इंटरनेट पर कुछ दिनों पहले ‘सुल्ली डील्स’ (Sulli Deals) नामक एक ऐप ने खासी चर्चा बटोरी थी। देश के कथित मीडिया समूहों द्वारा इसे ‘मुस्लिम महिला विरोधी’ बताया गया और इस पर खूब घमासान मचा। दावे किए गए थे कि इस ऐप में मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जाती है।
अब इस पूरी ऐप के पीछे जावेद नाम के एक शख्स का नाम सामने आ रहा है, जिसने हिंदुओं को बदनाम करने के लिए ये सब किया। एक ट्विटर यूज़र द्वारा किए गए खुलासे में जावेद नाम का एक व्यक्ति ये स्वीकार कर रहा है कि ‘सुल्ली ऐप’ उसने ही बनाई ही थी। इस पूरी बातचीत की स्क्रीन रिकॉर्डिंग @dankchikitsak नाम के ट्विटर यूज़र ने अपलोड की है। (आर्काइव लिंक)
चैट रिकॉर्डिंग में जावेद एक मुस्लिम लड़की से बातचीत करते हुए स्वीकार कर रहा है कि ‘सुल्ली’ जैसी कई ऐप बनाने की करामात उसी ने की थी। उसका कहना है कि लोगों के बीच इन्टरफेथ रिलेशनशिप को बढ़ावा देने के लिए उसने ये दोनों अकाउंट बना रखे हैं।
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जावेद नाम के व्यक्ति को चैट में डींगें मारते देखा जा सकता है कि कैसे उसने ‘सुल्ली डील’ ऐप बनाई और उसका इल्जाम हिंदुओं पर डाल दिया। जावेद ने इस बात को माना है कि ट्विटर पर वह दो फेक अकाउंट चलाता है, जिसमें से एक तो मुस्लिम नाम ‘ज़ुबैर’ से है तथा दूसरा फेक अकाउंट हिन्दू ‘राजीव’ के नाम से है।
जुबैर वाले अकाउंट से वह हिन्दू लड़कियों के खिलाफ अश्लीलता फैलाता है, जबकि राजीव वाले अकाउंट से वो मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक कमेन्ट और ‘डील’ करता था। वह हिंदुओं को घृणा से सना बताते हुए कहता है कि ये लोग लव-जिहाद जैसे ‘फ़र्ज़ी अजेंडे’ चलाते हैं।
जावेद की असली तस्वीर भी साझा की गई है। इस खुलासे के बाद जावेद ने अपने सभी अकाउंट बन्द कर लिए हैं। ‘ट्विटर पुलिस’ ने भी इस मामले में साइबर सेल में शिकायत करने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है। जबकि इस मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल पहले ही आपराधिक मुकदमा दर्ज कर जाँच कर रही है।
बता दें कि ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप के मामले में दहाड़ें मार-मार कर इसे ‘हिंदुओं द्वारा की गई साज़िश’ साबित करने के लिए वामपंथी मीडिया ने खूब अजेंडा चलाया था। बिना सबूतों और तथ्यों के ऐसा कहने का प्रयास किया जा रहा था कि यह हिंदू युवकों द्वारा मुस्लिम महिलाओं के विरुद्ध बनाया गया एक ऐप है।
हालाँकि ऐप के अस्तित्व एवं उसके पीछे जिम्मेदार लोगों को लेकर कोई प्रमाण तक मौजूद नहीं थे। इस ‘सुल्ली डील’ नामक ऐप के सोर्स तक का किसी को पता नहीं था और यह भी जानकारी नहीं थी कि जिन महलाओं का प्रोफाइल इस ऐप पर था, वे महिलाएँ इस पर अपनी इच्छा से थीं या यह असल में एक साज़िश थी?
अभी भी इस ऐप के बारे में किसी को जानकारी नहीं है और जाँच चल ही रही है, लेकिन जिस तरह से एक गिरोह ने योजना बना कर हिंदुओं पर हमला बोला वह बताता है कि बात ऐप की नहीं, हिंदुओं को निशाना बनाने की थी।
इस पूरे मामले पर जब जावेद से सम्पर्क किया गया तो उसने चैट की बात स्वीकार कर ली और कहा कि नॉर्मल चैट थी जिसमें वह दोनों ही समुदायों के बीच रिलेशनशिप की बात कर रहा है।
उसने कहा कि सुल्ली डील को लेकर किसी तरह की बात उक्त युवती से नहीं हुई। उसका कहना है कि उसने किसी एक समुदाय को लेकर गलत नहीं बोला न ही कोई ऐसी बात कही जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत होती हो। उसने लड़की को इम्प्रेस करने के लिए ये सब बातें उससे कही, इसके पीछे किसी तरह की कोई योजना नहीं थी।
उसने कहा कि वह पढ़ने-लिखने वाला छात्र है और उसे इस मामले में पड़ना ही नहीं था। अगर किसी को उसकी वजह से भावनात्मक चोट पहुँची हो तो वह सार्वजनिक माफी माँगता है।
हाल ही में इंटरनेट पर इस तरह के कई मामले भी सामने आए हैं, जहाँ अलग-अलग मोबाइल ऐप और वेबसाइट्स पर हिंदू लड़कियों के आपत्तिजनक चित्र देखे जा रहे हैं। ऐसे कई ग्रुप बनाए गए हैं जहाँ चिन्हित करके हिंदू लड़कियों के चित्र, मॉर्फ्ड चित्र और वीडियोज़ डालने के बात कहीं जाती हैं।
इन ग्रुप्स में जुड़ने के लिए संचालकों द्वारा कुछ नियम तक बनाए गए हैं, जिनमें आपका मुस्लिम नाम होना आवश्यक होगा और आप हिंदू लड़कियों की फोटो या वीडियो ग्रुप पर डालेंगे। इन एप, चैनल्स और ग्रुप्स में हिन्दू महिलाओं के लिए बेहद घटिया भाषा प्रयोग की जा रही है।
ये सभी ग्रुप्स, चैनल्स और ऐप और इन्हें चलाने वाले लोगों की प्रोफाइल सामने हैं, जिनमें लगभग सभी नाम मुस्लिम हैं। इनके द्वारा चिन्हित करके हिंदू लड़कियों की व्यक्तिगत जानकारियाँ आपत्तिजनक रूप से साझा की जा रही हैं, लेकिन सुल्ली डील पर एक पैर नाचने वाला मीडिया हिन्दू महिलाओं के साथ हो रहे इस खेल पर एकदम ‘चुप्पी’ साधे बैठा है।
सुल्ली डील के पीछे जावेद उर्फ़ ज़ुबैर के होने के दावे पर भी मुस्लिम-परस्त कथित लिबरल और फेमिनिस्ट गैंग बिल्कुल शांत दिख रहा है, लेकिन यही चैट अगर ‘जावेद’ के बजाय किसी ‘राजीव’ की होती, जिसमें वो झूठ भी स्वीकार कर रहा होता कि सुल्ली डील ऐप उसने बनाई है तो यही लोग इस मुद्दे पर बॉर्नवीटा पीकर गद्य लिख रहे होते।
सुल्ली डील्स प्रकरण पर आप डू-पॉलिटिक्स एडिटर अजीत भारती का विस्तृत वीडियो इस यूट्यूब लिंक पर देख सकते हैं