छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा ज़िले के एक गाँव का वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है। इसमें एक भीड़ में जमा लोग मुस्लिम समुदाय के लोगों का बहिष्कार करने की शपथ लेते देखे जा सकते हैं।
वीडियो में दिख रहे लोग मुस्लिम समुदाय के लोगों से खरीदारी न करने और उन्हें ज़मीन एवं मकान किराए पर न देने जैसी बातें कर रहे हैं। मामले को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस ने सतर्क होकर जाँच प्रारंभ कर दी है।
छत्तीसगढ़ राज्य का एक वीडियो सामने आया जो ज़िला सरगुजा का बताया जा रहा है। इसमें कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के बहिष्कार की बातें करते नजर आते हैं। वीडियो में लोग यह शपथ ले रहे हैं कि वे मुस्लिम समुदाय के किसी दुकानदार से कोई वस्तु नहीं खरीदेंगे।
साथ ही ये लोग कहते दिखते हैं कि वे मुस्लिम समुदाय के लोगों को ज़मीन या घर किराए पर भी नहीं देंगे। वीडियो में आगे मुस्लिम लोगों के लिए मजदूरी न करने की भी बात कही गई।
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने पर शुक्रवार (7 जनवरी, 2022) को छत्तीसगढ़ पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया और आरोपितों की तलाश प्रारंभ कर दी है जो इस मौके पर उपस्थित थे।
ज़िले के कलेक्टर संजीव झा ने मामले को लेकर कहा कि पुलिस के एडिशनल सुपरिटेंडेंट और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ने बृहस्पतिवार को गाँव का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की।
उन्होंने वीडियो के विषय में आगे बताया:
“पूरा विवाद नए साल के जश्न के दौरान हुई एक झड़प के बाद प्रारंभ हुआ था। यह स्थानीय लोगों के बीच का विवाद था, कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं, जो नहीं होने दिया जाएगा।”
डीएम संजीव ने यह भी बताया कि इस हफ्ते हुए इस विवाद के बाद पुलिस ने दोनों समुदायों के लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था।
एसपी विवेक शुक्ला ने विस्तार से बताया कि 1 जनवरी, 2022 को बलरामपुर ज़िले के अरा गाँव के कुछ लोग कुंडली कला गाँव में नए साल का जश्न मनाने आए थे जिसमें विवाद हो गया। अरा गाँव के समुदाय विशेष के लोग कुंडली काला गाँव में आकर स्थानीय लोगों से लड़ने लगे। झगड़े के बाद वे अपने गाँव वापस चले गए परंतु लड़ाई करने पुनः आ गए।
पुलिस ने पूरे विवाद को लेकर उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और अरा गाँव के 6 लोगों को हिरासत में भी लिया था, परंतु उनकी ज़मानत हो गई। पुलिस अधिकारी शुक्ला ने आगे कहा:
“विवाद का फायदा उठाकर कुछ लोग सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं और नारेबाज़ी कर रहे हैं। जैसे ही हमें शिकायत मिली हम गाँव में गए और लोगों को मामले को सांप्रदायिक रंग न देने और गुमराह न होने की बात कही।”
उन्होंने आगे कहा कि गाँव वालों को अपनी भूल का एहसास हुआ, परंतु वे आरोपितों को पहचानते नहीं हैं। पुलिस अभी भी उनकी तलाश कर रही है। वीडियो की मदद से जल्द ही आरोपितों को हिरासत में लिया जाएगा।