इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष के बीच दिल्ली प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अली मेहदी ट्विटर पर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, अली मेहदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया है, जिसमें वो अल्लाह से इजराइल के विनाश की दुआ माँग रहे हैं।
यहूदी राष्ट्र के प्रति अपनी नफरत को व्यक्त करने के लिए अली मेहदी ने ट्विटर पर हिजाब पहने हुए एक युवती का पोस्टर शेयर किया। इस पोस्टर के साथ अली मेहदी ने लिखा था, “अल्लाह इजराइल को तबाह कर देगा इंशाअल्लाह। अल्लाह-हू-अकबर।”
इस ट्वीट पर विवाद बढ़ने के बाद मेहदी अली ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि गाजा पट्टी से दागे गए रॉकेट के जवाब में इजराइली प्रधानमंत्री बेन्ज्यमिन नेतन्याहू ने गाजापट्टी में आतंकी गिरोह हमास को चेतावनी देते हुए कहा था कि इस्लामी आतंक को इजराइल में उपद्रव को बढ़ावा देने के गंभीर क़ीमत चुकानी पड़ेगी।
इससे पूर्व, पिछले सप्ताह अलविदा जुम्मे की नमाज पर की रात यरुशलम की अल-अक़्सा मस्जिद में फ़लस्तीनियों द्वारा की गई पत्थरबाजी और उपद्रव के जवाब में इजराइली पुलिस ने उन्हें नियंत्रण में लाने के लिए रबड़ की गोलियाँ और आँसू गैस का इस्तेमाल किया। इस बीच इजराइली सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई जो कि शनिवार और रविवार रात भी जारी रहीं।
शुक्रवार (मई 07, 2021) को इज़राइल की अल-अक्सा मस्जिद में हुए इज़राइली पुलिस तथा फिलिस्तीनियों के बीच के संघर्ष ने एक अब खतरनाक रूप ले लिया है। रविवार रात को गाज़ा पट्टी से इज़राइली सीमा के भीतर दो रॉकेट दागे गए। इज़राइली रक्षा बल द्वारा ट्वीट करके इस घटना का वीडियो जारी किया गया।
गाज़ा पट्टी से दागे गए इन रॉकेट के प्रतिकार में इज़राइली वायु सेना ने रविवार तड़के दक्षिणी गाजा में हमास सैन्य अड्डों पर हमला करते हुए कहा कि आतंकवादियों को इज़राइली सीमा में उपद्रव फैलाने के परिणाम भुगतने होंगे।
संपूर्ण मामला शुक्रवार को इज़राइल की अल-अक्सा मस्जिद से प्रारंभ हुआ था। यह मस्जिद यरुशलम क्षेत्र में स्थित है तथा यह यहूदियों, ईसाइयों तथा मुसलमानों तीनों का ही एक पवित्र स्थल माना जाता है। जहाँ मुसलमानों के लिए यह विश्व का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है, वहीं यहूदी इसे टेंपल माउंट के नाम से जानते तथा सदियों से पूजते आए हैं। यह स्थल पहले भी कई बार इज़राइल-फिलिस्तीन के बीच विवादों का कारण बन चुका है।
रमज़ान के आखिरी जुम्मे पर अल-अक्सा मस्जिद में हज़ारों मुसलमानों की भीड़ एकत्रित हो गई जिसकी पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई। बवाल में कई फिलिस्तीनी घायल हुए तथा कई पुलिस वालों को भी चोटें आईं।
मामले ने आगे चलकर नया मोड़ ले लिया तथा गाज़ा द्वारा रविवार रात्रि के समय इज़राइली सीमा में कई रॉकेटों द्वारा हमला किया गया। हर बार की तरह इज़राइली सेना ने भी मुँहतोड़ जवाब दिया तथा प्रतिकार में गाज़ा पट्टी पर मिसाइलें दागीं।
इज़राइली रक्षा बल ने ट्वीट करके बताया कि इसके उपरांत सुबह 7:00 बजे भी दक्षिणी इज़राइल पर पुनः टीन रॉकेटों से हमला किया गया है, तथा इज़राइली सीमा में आतंक का माहौल बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है।
फिलिस्तीन सदा ही विश्व के समक्ष स्वयं को इज़राइल के विरुद्ध एक पीड़ित के रूप में प्रस्तुत करता रहा है। परंतु इस बार विभिन्न संगठनों तथा फिलिस्तीनी राष्ट्रपति द्वारा भी मामले को और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) द्वारा संचालित एक टीवी साक्षात्कार के दौरान इस्माइल हनीय नामक हमास गिरोह के सरगना द्वारा इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी गई कि वे ‘यरुशलम में आग से खेलने का प्रयत्न न करें, क्योंकि न तो उनकी पुलिस न ही सेना इस जंग में फिलिस्तीन को हराने में सक्षम होगी’।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भी कहा कि इस पूरे बवाल के पीछे इज़राइली सरकार उत्तरदायी है तथा वे अल-अक्सा मस्जिद में लड़ने वाले फिलिस्तीनी नायकों का पूर्ण समर्थन करते हैं।
समस्त घटनाक्रम को देखते हुए अमेरिका ने कहा कि वह इज़राइल एवं फिलिस्तीन के बीच अराजकता को लेकर खासे चिंतित हैं। खाड़ी राज्यों में शांति स्थापित करने के पैरोकार रूस, यूरोप संघ तथा यूनाइटेड नेशन (UN) ने भी मामले पर चिंता व्यक्त की।
इज़राइल के पुराने प्रतिद्वंदी मिस्र तथा जॉर्डन ने पूरे मामले पर इज़राइल द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा की। UAE ने भी अल अक्सा मस्जिद में हुई घटना की कड़ी निंदा की है।
भारत में रविवार रात्रि में ट्विटर पर #IndiaStandsWithIsrael हैशटैग चला, तथा कई चर्चित एकाउंट्स द्वारा इज़राइली सेना के समर्थन में ट्वीट भी देखने को मिले। लोगों का कहना है कि फिलिस्तीन के साथ आज वही लोग खड़े हैं, जिन्होंने 1947 में भारत का विभाजन किया था।