उत्तराखंड राज्य के धारचूला से श्री कैलाश मानसरोवर तक जाने वाली सड़क के निर्माण का कार्य बीआरओ द्वारा पूरा कर लिया गया है। यह मार्ग करीब 60 किलोमीटर लंबा था और इस कार्य के संपन्न होने के बाद यह बताया जा रहा है कि अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा जीप से आसानी से पूरी की जा सकेगी।
उत्तर भारत में हिंदुओं के एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माने जाने वाले कैलाश मानसरोवर के दर्शन करने जाने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा सीधे जीप की जा सकेगी।
धारचूला से कैलाश मानसरोवर जाने वाली करीब 60 किलोमीटर लंबी पट्टी पर बीआरओ द्वारा सड़क बनाने का काम संपन्न कर लिया गया है और कहा जा रहा है कि बर्फ पिघलने के बाद यह सड़क बन कर तैयार हो जाएगी।
उत्तराखंड के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा कैलाश तक जाने वाली इस सड़क की समीक्षा की गई। साथ ही उन्होंने ‘ॐ पर्वत’ का भी दौरा किया।
बता दें कि पहले कैलाश मानसरोवर की यात्रा कठिन होती थी। यात्रा के लिए क्षेत्र में पहले सड़क बनी हुई थी लेकिन इस पर यात्रा करना आसान नहीं था। भारतीय सेना भी पैदल गश्त लगाकर और खच्चरों की मदद से इस मार्ग पर नज़र रखती थी। साथ ही, यात्री भी पैदल या घोड़े-खच्चरों की मदद से ही तीर्थस्थल तक पहुँच पाते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में पद संभालने के बाद इस सड़क पर तेज़ गति से काम पुनः प्रारंभ करवाया गया। रिपोर्ट के अनुसार अब तक लीपुपास तक सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है और अब स्थानीय लोग भी इससे आने-जाने लगे हैं।
इसके आगे सीमा तक सड़क के डामरीकरण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है और बताया जा रहा है कि पहले चरण में इसमें लगभग ₹60 करोड़ लगाया जाएगा। दरअसल सर्दी के मौसम में इस क्षेत्र में अच्छी खासी बर्फ़बारी होती है, जिसके कारण डामरीकरण नहीं हो पाएगा परंतु अगले वर्ष की पहली छमाही में यह सड़क पक्की बन जाएगी।
सड़क मार्ग का कार्य संपन्न होने के बाद कैलाश यात्रा के साथ-साथ व्यास घाटी के अलौकिक ॐ पर्वत की यात्रा भी खासी सरल हो जाएगी और यह भी पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके साथ ही व्यास घाटी के गाँवों में होम स्टे खोलने और सरकार द्वारा इसके लिए मदद करने की भी चर्चा हो रही हैं।