गत सप्ताह दिल्ली के ग़ाज़ीपुर फूल मार्केट में मिले आईईडी (IED) विस्फोटक को लेकर हाल ही में एक खुलासा सामने आया है। अल कायदा इस्लामी आतंकी संगठन से जुड़े कश्मीर के एक मुजाहिद्दीन ग़ज़वात-उल- हिंद (MGH) नामक संगठन ने इस कृत्य की ज़िम्मेदारी ली है।
कुछ दिनों पहले दिल्ली के ग़ाज़ीपुर फूल मार्केट से इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोटक बरामद किया गया था। दिल्ली पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने इस विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया था परंतु गणतंत्र दिवस से पहले राजधानी में इस प्रकार की सुरक्षा की चूक को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए थे।
हाल ही में इसी विषय पर सोमवार (17 जनवरी, 2022) को एक नया खुलासा हुआ, जिसमें दिल्ली पुलिस के एक अफसर ने मीडिया के सामने अपना नाम न बताते हुए यह जानकारी दी कि एक टेलीग्राम ग्रुप पर यह दावा किया गया है कि यह आईडी किसी तकनीकी खराबी के कारण फट नहीं सका।
आगे बताया गया:
“संदेश में कथित आतंकी संगठन ने यह भी कहा कि यह विस्फोटक नहीं फटा इसका मतलब यह नहीं है कि उनके संगठन की योजना विफल रही है।”
आगे इस संगठन ने एजेंसियों को इस तरह के और भी आतंकी हमलों की चेतावनी दी है।
बता दें कि इस पूरे दावे पर अब तक कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है और क्योंकि इस संगठन का यह दावा एक इंक्रिप्टेड प्लेटफार्म के माध्यम से किया गया है, इस कारण जाँच एजेंसियों को इस संदेश के स्रोत का पता लगाने में भी काफी मुश्किल हो रही है।
इस विषय में जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने जानकारी दी कि यह आतंकी संगठन खितब कश्मीरी नामक एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया था। यह व्यक्ति अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर लड़ चुका है और फिलहाल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रह रहा है।
बता दें कि मुजाहिद्दीन ग़ज़वात-उल- हिंद (MGH), अंसार ग़ज़वात-उल- हिंद (AGuH) से जुड़ा संगठन बताया जा रहा है, जिसे कश्मीरी आतंकी ज़ाकिर रशीद भट्ट द्वारा बनाया गया था। इस आतंकी को ज़ाकिर मूसा के नाम से भी जाना जाता था और इसे मई, 2019 में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा ढेर कर दिया गया था।
इन आतंकी संगठनों के विषय में आगे जम्मू कश्मीर पुलिस के विजय कुमार ने बताया:
“अभी इस विषय में पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये दोनों संगठन एक ही हैं या अलग-अलग परंतु ये एक ही विचारधारा साझा करते हैं। जिस तरह लश्कर-ए-तैयबा को घाटी में द पीपल्स एंटी फासिस्ट फ़ोर्स(PAFF) या जैश-ए-मोहम्मद जैसे मुखोटे पहनाए गए हैं, वैसे ही हो सकता है MGH भी AGuH का एक मुखौटा हो।”