उत्तर प्रदेश के बलिया के भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए कुछ विवादास्पद टिप्पणियाँ की हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य में बलिया की बैरिया विधानसभा के विधायक सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार (30 जुलाई, 2021) को विपक्षी नेताओं को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं। सुरेंद्र सिंह ने बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हुए दंगों को देखते हुए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को लेकर टिप्पणी की।
सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वोट के लिए सैकड़ों लोगों को मरवा देने वाली महिला किसी राक्षसी काल की लंकिनी से कम नहीं है। सुरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि वे ममता को लंकिनी ही मानते हैं।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनावों के नतीजों के बाद तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों द्वारा भीषण उपद्रव मचाया गया था। इन दंगों में सैकड़ों भाजपा एवं संघ कार्यकर्ताओं को मार दिया गया था। इतना ही नहीं बल्कि राज्य में महिलाओं के साथ दुष्कर्म तक किए गए थे।
सुरेंद्र सिंह ने इन्हीं घटनाओं का संदर्भ लेते हुए ममता के लिए इस प्रकार की शब्दावली का उपयोग किया है।
इसके उपरान्त उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए भाजपा विधायक बोले, “अगर आज के समय में भारत की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में अगर कोई औरंगज़ेब प्रवृत्ति का नेता है तो वह अखिलेश यादव हैं। औरंगज़ेब भी अपने पिता को मारकर गद्दी पर बैठ गया था और अखिलेश यादव ने भी अपने परिवार के साथ कुछ ऐसा ही किया है।”
सुरेंद्र सिंह ने आगे कहा:
“प्रजातंत्र में अगर कोई औरंगजेब जैसा नेता है तो वह अखिलेश जी हैं। अखिलेश जी अपने सम्मानित पिता को लातों से मार कर, पार्टी के अध्यक्ष बन गए। इससे बड़ा भला कोई संस्कार का उदाहरण दुनिया में मिल सकता है क्या?”
बता दें कि यादव परिवार द्वारा चलाई जाने वाली समाजवादी पार्टी में वर्ष 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान फूट पड़ने के कई समाचार सामने आए थे। इस अन-बन में अखिलेश यादव द्वारा पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव को दरकिनार कर दिया गया था।
चाचा शिवपाल यादव तो इस मामले को लेकर इतने खफा हो गए थे कि उनके द्वारा अलग पार्टी गठित करने की भी बातें सामने आईं थीं। इसके एक वर्ष बाद शिवपाल यादव द्वारा अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से अलग पार्टी का गठन भी कर लिया गया था।