भारतीय सेना ने चीन के गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में झंडा फहराने के दावों का खंडन किया है। सेना के सूत्रों के हवाले से खबर है कि जिस जगह पर झंडा फहराया गया, वो विवादित क्षेत्र में न होकर चीन की ही तरफ है।
नए साल के मौके पर चीन ने गलवान घाटी के जिस इलाके में झंडा लगाया और फहराया, वो इलाका हमेशा से चीन की ही सीमा का हिस्सा रहा है और इस क्षेत्र को लेकर कोई नया विवाद नहीं है। भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। चीन की तरफ से जब यह वीडियो सामने आया था, उसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया था।
राहुल गाँधी के साथ ही विपक्ष के दूसरे नेताओं ने भी मोदी सरकार को निशाने पर ले लिया था। भारतीय सेना ने कहा कि जिस जगह पर चीनी झंडा फहराया गया, वो दोनों देशों के बीच असैन्यीकृत क्षेत्र का उल्लंघन नहीं है। इसका मतलब ये झंडा गलवान में नदी के मोड़ के पास नहीं, बल्कि चीनी इलाके में फहराया गया।
सूत्रों के अनुसार, विवादित इलाके से दोनों देशों के सैनिक पहले ही पीछे हट चुके हैं और नया वीडियो उस इलाके का नहीं है, जहाँ पर डिसइंगेजमेंट हुआ था। चीन की तरफ से सोशल मीडिया पर गलवान घाटी के जिस क्षेत्र में चीनी झंडा फहराते हुए वीडियो पोस्ट किया गया है, उस इलाके को लेकर कोई विवाद नहीं है। वह इलाका शुरुआत से ही चीनी नियंत्रण का हिस्सा रहा है।
दूसरे शब्दों में कहें तो चीन ने अपने इलाके में ही झंडा फहराया है। उसने गलवान नदी वाले उस इलाके में झंडा नहीं फहराया, जहाँ भारत-चीन सीमा विवाद चल रहा है। पिछले साल ही गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र से दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को पीछे हटाया था, जिसकी सैटेलाइट तस्वीरों से भी पुष्टि हो चुकी है।
दरअसल 1 जनवरी को चीनी सरकार के विशेषज्ञ शेन शीवेई ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए चीनी सेना के गलवान में चीनी झंडा फहराने का दावा किया था। वीडियो में चीनी सैनिकों को गलवान जैसी दिखने वाली जगह पर चीनी झंडे के साथ देखा जा सकता है।
अपने ट्वीट में शीवेई ने लिखा था, “नए साल 2022 के मौके पर गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराया गया। ये राष्ट्रीय झंडा बहुत विशेष है क्योंकि ये कभी बीजिंग के तियानमेन चौक पर लहराता था।”
चीन की इस हरकत के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उसने सरकार से चीन को मुँहतोड़ जवाब देने की माँग भी की। कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी तुरंत ही भाजपा पर हमलावर हो गए।
कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने कहा, “गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है। चीन को जवाब देना होगा। मोदी जी, चुप्पी तोड़ो!”
वहीं यूथ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी ने सोशल मीडिया पर लिखा था,
“नए साल के मौके पर भारत की गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराया गया। 56 इंच का चौकीदार कहाँ है?”
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था, “सरकार राष्ट्रवाद के बारे में बात करती है, लेकिन चीन को हमारे इलाके पर कब्जा करने दे रही है।”
बता दें कि गलवान घाटी ही वह जगह है जहाँ 15 जून, 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 जवानों ने हिंसक झड़प में बलिदान दिया था। ये दोनों देशों के बीच पिछले 45 साल की सबसे घातक झड़प थी और इसमें चीन के भी दर्जनों सैनिक मारे गए थे। ये झड़प गलवान की नदी के किराने हुई थी और ज्यादातर सैनिक कम तापमान में नदी में गिरने के कारण हताहत हुए थे।