पंजाब में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने अवैध खनन माफिया से संबंधित व्यक्ति के घर छापा मारा है। यह व्यक्ति पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का करीबी रिश्तेदार बताया जा रहा है, हालाँकि अब तक विभाग की ओर से इस मामले में कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं आई है परंतु बताया जा रहा है जिस व्यक्ति के घर छापा पड़ा है वह अवैध रेत खनन माफिया सिंडिकेट का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अगले माह पंजाब समेत पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जहाँ एक ओर सभी राज्यों में राजनीतिक उठापटक बनी हुई है, वहीं केंद्रीय संस्थाएँ भी इस समय खासी चुस्त मालूम पड़ती हैं। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से जुड़े इत्र के व्यापारी के घर छापा मारा गया था और अब पंजाब से भी ऐसी ही एक सूचना आ रही है।
मंगलवार (18 जनवरी, 2022) की सुबह एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के एक रिश्तेदार के साथ-साथ 9 अन्य जगहों पर छापे मारे हैं। बताया जा रहा है कि मोहाली में होमलैंड सोसाइटी के जिस मकान पर संस्था द्वारा छापा मारा गया है वह चन्नी के साले के लड़के का है। इस व्यक्ति का नाम भूपिंदर सिंह हनी है।
ED ने वर्ष 2018 में कुदरतदीप सिंह के विरुद्ध रेत खनन को लेकर शिकायत दर्ज की थी और इसमें भूपिंदर सिंह हनी का भी नाम था। पूरी घटना को लेकर होमलैंड सिटी के मैनेजर ने बताया:
“ED की टीम सुबह करीब 8 बजे के आसपास आई, जिसमें सीआरपीएफ के अधिकारी भी थे। अधिकारियों ने हमें बताया कि उन्हें टावर 5 की 53 नंबर में जाना है। इसके बाद दोनों गेट सील कर दिए गए, जो बाद में 9 बजे खोल दिए गए। वे लोग अभी भी अंदर हैं।”
पंजाब में अवैध रेत खनन का मुद्दा पहले भी उठ चुका है। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के एक दौरे में कहा था कि पंजाब के मुख्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र चमकौर साहिब में अवैध बालू का खनन हो रहा है और उनके निर्वाचन क्षेत्र में ही यह हो रहा है तो इस बात पर विश्वास करना भी कठिन है कि मुख्यमंत्री को इस विषय में जानकारी न हो।
दिल्ली का मुख्यमंत्री ने चन्नी पर भी बालू चोरी के गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि पंजाब की जनता यह जानना चाहती है कि क्या चन्नी अवैध रेत खनन के मालिक हैं या वे इसके आरोपितों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
पूरे मामले को लेकर चन्नी ने मीडिया को बयान दिया:
“ये लोग मुझे निशाना बना रहे हैं और आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर मुझ पर दबाव डालना चाहते हैं। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। हम इससे लड़ने के लिए तैयार हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के समय भी ऐसा ही हुआ था।”