गाजियाबाद के लोनी प्रकरण में अब बॉलीवुड अभिनेत्री एवं ट्विटर ट्रोल स्वरा भास्कर, प्रोपेगेंडा पत्रकार आरफा खानम शेरवानी, ट्विटर इंडिया के आसिफ खान और ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी के खिलाफ पुलिस के पास शिकायत दर्ज की है।
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के साथ ही ट्विटर ट्रोल स्वरा भास्कर एवं प्रोपेगेंडा पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने भी बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट के वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया था।
‘जय श्री राम’ के फर्जी दावे का खंडन होने के बाद भी स्वरा यह बात स्वीकारती देखी गई कि बुजुर्ग व्यक्ति से ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए गए। ख़ास बात यह है कि यह वीडियो बिना किसी आवाज के यानी, म्यूट कर के ट्वीट किया गया था।
स्वरा भास्कर इस बात पर भी जोर देती देखी गई कि आरोपितों में ‘हिन्दू आरोपित’ प्रमुख थे।
इन सभी के खिलाफ एडवोकेट अमित आचार्य ने दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। हालाँकि, इस शिकायत पर अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस मामले पर अपनी जाँच शुरू कर दी है।
इस घटना पर पीड़ित बुजुर्ग व्यक्ति का बयान भी सामने आया है-
गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा पहले ही एक FIR में ट्विटर, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, प्रोपेगेंडा समाचार वेबसाइट ‘द वायर’, कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर, राणा अय्यूब, कॉन्ग्रेस नेता शमा मोहम्मद, सलमान निजामी, मस्कूर उस्मानी और सबा नकवी को इसी मामले में नामजद किया गया है।
एक स्थानीय पुलिसकर्मी की शिकायत के आधार पर मंगलवार (15 जून, 2021) रात करीब 11 बजे गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस थाने में यह प्राथमिकी दर्ज की गई।
ट्विटर और इन तमाम आरोपितों पर एक वीडियो को गलत दावे के साथ प्रकाशित करने के लिए एफ़आईआर दर्ज़ की गई है। इन सभी आरोपितों के द्वारा वीडियो में दावा किया गया कि एक बुजुर्ग व्यक्ति को कुछ हिन्दुओं द्वारा पीटा गया और ‘जय श्री राम’ तथा ‘वन्देमातरम’ का नारा लगाने के लिए कहा गया।
इसके अलावा, लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी बुधवार (16 जून 2021) AIMIM नेता ओवैसी एवं स्वरा भास्कर के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ रासुका के तहत केस दर्ज करने के संबंध में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। गुर्जर ने इन सभी पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है।
गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार (15 जून,2021) को ट्विटर, कुछ पत्रकारों और कॉन्ग्रेस नेताओं सहित 9 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण इरादे से एक वीडियो शेयर करने के आरोप में FIR दर्ज की है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर अब्दुल समद नाम के एक बुज़ुर्ग का वीडियो वायरल किया गया, जिसमें एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को कुछ लोग पीट रहे हैं। मोहम्मद ज़ुबैर द्वारा इसे ट्वीट करने से पहले वीडियो से आवाज़ हटा दी गई थी, जिससे ये पता नहीं चल पा रहा था कि बुजुर्ग और मारपीट करने वाले लोगों के बीच क्या बात-चीत हो रही है।
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और मज़हबी फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने इसे साम्प्रदायिक रँग देते हुए यह कह कर शेयर किया कि एक मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति को ‘हिन्दू कट्टरपंथी’ पीट रहे हैं और उनसे जबरन ‘जय श्री राम का’ नारा लगवा रहे हैं।
कुछ ही देर में जुबैर ने उस पीड़ित व्यक्ति का वीडियो शेयर किया, जिसमें वह भी दावा कर रहा है कि उनकी पिटाई करने वालों ने उससे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था। हालाँकि बाद में जुबैर ने अपना ये ट्वीट हटा दिया, लेकिन तब तक यह भ्रामक वीडियो अपने अजेंडे के साथ यह सोशल मीडिया पर पूरी तरह वायरल हो चुका था।
पुलिस ने इस मामले की जाँच की तो पता चला कि वीडियो में दिख रहे पीड़ित बुजुर्ग का नाम सूफी अब्दुल समद है और उसकी पिटाई करने वालों में कुल 6 लोग शामिल थे।
ये सभी आरोपित अब्दुल समद द्वारा बेचे गए ताबीज को लेकर नाखुश थे। दरअसल तंत्र-मंत्र साधना करने वाले अब्दुल समद बुरी नजर से बचाने के लिए ताबीज़ बना कर देता है। ताबीज़ से फायदा न मिलने पर आरोपितों ने बुजुर्ग की पिटाई की थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बुजुर्ग पर हमला करने वाले कल्लू, आदिल, पॉली, आरिफ, मुशाहिद और परवेश गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब्दुल समद की पिटाई की घटना उसके आवास पर 5 जून को हुई थी।
5 जून को हुई घटना के दो दिन बाद ही भारतीय दंड संहिता की धारा 342, 323, 504 और 506 में मामला दर्ज किया जा चुका था। उस वक्त सूफी अब्दुल समद ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में यह कहीं नहीं लिखा था कि उनकी दाढ़ी काटी गई या उनसे जबरन ‘जय श्री राम’ और ‘वन्दे मातरम’ बुलवाया गया।