असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में मुस्लिम समुदाय का जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए एक वास्तविक खतरा पैदा कर रहा है। रविवार को हुई एक बैठक में असम के मुख्यमंत्री सरमा ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों से जनसंख्या पर लगाम लगाने के तरीके खोजने को कहा है।
राज्य में मुस्लिम समुदाय की बढ़ती आबादी से चिंतित मुख्यमंत्री दो बच्चों की नीति लागू करने को लेकर लगातार बुद्धिजीवियों और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को अलाप-अलोचना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
दो घंटे तक चली इस बैठक में 150 से अधिक बुद्धिजीवी, लेखक, शिक्षाविद, डॉक्टर, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, इतिहासकार और अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के लोग मौजूद थे।
असम के मुख्यमंत्री ने मुसलिम समुदाय के लोगों से आबादी को नियंत्रित करने के तरीके खोजने के लिए असमिया मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाले इन बुद्धिजीवियों के साथ यह बैठक आयोजित की थी।
समुदाय में जनसंख्या विस्फोट चिंता का विषय
बैठक में मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में मुस्लिम समुदाय का जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए एक वास्तविक खतरा पैदा कर रहा है, विशेष रूप से आर्थिक मोर्चे पर। उन्होंने कहा कि अगर हमें देश के शीर्ष 5 राज्यों में शामिल होना है, तो हमें अपनी जनसंख्या नियंत्रण पर काम करना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्र सरमा बुद्धिजीवियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आयोजित संवाद सत्र ‘अलाप-अलोचना एम्पावरिंग द रिलिजियस मायनॉरिटीज’ में शामिल हुए। यहाँ मुख्यमंत्री ने राज्य में दो बच्चों की नीति को लेकर अल्पसंख्यक धार्मिक नेताओं से बातचीत की।
इस बैठक में स्वदेशी असमिया मुस्लिमों के सामने आने वाले खतरों और उनसे जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में स्थानीय असमिया मुस्लिमों की पहचान, सांस्कृतिक परंपरा और विरासत बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
मूलनिवासी मुस्लिमों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों में सांस्कृतिक और भाषाई अंतर हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मूल मुस्लिम आबादी असमिया समाज का एक अभिन्न अंग है इसलिए इनके त्वरित विकास की आवश्यकता है।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। सरमा ने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी माताओं और बहनों की भलाई के लिए है और इससे भी ऊपर मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए है।
उन्होंने कहा कि अगली बैठक में विधायकों के साथ ही अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्र संगठनों और सामाजिक संगठनों की राय भी ली जाएगी जिसमें सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में अप्रवासी मुस्लिम समुदाय को भी शामिल किया जाएगा।
कॉंग्रेस ने कहा- एक ही समुदाय पर ध्यान केंद्रित करना गलत
मुख्यमंत्री के जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों पर कॉन्ग्रेस ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में एक विशेष समुदाय पर ध्यान केंद्रित करना अवांछनीय है।
असम प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग की अध्यक्ष बबीता शर्मा ने कहा, “उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से मार्गदर्शन की आवश्यकता है लेकिन जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में सिर्फ मुस्लिम समुदाय पर ध्यान केंद्रित करना अनुचित है।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा था कि 2 से अधिक बच्चे पैदा करने वालों को राज्य स्तर की कई सेवाओं के लाभ प्रदान नहीं किए जाएँगे। हिमांता बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाले जाने के बाद से ही जनंसख्या नियंत्रण, सरकारी व मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जा कब्ज़ा एवं लव जिहाद जैसी समस्याओं को लेकर मजबूत निर्णय लिए गए हैं।
बता दें कि असम राज्य में बांग्लादेश से आकर बसे अवैध मियाँ मुस्लिम एक भारी समस्या हैं। ये लोग अवैध रूप से सीमा लांघ कर आते हैं तथा राज्य में पैठ जमा लेते हैं, जिसके बाद इनके द्वारा क्षेत्र की जनसांख्यिकी पर प्रभाव डाला जाता है। देश के विभिन्न राज्यों में कई घटनाओं में भी बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या अपराधों में लिप्त पाए गए हैं।
सीएम हिमांता सरमा असम चुनावों के दौरान राज्य में बसे अवैध बांग्लादेशी मुस्लिमों को लेकर मुखर होकर टिप्पणियाँ देते देखे गए थे और जीत के बाद कार्यभार संभालते ही वे इस मामले में सख्त कदम भी उठा रहे हैं।