BLM के लिए झुकने से इंकार करने पर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डिकॉक टीम से बाहर

26 अक्टूबर, 2021
क्विंटन डिकॉक ने किया BLM मूवमेंट में घुटने टेकने से इंकार

खेल, राजनीति और निजी विचारधाराओं को अलग-अलग रखने की वकालत करने वाले हाल ही में चल रहे टी-20 क्रिकेट विश्व कप में अमेरिकी आंदोलन ब्लैक लाइव्स मैटर (Black Lives Matter) को लेकर अचानक राय बदलते दिख रहे हैं।

यह उस समय साफ हो कर सामने आया जब दक्षिण अफ्रीका के दाएँ हाथ के बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक (Quinton de Kock) ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के चलते मैदान में घुटने टेक कर (Bending the knee) प्रदर्शन करने से इनकार कर दिया। कहा जा रहा है कि इसी कारण उन्हें मंगलवार के दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच खेले जा रहे मैच का हिस्सा नहीं बनाया गया।

24 अक्टूबर, 2021 को भारत पाकिस्तान के बीच हुए विश्वकप टी-20 के मुकाबले में भारतीय टीम द्वारा मैदान में घुटनों पर बैठकर अमेरिका के  ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट के समर्थन में अपनी संवेदना प्रकट की गई थी।

बता दें कि यह आंदोलन गत वर्ष अमेरिका में हुआ था और उसके चलते देश के कई बड़े हिस्सों में भीषण उपद्रव मचाया गया था। इस उपद्रव में कई दुकानों को लूटा गया, शहर में आग लगाई गई और कई लोगों की मृत्यु तक हो गई थी।




25 मई, 2020 को एक अमेरिकी पुलिसकर्मी द्वारा 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लोएड को सड़क पर यातना दी गई थी, जिसके कारण उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी और इसीके बाद ही पूरे अमेरिका में  ब्लैक लाइव्स मैटर के नाम पर आंदोलन चला था।


वर्तमान में चल रहे टी-20 विश्वकप में मंगलवार (26 अक्टूबर, 2021) को दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच मुकाबला खेला जाना था, जिसमें क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) बोर्ड द्वारा सोमवार को ऐलान किया गया:

“सभी खिलाड़ियों को सोमवार शाम को सीए से बोर्ड के निर्देश के अनुसार नस्लवाद यानी रेसिस्म के विरुद्ध एकजुट होकर मैदान में घुटने टेकना आवश्यक होगा।”

आगे यह भी कहा गया कि नस्लवाद के विरुद्ध यह एक वैश्विक संदेश है, इसीलिए इसे खेल और खिलाड़ियों द्वारा अपनाया गया है।

डीकॉक ने रखा अपना पक्ष 

इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने इस मामले में दूरी बनाते हुए इस कृत्य से इंकार कर दिया और कहा जा रहा है कि इसी कारण उन्हें मंगलवार को हो रहे मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीकी टीम में जगह नहीं दी गई। हालाँकि टॉस के दौरान दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान टेम्बा बावुमा ने कहा कि उन्होंने कुछ निजी कारणों के चलते मैच में न खेलने का निर्णय लिया है।

बता दें कि डिकॉक ने पहले भी कुछ मैचों में इस मुहिम के तहत घुटने टेकने से इनकार कर दिया था और उसे अपनी निजी राय बताया था। उन्होंने कहा था:

“यह सबका निजी फैसला होता है। किसी को कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। मैं इस तरह से इन चीजों को देखता हूँ।”


भारतीयों की भी हुई थी आलोचना 

जहाँ इंटरनेट इस मुद्दे पर 2 धड़ों में बँट गया है, वहीं अधिकतर लोगों का कहना यह है कि इस मामले में आईसीसी या कोई भी क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को किसी मुहिम में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। यह खिलाड़ियों का निजी फैसला होना चाहिए।


कई लोगों का यह भी मानना है कि यह आंदोलन किसी जाति, नस्ल या लिंग के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि यह एक राजनीतिक आंदोलन है जिसे कुछ कुछ लोग केवल अपने लाभ के लिए प्रयोग कर रहे हैं और खेल जैसी चीज़ों को एक माध्यम बनाकर इसका वैश्विक स्तर पर प्रचार किया जा रहा है।

बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच 24 अक्टूबर को हुए मुकाबले में भारतीय टीम द्वारा भी  ब्लैक लाइव्स मैटर के चलते मैदान में घुटने टेके गए थे। इसके चलते कई लोगों ने भारतीय टीम की आलोचना भी की थी।

लोगों का कहना था कि ब्लैक लाइव्स मैटर या रंग देखकर नस्लभेद करने जैसी चीज़ों का जब भारतीय खिलाड़ियों, लोगों या भारतीय संस्कृति से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं तो टीम किस बात का अपराध बोध कर रही है या किसे यह संदेश देना चाहती है?



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