट में 50 लोगों के नाम हैं जो पश्चिम बंगाल पुलिस में सेवा के लिए भर्ती हुए हैं।


सोशल मीडिया पर यह लिस्ट इस कारण विवाद का विषय है क्योंकि इस लिस्ट में नजर आ रहे नाम एक ही समुदाय से हैं। ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप तभी से लग रहे हैं जब वो साल 2011 में सत्ता में आई थी और उन्होंने इमामों को 2500 रुपए प्रति माह भत्ता देने का ऐलान किया था।

ये लिस्ट सच है या फर्जी इस पर हमनें पड़ताल की तो पता चला ये लिस्ट एकदम सही है, लेकिन जो बात आक्रोश का कारण बनी हुई है, वह सिर्फ आधा सच है। दरअसल यह वायरल हो रही लिस्ट पश्चिम बंगाल पुलिस में भर्ती हुए अभ्यर्थियों की सिर्फ एक कैटिगरी, ‘ओबीसी-ए’ की मेरिट लिस्ट है। दरअसल पश्चिम बंगाल में ओबीसी की दो श्रेणियाँ हैं- ओबीसी-ए और ओबोसी-बी।

वायरल हो रही लिस्ट ओबीसी-ए से पास हुए अभ्यर्थियों की है। ओबीसी-बी से पास हुए अभ्यर्थियों की लिस्ट नीचे दी जा रही है। ये वो नाम हैं, जो इन 50 मुस्लिम अभ्यर्थियों के साथ ही भर्ती हुए हैं। अन्य SC/ST अभ्यर्थियों की मेरिट सूची आप लिंक पर क्लिक कर के चेक कर सकते है।



दरअसल पश्चिम बंगाल की सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग को 17% आरक्षण प्राप्त है। इनमें से श्रेणी ओबीसी-ए की नौकरियों में ‘अत्यधिक पिछड़ा वर्ग को 10% आरक्षण प्राप्त है, जबकि श्रेणी ओबीसी-बी में अन्य पिछड़ा वर्ग को 7% आरक्षण दिया गया है।

ओबीसी-ए श्रेणी में मुस्लिम समुदाय के 65% नाम शामिल हैं। इस श्रेणी में अब तक मुस्लिम समुदाय के 113 समुदायों को शामिल किया जा चुका है। राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, ओबीसी-ए में आरक्षण का लाभ प्रदेश के 2 करोड़ 50 लाख मुस्लिम ले रहे हैं, जो मुस्लिमों की कुल आबादी का लगभग 95% है। कुछ समय पहले 6 और मुस्लिम जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया है, जिसके बाद 99% मुस्लिम नौकरियों में आरक्षण का लाभ ले रहे हैं।

ममता सरकार पर आरोप लगता रहता है कि ओबीसी की श्रेणी ‘ए’ का फायदा सिर्फ मुस्लिम समुदाय को मिलता है। यह आरोप सच भी है क्योंकि ओबीसी-ए श्रेणी में मुस्लिम समुदाय की 97% जातियाँ शामिल हैं, जिन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ मिलता है।

ओबीसी-ए में शामिल जातियाँ :

  • 1 Abdal (Muslim)
  • 2 Atta (Muslim)
  • 3 Baidya Muslim
  • 4 Basni/ Bosni (Muslim)
  • 5 Bayen (Muslim)
  • 6 Beldar (Muslim)
  • 7 Bepari /Byapari Muslim
  • 8 Bhangi (Muslim)
  • 9 Bhatia (Muslim)
  • 10 Bhuiya/Bhunya (Muslim)
  • 11 Borah /Bara /Bora (Muslim)
  • 12 Chowduli (Muslim)
  • 13 Dhanuk
  • 14 Dhatri/Dai/Dhaity (Muslim)
  • 15 Dhukre (Muslim)
  • 16 Dhunia
  • 17 Fakir, Sain
  • 18 Gayen (Muslim) converts to Christianity and their progeny
  • 19 Gharami (Muslim)
  • 20 Ghorkhan
  • 21 Ghosi (Muslim)
  • 22 Goldar/Golder (Muslim)
  • 23 Gorey (Muslim)
  • 24 Hajjam (Muslim)
  • 25 Halsana (Muslim)
  • 26 Hati (Muslim)
  • 27 Hawaikar (Muslim)
  • 28 Hawari (Muslim)
  • 29 Jatuya (Muslim)
  • 30 Jogi 30 Gazi (Muslim)
  • 31 Jolah (Ansari-Momin)
  • 32 Kalwar
  • 33 Kan (Muslim)
  • 34 Kasai
  • 35 Kayal (Muslim)
  • 36 Khajonkriya /Khajankriya (Muslim)
  • 37 Khandait
  • 38 Khansama
  • 39 Khondekar/Khonkar (Muslim)
  • 40 Khotta Muslim
  • 41 Kosta /Kostha
  • 42 Lakhera /Laahera Quaji (Muslim)
  • 43 Mahaldar (Muslim)
  • 44 Mai Muslim
  • 45 Majhi/ Patni Muslim
  • 46 Mallick
  • 47 Midde
  • 48 Muchi/ Chamar Muslim
  • 49 Muslim Barujibi/ Barui
  • 50 Muslim Bhatiyara
  • 51 Muslim Biswas
  • 52 Muslim Chutor Mistri
  • 53 Muslim Dafadar
  • 54 Muslim Haidar
  • 55 Muslim Jamadar
  • 56 Muslim Kalander
  • 57 Muslim Laskar
  • 58 Muslim Mali, Faraji (Muslim)
  • 59 Muslim Mandal
  • 60 Muslim Molla
  • 61 Muslim Nehariya
  • 62 Muslim Penchi
  • 63 Muslim Piyada
  • 64 Muslim Rajmistri
  • 65 Muslim Sanpui
  • 66 Muslim Sardar
  • 67 Naiya (Muslim)
  • 68 Nashya-Sekh
  • 69 Nikari (Muslim)
  • 70 Pahar (Muslim)
  • 71 Patidar
  • 72 Raptan (Muslim)
  • 73 Rayeen (Kunjra)
  • 74 Roniwar
  • 75 Sekh/Seikh
  • 76 Shershabadia
  • 77 Shikari/ Sikari (Muslim)
  • 78 Siuli (Muslim)
  • 79 Sukli
  • 80 Tutia (Muslim)
  • 81Hazari (Muslim)
  • 82 Shankakar
  • 83 Sunuwar
  • 84 Sutradhar
  • 85 Swarnakar
  • 86 Tal-Pakha Benia
  • 87 Tamboli/ Tamali
  • 88 Tanti, Tantubaya
  • 89 Tarafdar (Muslim)
  • 90 Teli, Kolu
  • 91 Thami
  • 92 Turha
  • 93 Yogi, Nath
  • 94 Gurung
  • 95 Layek (Muslim)
  • 96 Khas
  • 96 Shikder/Shikdar/Sikder/Sikdar (Muslim)

