एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ‘चुनाव क़ानून संशोधन विधेयक, 2021’ (Election Laws (Amendment) Bill, 2021) का विरोध करते हुए एक नोटिस जारी किया है। ओवैसी ने इस बिल को ‘राइट टू प्राइवेसी’ यानी ‘निजता के अधिकार’ के विरुद्ध बताया है और कहा है कि यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की भी अवहेलना करता है।
उल्लेखनीय है कि New Election Laws (Amendment), Bill 2021 के अनुसार, इसमें वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। ऐसा करने का उद्देश्य यह बताया जा रहा है कि इससे दो वोटर आईडी कार्ड रखने जैसे फर्जीवाड़ों पर रोक लगेगी।
हैदराबाद की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार (2 दिसंबर, 2021) को ट्विटर के माध्यम से सरकार द्वारा लाए जा रहे एक बिल के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया। ओवैसी ने इस मामले में लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल को एक नोटिस भी लिखा।
इस नोटिस में लिखा गया कि सरकार द्वारा लाया जा रहा ‘इलेक्शन लॉ अमेंडमेंट बिल, 2021’ कई मानकों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना करता है। आगे कहा गया कि इस बिल के माध्यम से वोटर आईडी को आधार कार्ड के साथ जोड़ने की जो प्रक्रिया है वह माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए एक निर्णय के विरुद्ध है और यह निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
आगे नोटिस में लिखा गया:
“यह विधेयक आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिबंधित कर दिया था। इसे केवल कल्याणकारी योजनाओं तक सीमित कर दिया गया था। इसके अलावा, मतदाता नामांकन और मतदाता पहचान पत्र जारी करने का कार्य एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था (भारतीय चुनाव आयोग) द्वारा किया जाता है। मतदाता नामांकन के साथ आधार का जुड़ाव एक संवैधानिक प्रक्रिया की स्वतंत्रता और पवित्रता का उल्लंघन है।”
आगे कहा गया कि इसके साथ ही आधार और वोटर आईडी को जोड़ने से व्यक्तियों की सुरक्षा और गोपनीयता को गंभीर नुकसान होगा। राज्यों में इस तरह के पिछले निर्णयों का बड़े पैमाने पर बहिष्कार हुआ है।
यह सत्ताधारी सरकारों को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को दबाने, मताधिकार से वंचित करने और भेदभाव करने की अनुमति भी देगा। इसके साथ-साथ यह गुप्त मतदान और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करेगा।
अंत में इस नोटिस में आधार के उपयोग को बेतुका भी कहा गया है। इसके अलावा कहा गया कि आधार डेटाबेस EPIC यानी वोटर आईडी के डेटाबेस की तुलना में अधिक त्रुटियों से भरा हुआ है। एक अपेक्षाकृत सुरक्षित डेटाबेस को प्रमाणित करने के लिए एक त्रुटि भरे और असुरक्षित डेटाबेस का उपयोग करना कहाँ से सही है?