नए साल के पहले दिन ही चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अजेंडा चलाते हुए एक वीडियो साझा किया है। इसमें चीनी सेना के सैनिक एक संदेश के साथ अपने देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएँ दे रहे हैं और सीमाओं की रक्षा करने का दावा कर रहे हैं।
विस्तारवादी सोच से ग्रस्त पड़ोसी देश चीन अपनी ज़मीन कब्ज़ाने और अजेंडा चलाने वाली सोच से पीछे हटता नहीं दिख रहा है। नए साल के पहले दिन ही पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) यानी चीनी सेना ने गलवान घाटी से इस बात का एक उदाहरण पेश किया।
चायनीज मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार गलवान घाटी में भारतीय सीमा के पास कुछ चीनी सैनिकों ने दीवार पर चीनी भाषा में ‘नेवर यील्ड एन इंच ऑफ लैंड’ (Never yield an inch of land) लिखते हुए वीडियो साझा किया।
इस संदेश का अर्थ है कि ‘एक इंच भूमि भी नहीं छोड़ेंगे’। वीडियो में कुछ चीनी सैनिक चीनी भाषा में शपथ लेते हुए दिखते हैं जिसमें वे कह रहे हैं:
“हम देश की पश्चिमी सीमा पर बर्फ से पटे हुए पहाड़ पर खड़े हैं और अपने देश के लोगों को नए साल की शुभकामनाएँ देते हैं। हम मातृभूमि की कसम खाते हैं कि सीमाओं की रक्षा करेंगे।”
वीडियो में सैनिकों के पीछे पहाड़ पर लिखे संदेश को भारत के लिए एक चेतावनी माना जा रहा है। बता दें कि हाल ही में चीन ने अपनी ऐसी ही एक कुटिल विचारधारा का उदाहरण देते हुए भारत के अरुणाचल राज्य में भी 15 से अधिक स्थानों के नाम बदले थे। इन लोगों ने कुछ पहाड़ों, नदियों और स्थानों के नाम बदलकर उन्हें चीनी नाम दिए थे।
जहाँ एक ओर चीन ने यह कदम उठाकर अरुणाचल प्रदेश राज्य पर कब्ज़ा सिद्ध करना चाहा, वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से भी इस विषय में उत्तर देते हुए कहा गया था चीन नाम बदलकर कुछ सिद्ध नहीं कर पाएगा। अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न अंग है और नाम बदलने से तथ्य नहीं बदल जाते।
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र से भी चीनी और भारतीय सैनिकों का एक अन्य वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल होता दिखा। इस वीडियो में एक नदी के आर-पार खड़े चीनी और भारतीय सैनिक बातें करते देखे जा सकते हैं, जिसमें भारतीय सैनिक चीनियों से विवाद पैदा न करने और इस ओर न आने का आग्रह कर रहे हैं।
बता दें कि गलवान घाटी से जारी किया गया वीडियो चीन की एक नई साज़िश माना जा रहा है। यह कोई पहला अवसर नहीं है जब चीन ने गलवान घाटी में भारत के साथ मुकाबला करने का प्रयास किया है। चीन पहले भी घाटी में भारतीय सैनिकों से मुठभेड़ कर चुका है, जिसमें भारत और चीन दोनों देशों के ही कई सैनिक मारे गए थे।
इस घटना के बाद से ही चीन निरंतर इस क्षेत्र में विवाद पैदा करने का प्रयास करता ही रहता है।