चुनाव आयोग ने शुक्रवार (अप्रैल 16, 2021) को पाँच विधानसभाओं के लिए चल रहे चुनावों और कुछ सीटों पर उपचुनावों के दौरान मतदाताओं पर लुटाए जाने वाले अवैध शराब और रुपयों को ले कर एक खुलासा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस खुलासे में, रिश्वत, अवैध शराब और अवैध धन पर अब तक 1,000 करोड़ रुपए लुटाए जा चुके हैं। वर्ष 2016 2016 के चुनावों के बाद से इस अवैध धन में चार गुना से अधिक का उछाल आया है। ये वो रकम है जो नकदी, शराब और अन्य चीजों को मिलाकर इस दौरान बरामद की गईं। इसका इस्तेमाल मतदाताओं को लालच देने और लुभाने के लिए होना था।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में सबसे अधिक 446.28 करोड़ रुपये जब्त किए गए। इस मामले में दूसरा स्थान पश्चिम बंगाल (300.11 करोड़ रुपए) का है, जहाँ अभी चार चरण के मतदान होने बाकी हैं। आगे के चरणों के मतदान के संपन्न होने के बाद आयोग की रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।
इस बरामदगी की कुल कीमत 1001.44 करोड़ रुपए है, जबकि 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान इन पाँच विधानसभाओं में यह 225.77 करोड़ रुपए थी। आयोग ने कहा कि उसने चुनाव में खर्च की निगरानी के लिए कुल 326 पर्यवेक्षक तैनात किए थे और 259 विधानसभा क्षेत्रों को संवेदनशील क्षेत्रों की श्रेणी में रखा गया था।
असम, केरल और केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में भी मतदान समाप्त हो गया है। इन पाँचों विधानसभाओं के वोटों की गिनती 2 मई को होनी है। चुनाव आयोग ने इस रिकॉर्ड बरामदगी को किसी भी चुनावी प्रक्रिया में ऐतिहासिक माइलस्टोन कहा है।
बृहस्पतिवार तक प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, चुनाव आयोग ने कहा कि तमिलनाडु में कुल 446.28 करोड़ रुपए, पश्चिम बंगाल ने 300.11 करोड़ रुपए (अब तक), असम 122.35 करोड़ रुपए, केरल में 84.91 करोड़ रुपए, पुदुचेरी में 36.95 करोड़ रुपये की जब्ती की जा चुकि है।
एक विश्लेषण से पता चलता है कि इसमें से अवैध शराब (कुल 122.35 करोड़ रुपए में से 41.97 करोड़ रुपए) थी, जिसके इस्तेमाल पर असम में मतदाताओं को लुभाने के लिए ज्यादा जोर दिया जा रहा था। वहीं, कीमती धातुओं (कुल 36.95 करोड़ रुपये में से 27.42 करोड़) का सबसे अधिक इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए रिश्वत के रूप में किया गया।