नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में देरी होने के कारण दिल्ली के डॉक्टरों में ख़ासा रोष है। डॉक्टरों ने सोमवार 27 दिसंबर, 2021 को दिल्ली की सड़कों पर इसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में डॉक्टरों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई।
इस घटना के बाद बाद पुलिस ने डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की जिसकी एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने आलोचना की है और बुधवार 29 दिसंबर, 2021 को सभी गैर आपातकालीन सेवाओं को रोकने की धमकी भी दी है।
दिल्ली में नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग को लेकर पिछले कुछ समय से रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। ये डॉक्टर केंद्र सरकार से पीजी नीट की काउंसलिंग को जल्द कराने की माँग कर रहे हैं जो एक लम्बे समय से अटकी हुई है। इसी मामले में डॉक्टरों का विरोध सोमवार को सड़कों पर उतर आया और आंदोलनकारी डॉक्टरों ने आईटीओ पर विरोध मार्च निकाला प्रारंभ किया।
इसके बाद डॉक्टरों को पुलिस द्वारा रोक दिया गया और इसी दौरान पुलिस और डॉक्टरों के बीच हल्की-फुल्की झड़प हो गई। इसके बाद मौके पर से पुलिस ने 12 डॉक्टरों को हिरासत में ले लिया और करीब 7 पुलिसकर्मियों को भी हल्की चोटें आई हैं।
पूरे मामले को लेकर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने कहा है कि वे विरोध प्रदर्शन करते हुए सभी स्वास्थ्य संस्थान बंद करेंगे।
इसके साथ ही FORDA द्वारा यह भी कहा गया कि देश के समस्त चिकित्सा समूह को इस घटना की निंदा करनी चाहिए और उन्हें भी आगे आना चाहिए। FORDA ने एक प्रेस रिलीज में बुधवार (29 दिसंबर, 2021) की सुबह 8:00 बजे से सभी स्वास्थ्य सेवाओं को रोकने की चेतावनी भी दी है।
उन्होंने आगे प्रेस रिलीज में डॉक्टरों की गिरफ्तारी के लिए सरकार और पुलिस से माफी की माँग की और कहा कि अगर 24 घंटों में इसे लेकर कोई जवाब नहीं आता है तो एम्स आरडीए 29 दिसंबर से गैर आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अस्पताल की सारी सेवाएँ बंद कर देगा।
पूरे मामले ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है। 27 दिसंबर को कॉन्ग्रेस की प्रियंका गाँधी वाड्रा द्वारा केंद्र सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया गया, जिसमें उन्होंने लिखा:
“कोरोना के समय में युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले इनकी माँगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाए। डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए।”
बता दें कि नीट पीजी 2021 काउंसलिंग का मामला एक लंबे समय से सर्वोच्च न्यायालय में अटका हुआ है। इस विषय में न्यायालय 27% ओबीसी और 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर समीक्षा कर रहा है। डॉक्टरों ने यह माँग भी सामने रखी है कि यह सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए और जल्द नीट पीजी काउंसलिंग कराई जाए।