कानपुर में धर्म परिवर्तन मुद्दे पर हुए दलित-मुस्लिम परिवारों के बीच के विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। राजनीतिक दल अब इस मुद्दे पर अपनी रोटियाँ सेंकने की जुगत में लग गए है। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी ने भी एंट्री मारते हुए मुस्लिम पक्ष का केस लड़ने का ऐलान किया है।
पिछले दिनों कानपुर में बर्रा थाना क्षेत्र के रामगोपाल चौराहे के नजदीक ही एक बस्ती में रहने वाली दलित महिला रानी गौतम ने पड़ोसी सद्दाम और सलमान पर धर्मान्तरण के लिए दबाव डालने और मारपीट करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने रानी गौतम की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, उल्टे उसके खिलाफ ही आरोपितों, सद्दाम और सलमान के साथ मारपीट का मुकदमा दर्ज लिया।
दलित महिला के साथ मारपीट और धर्मान्तरण के लिए पैसों का लालच देने का मामला संज्ञान में आने के बाद मामले में हिन्दू संगठनों ने हस्तक्षेप किया और आरोपितों, सलमान और सद्दाम के ‘चाचा’ अफ़सार अहमद को पकड़कर पुलिस को सौंपा दिया। इस बीच रिक्शाचालक अफ़सार अहमद से मारपीट भी की गई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
इसके बाद से ही सेक्युलर राजनीतिक दल मुस्लिम आरोपितों के पक्ष में लामबंद होने लगे थे। रविवार (15 अगस्त, 2021) को समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों ने बर्रा-8 की कच्ची बस्ती में अफ़सार अहमद के घर जाकर उनसे मुलाकात की और ये घोषणा की कि उनका केस समाजवादी पार्टी लड़ेगी।
अफसार अहमद के घर पहुँचे सपा महानगर अध्यक्ष डॉ इमरान ने कहा कि अफ़सार का केस समाजवादी अधिवक्ता सभा लड़ेगी और उनके साथ मारपीट करने वालों को सजा दिलाएगी। सपा नगर अध्यक्ष इमरान ने अफ़सार अहमद को पूरा सहयोग और सुरक्षा देने का भरोसा दिलाते हुए उनकी आर्थिक मदद भी की। इसके बाद समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता एडीसीपी अनिल कुमार से भी मिले और आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की।
इससे पहले शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी अफ़सार अहमद के घर पहुँचे थे।उन्होंने अफ़सार अहमद से बात कर उनका हालचाल लिया और पूरी घटना विस्तार से समझी। कानपुर पहुँचे सलमान खुर्शीद ने बताया कि उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने खासतौर से यहाँ भेजा है।
खुर्शीद ने कहा कि यहाँ जो भी रिपोर्ट उन्हें मिली है, उसे वहाँ जाकर प्रियंका गाँधी को देंगे। खुर्शीद ने अफ़सार अहमद से कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी आपको सुरक्षा का पूरा भरोसा देती है। 2022 के आगामी यूपी चुनाव को देखते हुए अल्पसंख्यक वोटों को लामबंद करने के लिए इसे कॉन्ग्रेस का चुनावी पैंतरा माना जा रहा है।
खुर्शीद के साथ अफ़सार के घर पर कॉन्ग्रेस यूपी चुनाव घोषणा पत्र समिति की सदस्य सुप्रिया श्रीनेत, रोहित चौधरी के अलावा जिलाध्यक्ष डॉ शैलेंद्र दीक्षित, संजीव दरियाबादी सहित कई कॉन्ग्रेसी नेताओं का जमघट मौजूद रहा, लेकिन ठीक सामने रहने वाली दलित महिला रानी के घर एकदम सन्नाटा पसरा रहा।
इससे पहले शुक्रवार को भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने भी अफ़सार अहमद से मिल कर उनकी लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया था। राजनीतिक दलों की खींचतान में दलित महिला की नाबालिग बेटियों के ‘धर्मांतरण का असली आरोप गुम होता जा रहा है। भाजपा के अलावा कोई भी राजनीतिक दल अभी तक दलित महिला रानी गौतम के साथ खड़ा नज़र नहीं आ रहा है।
DOpolitics की टीम ने इस पूरे मामले की सच्चाई परखने के लिए दोनों ही पक्षों से बात की थी। मगर जिस तरह लेफ्ट मीडिया और सेक्युलर राजनीतिक दल इस पूरे मामले को एकतरफा अजेंडे और चुनावी फायदे के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं, हमने दलित महिला रानी गौतम का पक्ष आपके सामने रखने की कोशिश की है।
नीचे दिए गए वीडियो में आप इस घटना की पूरी सच्चाई और अजेंडा देख और समझ सकते हैं –
भाजपा के बर्रा मंडल अध्यक्ष संजय पासवान ने शनिवार को एक वीडियो वायरल कर डीसीपी साउथ पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि एकपक्षीय कार्रवाई कर दंगा भड़काने का काम किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि पुलिस ने दलित किशोरियों की शिकायत पर आखिर क्यों मुकदमा दर्ज नहीं किया?
उन्होने कहा कि मैं पुलिस अफसरों से पूछना चाहता हूँ कि पुलिस ने धर्मान्तरण के लिए मारपीट की घटना का संज्ञान क्यों नही लिया? अगर लिया होता तो विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और हिंदू संगठनों को इस मुद्दे पर प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है।