...तो UP में सिर्फ 2 बच्चे वालों को मिलेंगी सरकारी सुविधाएँ: जनसंख्या नियंत्रण के लिए असम की राह पर योगी सरकार

20 जून, 2021
असम के बाद अब उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून पर प्रारंभ हुई चर्चा

असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा के जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर महत्वपूर्ण बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इसी मामले को लेकर गहमागहमी है। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है। 

असम राज्य के नए मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने शनिवार (19 जून, 2021) को एक वार्ता के दौरान यह कहा था कि भविष्य में 2 से अधिक बच्चों वालों को राज्य स्तर की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इस महत्वपूर्ण ऐलान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जनसंख्या नियंत्रण के मामले ने ज़ोर पकड़ा है। 

जैसा कि यह साफ है कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक लगभग 20 करोड़ की जनसंख्या रखने वाला राज्य है। राज्य में एक भारी आबादी गरीबी की समस्या से भी जूझ रही है और ऐसे में सरकार द्वारा सभी को योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ देना कठिन हो जाता है।

इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर काम शुरू कर दिया है। इसके अनुसार दो से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। फिलहाल इसमें राशन सब्सिडी तथा अन्य सरकारी सब्सिडियों को लेकर भूमिका बनाई जा रही है। 

कानूनों को लेकर प्रारंभ हुआ अध्ययन

जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सरकारी सुविधाओं एवं नौकरियों को भी किस प्रकार इस दायरे में लाना है इस पर अध्ययन चल रहा है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रशासन जनसंख्या नियंत्रण के मामले में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में लागू कानूनों का अध्ययन कर रहा है। इस पर बेरोज़गारी एवं भुखमरी जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक सटीक खाका तैयार करके कार्य किया जाएगा।


मित्तल ने बातचीत के दौरान कहा-

“जनसंख्या एक विस्फोटक स्तर पर है, जिससे चिकित्सा खान-पान एवं रहने के संसाधन तथा रोज़गार पर भी प्रभाव पड़ रहा है। हमारा मानना है कि जनसंख्या पर नियंत्रण होना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण परिवार नियोजन से अलग है।”

विधि आयोग अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वे किसी पंथ या मानवाधिकारों के विरोधी नहीं हैं बल्कि वे केवल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राज्य के सुविधाएँ उन्हें उपलब्ध हों, जो जनसंख्या नियंत्रण बनाए रखने में सहायता कर रहे हैं।


बता दें उत्तर प्रदेश एवं देश के कई अन्य राज्यों में भी एक लंबे समय से जनसंख्या नियंत्रण कानून की माँग चल रही है।

असम के बाद यूपी की जनता को उम्मीद

असम में  हिमांता बिस्वा सरमा द्वारा कार्यभार संभाले जाने के बाद से ही सरकारी व मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जा कब्ज़ा एवं लव जिहाद जैसी समस्याओं को लेकर निर्णय लिए गए हैं।

बता दें कि असम राज्य में बांग्लादेश से आकर बसे अवैध मियाँ मुस्लिम एक भारी समस्या हैं। ये लोग अवैध रूप से सीमा लांघ कर आते हैं तथा राज्य में पैठ जमा लेते हैं, जिसके बाद इनके द्वारा क्षेत्र की जनसांख्यिकी पर प्रभाव डाला जाता है। देश के विभिन्न राज्यों में कई घटनाओं में भी बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या अपराधों में लिप्त पाए गए हैं।

सीएम हिमांता सरमा असम चुनावों के दौरान राज्य में बसे अवैध बांग्लादेशी मुस्लिमों को लेकर मुखर होकर टिप्पणियाँ देते देखे गए थे और जीत के बाद कार्यभार संभालते ही वे इस मामले में सख्त कदम भी उठा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री  हिमांता द्वारा राज्य में लिए जा रहे महत्वपूर्ण एवं कड़े निर्णय निर्णयों को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश की जनता को भी अपने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ऐसे ही ठोस क़दमों की आशा है।



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