गायक से राजनेता बने बाबुल सुप्रियो ने शनिवार (31 जुलाई, 2021) को राजनीति से सन्यास लेने की अटकलों को विराम देते हुए अपना फैसला सुना दिया है। बांग्ला में लिखे अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बाबुल सुप्रियो ने इस बात की पुष्टि की है कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट पर ‘अलविदा’ लिखा है।
बाबुल सुप्रियो ने लिखा:
“अलविदा। मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूँ – टीएमसी, कॉन्ग्रेस, सीपीआईएम, कहीं नहीं। मैं पुष्टि कर रहा हूँ कि किसी ने मुझे फ़ोन नहीं किया है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूँ। मैं हमेशा एक टीम का खिलाड़ी रहा हूँ। हमेशा एक टीम को सपोर्ट किया है- मोहनबागान। एक ही पार्टी का समर्थन किया है- भाजपा। बस!”
सोशल मीडिया पर बंगाली में लिखी एक लंबी पोस्ट में भाजपा नेता ने कहा: “मैं बहुत लंबे समय तक रहा… मैंने किसी की मदद की है, किसी को निराश किया है।”
उन्होंने लिखा कि राजनीति में रहना और सामाजिक कार्य करना संभव नहीं है। और वो अपने आप को व्यवस्थित करना चाहते हैं। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि पिछले कुछ दिनों में वो अमित शाह और जेपी नड्डा के पास भी गए और उन्होंने उनसे अपनी मन की बात कही।
संसद के दो बार के सदस्य रह चुके बाबुल उन 12 मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें 7 जुलाई को किए गए नवीनतम फ़ेर-बदल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान, सुप्रियो ने नवंबर, 2014 से जुलाई, 2016 तक शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन राज्य मंत्री और जुलाई, 2016 से भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यमों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। मई, 2019 तक उन्होंने पर्यावरण राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
बाबुल सुप्रियो ने लिखा, “मुझे एक प्रश्न का उत्तर देना है क्योंकि यह प्रासंगिक है! सवाल उठेगा कि मैं राजनीति क्यों छोड़ना चाहता हूँ। क्या इस तथ्य से कोई संबंध है कि मैंने मंत्रालय खो दिया है? हाँ एक सम्बन्ध है, जिसे मैं छुपा नहीं सकता।”
पार्टी नेताओं के साथ विवाद के विषय पर उन्होंने लिखा:
“2014 और 2019 में बहुत बड़ा अंतर है। उस समय मैं अकेला व्यक्ति था जिसके पास भाजपा का टिकट था (अहलुवालियाजी के सम्मान में – दार्जिलिंग सीट में जीजेएम भाजपा का सहयोगी था) लेकिन आज बंगाल में भाजपा मुख्य विपक्षी दल है। अब कई नए युवा नेता और वरिष्ठ नेता भी हैं। पार्टी उनके नेतृत्व में नई ऊँचाइयों को छुएगी, इसलिए कोई रहे या न रहे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। “
“चुनाव से पहले एक बार पार्टी के साथ कुछ मतभेद थे, वे मतभेद सामने आ रहे थे। उसके लिए जिम्मेदार हूँ, जैसा कि मैंने फेसबुक पोस्ट किया था, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के मतभेदों ने उस पार्टी को नुकसान पहुँचाया, जो जमीनी कार्यकर्ताओं की मदद नहीं कर रही थी। इसे समझने के लिए आपको रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है।”
बाबुल सुप्रियो ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा, “मैं एक महीने के भीतर सरकारी आवास छोड़ दूँगा। मैं सांसद के पद से भी इस्तीफा दे रहा हूँ।”
उन्होंने लिखा, “मैं एक महीने के भीतर अपना घर छोड़ रहा हूँ। कई नए मंत्रियों को अभी तक सरकारी मकान नहीं मिला है इसलिए मैं एक महीने में अपना घर छोड़ दूँगा (जितनी जल्दी हो सके – शायद उससे पहले)| मैं वेतन भी नहीं लूँगा।”
भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने गत शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर कई पोस्ट की थीं, जिसमें उन्होंने इस ओर इशारा किया था कि वो जल्द ही छोड़ देंगे। बाबुल ने अपनी पोस्ट के अंत में भावुक अंदाज में कहा है कि 1992 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की नौकरी छोड़कर मुंबई भागते वक्त जो किया था, अब फिर मैंने वही किया है।