झारखंड और बिहार के बाद मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की नाक के नीचे विदिशा के एक सरकारी स्कूल में मुस्लिम रीति-रिवाजों को लादने का मामला सामने आया है। जिले की एक पुरानी मुस्लिम रियासत कुरवाई में सीएम राइज स्कूल के रूप में चुने गए एक हाईस्कूल में न सिर्फ एक मजारनुमा चबूतरा बनवा दिया गया बल्कि कई सालों से यहाँ राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान और सरस्वती वंदना पर अघोषित रूप से रोक लगा दी गई थी।
उच्च स्तर पर कराई गई जाँच में मामला सही पाए जाने के बावजूद शिक्षा विभाग दोषी प्राचार्य शाहीन फिरदौस को बचाने में लगा है। उसे छुट्टी पर भेजते हुए जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मुदगल ने कुरवाई से ही सटे एक दूसरे स्कूल में तबादले की सिफारिश करते हुए मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की है।
कोई केस कायम नहीं किया गया है। जिले में यह मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग के रवैये पर लोगों में आक्रोश है।
फिलहाल प्रदेश भर में चर्चित यह स्कूल विदिशा का है, जहाँ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सुषमा स्वराज सांसद रहे हैं। करीब 30 हजार आबादी वाले इस नगर में 20 फीसदी आबादी ही मुस्लिम है।
हाईस्कूल में सात सौ से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। इनमें करीब 150 ही मुस्लिम हैं। शाहीन फिरदौस 30 साल से इस स्कूल में जमी थी। लेक्चरार के रूप में आई शाहीन फिरदौस 12 साल से प्राचार्य थीं। शाहीन के शौहर बन्ने खाँ इसी स्कूल में स्पोर्ट्स के टीचर थे, जो दो साल पहले सेवानिवृत्त हो गए।
शाहीन के प्राचार्य बनने के बाद स्कूल पर दोनों का कब्जा ही हो गया। किसी की हिम्मत नहीं थी कि कोई उनके कारनामों के बारे में कहीं शिकायत कर दे। स्कूल का सर्वेसर्वा होने के बाद ही शाहीन ने पुरानी परंपराओं को रोकना शुरू कर दिया। कई सालों से स्कूल में राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत नहीं हुए। फिर वसंत पंचमी के दिन होने वाली परंपरागत सरस्वती पूजा को भी बंद करा दिया गया।
यह मामला तब खुला जब शाहीन फिरदौस और उनके सेवानिवृत्त पति बन्ने खाँ ने स्कूल परिसर में फरवरी 2022 में एक मजारनुमा चबूतरे का निर्माण जोरशोर से शुरू कराया। चबूतरा बनने के दौरान ही स्कूल ब्लॉक का सीएम राइज स्कूल बन गया। इस चबूतरे पर ताबड़ तोड़ मज़ार जैसे पत्थर ऊपर जड़ दिए गए तो सबका ध्यान गया। विभाग को मजार की भनक लगते ही गोपनीय स्तर पर जाँच शुरू की गई।
विदिशा के जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मुदगल के स्तर पर कराई गई जाँच में शिक्षकों और विद्यार्थियों के कथन लिए गए।
संचालनालय तक पहुँची इस जाँच रिपोर्ट में गंभीर खुलासा हुआ है कि प्राचार्य शाहीन फिरदौस ने न सिर्फ राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान की परंपरा को तोड़ा बल्कि स्कूल में नियमित गान बंद करके इनकी जगह अपनी मर्जी से ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’ गाना शुरू करा दिया गया।
यह क्रम कई सालों से जारी था। पति-पत्नी स्कूल पर इस कदर हावी रहे कि कभी इसके बारे में कोई शिकायत की हिम्मत भी नहीं जुटा सका, लेकिन सीएम राइज स्कूल बनने के पहले मजारनुमा चबूतरे के निर्माण ने उनके इरादों का पर्दाफाश कर दिया। सोशल मीडिया पर स्थानीय स्तर पर मामला चर्चा में आने पर हिंदू संगठनों ने स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया था, लेकिन इसे दबा दिया गया।
मामला खुलते ही सबसे पहले विभाग शाहीन फिरदौस के बचाव में जुट गया है। किसी कार्रवाई से उन्हें बचाते हुए सिर्फ छुट्टी पर भेज दिया गया है। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की बजाए जिला शिक्षा अधिकारी मुदगल ने कुरवाई से सटे दूसरे स्कूल में उनके तबादले की सिफारिश तक कमिश्नर अभय वर्मा को कर दी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर जून 2022 में प्रदेश के हर विकासखंड में एक स्कूल को सीएम राइज स्कूल योजना में शामिल किया गया। पहले चरण में 275 स्कूल इसके लिए चुने गए हैं। इनके लिए बजट, पर्याप्त स्टाफ और संसाधन जुटाए जा रहे हैं। कुरवाई का यह स्कूल भी इसी योजना में आया, जो इस्लामी रीति रिवाजों के अनुसार संचालित होता पाया गया।