छत्तीसगढ़ में तीन पीढ़ी पहले हिन्दू से ईसाई बने करीब 1200 लोगों ने फिर से हिन्दू धर्म मे वापसी की है। आर्य समाज और हिन्दू समाज द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह ने पाँव धोकर धर्मांतरित लोगों की घरवापसी कराई।
छत्तीसगढ़ के जशपुर में करीब दो साल बाद फिर से ‘ऑपरेशन घरवापसी’ की शुरुआत करते हुए स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र और भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 400 परिवारों के 1200 लोगों के पाँव धोकर हिंदू धर्म में वापसी कराई। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए।
प्रबल प्रताप सिंह ने कहा कि हिंदुत्व की रक्षा करना उनके जीवन का एकमात्र संकल्प है। घरवापसी करने वाले अधिकांश परिवार बसना सराईपाली के थे जो तीन पीढ़ी पहले गरीबी के चलते ईसाई बन गए थे।
ऑपरेशन घरवापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह ने कहा, “हिन्दुत्व की रक्षा उनके जीवन का एकमात्र संकल्प है। आज इतनी अधिक संख्या में लोगों की मूल धर्म में वापसी अच्छे संकेत हैं। किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर किया गया काम कभी टिकाऊ नहीं होता है।”
उन्होंने कहा कि मिशनरियों ने गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका धर्मांतरण किया था। शिक्षा व स्वास्थ्य के नाम पर धर्म का सौदा किया था। हम लगातार इन षड्यंत्रों को बेनकाब करते रहेंगे।
पत्थलगाँव के खूँटापानी में आर्य समाज और हिंदू समाज की ओर से दो दिवसीय महायज्ञ का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में शुक्रवार (19 नवम्बर, 2021) को हिंदू स्वाभिमानी सूर्य की उपाधि प्राप्त जशपुर राजपरिवार के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव मुख्य अतिथि थे।
बसना से शुक्रवार को 20 बसों में धर्मांतरण का शिकार बने ईसाईयों को लाया गया था जहाँ उन्हें उनके मूल धर्म में वापसी कराई गई। इनमें 100 परिवार स्थानीय थे और 300 परिवार बसना सराईपाली से थे।
मूल सनातन धर्म में लौटे लोगों ने बताया कि करीब तीन पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्मांतरण हुआ था। उस वक्त वे बेहद गरीब थे और खेती में कुछ मदद और बीमारियों में इलाज की सहायता मिलने के कारण पूर्वजों ने धर्म परिवर्तन कर लिया था लेकिन अब वे जागरूक हो गए हैं।