बहुचर्चित फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी (Sabyasachi Mukherjee) द्वारा डिजाइन किए गए एक मंगलसूत्र के विज्ञापन में बहुत कम कपड़े पहने एक महिला को गले में दो मंगलसूत्र पहने और बिंदी लगाए दिखाया गया था।
पिछले कुछ दिनों में Sabyasachi के इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर ख़ासा विवाद छिड़ गया था और इस विज्ञापन की खूब आलोचना हुई। मध्य प्रदेश राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले में सब्यसाची को यह विज्ञापन वापस लेने की चेतावनी दी थी। इसके बाद ही सब्यसाची द्वारा विज्ञापन और अपना कैम्पेन वापस ले लिया गया।
नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को विज्ञापन हटाने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर विज्ञापन नहीं हटा तो वह कानूनी कदम उठाएँगे।
पिछले कुछ दिनों में ‘फैबइंडिया‘, डाबर और अब सब्यसाची द्वारा निरंतर ऐसी चीजों को लेकर विज्ञापन और कैंपेन बनाए जा रहे हैं जिनसे हिंदू धर्म के अनुयायियों को आहत किया जा सके। कुछ दिनों पहले ‘फैबइंडिया’ द्वारा ऐसा ही कृत्य किया गया था और अब बहुचर्चित फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने भी एक ऐसा ही कैंपेन चलाया।
कुछ दिनों पहले इनके द्वारा चलाए गए मंगलसूत्र संबंधित कैम्पेन के एक विज्ञापन में एक महिला को लगभग नग्न अवस्था में दिखाया गया और महिला को दो मंगलसूत्र पहन कर एक बिंदी लगाई गई थी।
यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर खासा आलोचना का शिकार बना और सब्यसाची को भी लोगों ने हिन्दुओं के रीति-रिवाज़ों में अश्लीलता दिखाने को लेकर जमकर निशाना बनाया। मध्य प्रदेश के राज्य गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को 24 घंटों का समय दिया और विज्ञापन हटाने की चेतावनी देते हुए कहा:
“मैंने पहले भी चेतावनी दी है और मैं डिजाइनर सब्यसाची को निजी तौर पर 24 घंटे का समय देता हूँ। अगर उन्होंने 24 घंटों में अपना यह विज्ञापन नहीं हटाया जिसमें आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री है तो उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई होगी।”
मिश्रा ने कहा कि मंगलसूत्र माँ पार्वती और भगवान शिव का अंश माना जाता है, अर्थात यह एक पवित्र वस्तु है। मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह सवाल भी उठाया कि हर बार केवल हिंदू धर्म को ही विज्ञापनों में इस्तेमाल क्यों किया जाता है? अगर किसी में हिम्मत है तो वे किसी अन्य पंथ के साथ इस प्रकार का कृत्य करके दिखाएँ।
इसके उपरांत रविवार रात को सब्यसाची द्वारा अपना यह कैंपेन वापस ले लिया गया। इस मामले में ब्रांड की ओर से कहा गया:
“मंगलसूत्र अभियान का उद्देश्य समान अधिकारिता के बारे में बात करना और विरासत और संस्कृति को गतिशील बनाने के संदर्भ में था। हमें इस बात का गहरा दुख है कि इसने हमारे समाज के एक वर्ग को आहत किया है इसलिए हमने इस अभियान को वापस लेने का फैसला किया है।”
कुछ दिनों पहले फैबइंडिया द्वारा भी भारी विरोध के बाद इसी प्रकार की व्याख्या दी गई थी कि उनका कैम्पेन दिवाली के विषय में नहीं था और उनका किसी को आहत करने का कोई उद्देश्य नहीं था।
पिछले कुछ वर्षो में दिवाली और अन्य हिन्दू त्योहारों के अवसर पर अक्सर कई कंपनियों द्वारा जानबूझकर इस प्रकार के विज्ञापन बनाना अब आम सी बात हो गई है।
लोगों का यह भी कहना है कि इन कंपनियों ने अब हिंदुओं को आहत करके ‘जान आक्रोश’ के माध्यम से प्रचार कराने का यह सस्ता तरीका खोज निकाला है।