बता दें कि साल 2011 में बंगाल में पहली बार सत्ता में आते ही ममता बनर्जी ने बंगाल बैकवर्ड क्लास बिल 2012 पेश किया था, जिसमें ममता ने ‘सैयद’ और ‘सिद्दीकी’ जातियों को छोड़कर सभी मुस्लिमों को ‘ओबीसी ए’ श्रेणी में शामिल कर लिया था।

फरवरी, 2017 में कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस ने मुस्लिम समुदाय की अगड़ी जातियों को भी ओबीसी में शामिल करने की सिफ़ारिश की थी, जिसके बाद राज्य के 99% मुस्लिमों को नौकरियों में आरक्षण का फायदा मिल रहा है।

विपक्षी नेता अक्सर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते रहते हैं कि उन्हें सिर्फ एक ही समुदाय के लोगों और वोटों की चिंता है। इन आरोपों में कुछ हद तक सच्चाई भी है। ममता पर यह आरोप सिर्फ मुस्लिमों के लिए लोकलुभावन घोषणाओं और आरक्षण की वजह से नहीं लगता है बल्कि ‘जय श्री राम’ पर उनकी प्रतिक्रिया और प्रदेश में हिंदू तीज त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने की वजह से भी लगता है।

हुगली के मशहूर सूफ़ी दरगाह फुरफुरा शरीफ़ के अब्बास सिद्दीक़ी ने भी ममता पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा चुके है। उन्होंने कहा था कि मुहर्रम के लिए ममता को दुर्गा पूजा बाधित करने की ज़रूरत नहीं थी।

उन्होंने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा था कि एक सेक्युलर नेता, वो होगा जो मुहर्रम और दुर्गा पूजा दोनों साथ कराए, ना कि किसी एक के लिए किसी दूसरे को बंद करे। किसी मुस्लिम ने दुर्गा विसर्जन बाधित करने की माँग नहीं की थी, लेकिन ममता ने ऐसा कुछ कट्टर मुस्लिमों को ख़ुश करने के लिए करती है।

हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया इत्तिहाद उल मुसलिमीन के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी भी ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था, “हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील करते हैं कि आप ये सब छोड़ दीजिए। दुआ के लिए हाथ उठाने जैसे कामों का मुसलमान मोहताज नहीं है। आप ज़मीनी विकास की बात कीजिए।”

हालाँकि, ममता सरकार के सांसद तुष्टिकरण के आरोपों से सदा इनकार करते रहे हैं। एक तृणमूल सांसद कोइना मित्रा ने इन आरोपों पर कहा था कि पश्चिम बंगाल में एक भी स्कीम ऐसी नहीं है, जो सिर्फ़ मुस्लिमों के लिए हो।

उन्होंने कहा था, “हमारे यहाँ 27% मुस्लिम रहते हैं मगर हम किसी का तुष्टीकरण नहीं करते। किसी स्कीम में ग़रीब को घर देंगें और मुस्लिमों को मिलेगा, तो आप ये नहीं कह सकते कि हमने मुस्लिमों को घर दिया है। ये तुष्टिकरण नहीं है,ये सबकी देखभाल करने की एक प्रक्रिया का हिस्सा है।”



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