पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) द्वारा जहाँगीर बिस्वास नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति अवैध रूप से भारत आया था एवं इस पर तमिलनाडु के मंदिरों को क्षतिग्रस्त करने का भी आरोप है।
पड़ोसी देश बांग्लादेश से भारत में होने वाले अवैध घुसपैठ की घटनाएँ आए दिन सामने आती ही रहती हैं। पश्चिम बंगाल के साथ-साथ ये अवैध घुसपैठिए जम्मू-कश्मीर, दिल्ली एवं देश के विभिन्न राज्यों में बस चुके हैं।
जहाँ एक ओर सरकारें इस मामले में विभिन्न कड़े कदम उठाने की बातें कहती रहती हैं, वहीं अब तक अवैध घुसपैठ को रोकने या घुसपैठियों को बाहर निकालने में न तो राज्य सरकारें न ही केंद्र सरकार सफल हो पाई है।
पश्चिम बंगाल से सटे बांग्लादेश सीमा के गोजडांगा सीमा क्षेत्र से 153 बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने जहाँगीर बिस्वास नामक एक व्यक्ति को बुधवार (25 अगस्त, 2021) को हिरासत में लिया है। यह क्षेत्र उत्तर 24 परगना ज़िले के अंतर्गत आता है।
जहाँगीर नाम के इस व्यक्ति को लेकर कई विचित्र खुलासे सामने आए हैं। प्रारंभिक जाँच में पाया गया कि जहाँगीर बाबरी को तोड़ने का बदला लेने के लिए अपने कुछ साथियों के साथ बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से घुसा था। इसके बाद वह तमिलनाडु पहुँचा जहाँ वह राजमिस्त्री का काम करने लगा।
मिस्त्री का काम करते-करते ही उसने क्षेत्र के कई मंदिरों पर हमला किया और उनमें स्थापित प्रतिमाएँ भी क्षतिग्रस्त कीं। पहले पुलिस द्वारा इन मामलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था, परन्तु मीडिया और सोशल मीडिया के दबाव के बाद जब तमिलनाडु पुलिस मामलों को लेकर गंभीर हो गई।
जब जहाँगीर को गिरफ्तार होने की भनक लगी तो उसने बांग्लादेश वापस भागने का निर्णय लिया। इसी बीच सीमा पर वह BSF द्वारा पकड़ा गया।
बता दें कि यह व्यक्ति बांग्लादेश के सतखिरा क्षेत्र का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि वह अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान के हाथ में चले जाने के कारण भारत में पुनः तोड़फोड़ की योजना बना रहा था। बाबरी को तोड़ने के मामले में कई बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने फेसबुक पर बदले का आह्वान किए जाने के भी पोस्ट किए थे।
दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु से इसी वर्ष जून माह में एक मंदिर में शिवलिंग तोड़ने एवं प्रतिमाओं को खंडित करने का मामला सामने आया था। मंदिर में स्थापित ये प्रतिमाएँ प्राचीन चोल साम्राज्य की थीं।
किज़नंजूर गाँव में स्थित कैलासनाथर मंदिर में 19 जून, 2021 की सुबह एक स्थानीय व्यक्ति पूजा करने आया तो उसने मंदिर की मूर्तियों को खंडित पाया। इसके बाद पुलिस ने मामले की शिकायत दर्ज की थी। सोशल मीडिया पर खंडित प्रतिमाओं की तस्वीरें खासी वायरल हुईं थीं।
सोशल मीडिया पर लोगों के दबाव एवं मीडिया रिपोर्टिंग के बाद पुलिस प्रशासन ने मामले की जाँच प्रारम्भ की थी।