राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य के गुड़गाँव (गुरुग्राम) में एक लंबे समय से सरकारी भूमि पर नमाज़ पढ़ने को लेकर विवाद चल रहा है। बीते कई शुक्रवारों से चला आ रहा यह विवाद अभी भी जारी है। इस बार हिंदू पक्ष के लोगों ने इस भूमि पर वॉलीबॉल कोर्ट बना देने की बात कही है।
गुड़गाँव के सेक्टर 12A में पिछले कई दिनों से सरकारी भूमि पर नमाज़ पढ़ने के मामले में 2 सप्ताह पूर्व खुले में नमाज़ का विरोध कर रहे 30 से अधिक लोगों को 29 अक्टूबर, 2021 को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इस बार भी यह विवाद जारी रहा।
इस बार सरहौल गाँव के कुछ लोग और ‘मानवता संगठन’ नाम के एक समूह से जुड़े लोगों ने पार्क को अपने नियंत्रण में लेते हुए नमाज़ पढ़ने को पूरी तरीके से रोकने की बात कही और उन्होंने कहा कि वे यहाँ वॉलीबॉल ग्राउंड बनाने का सोच रहे हैं।
एक स्थानीय व्यक्ति वीर यादव ने कहा:
“हम यहाँ नेट लगाएँगे और एक वॉलीबॉल कोर्ट तैयार होगा, जिसमें बच्चे खेलेंगे। कुछ भी हो जाए, हम यहाँ नमाज़ नहीं पढ़ने देंगे।”
बता दें कि जिस मैदान को अवैध रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा घेर कर नमाज़ पढ़ी जाती थी, वहाँ स्थानीय लोगों ने गोबर के उपले भी बिछा दिए थे।
ज़िला प्रशासन द्वारा शहर में 37 जगहों पर मुस्लिम समुदाय को वर्ष 2018 में नमाज़ पढ़ने की अनुमति दे दी गई थी परंतु इन जगहों को बाद में घटाकर कम कर दिया गया था। अब गत सप्ताह 5 नवंबर, 2021 को स्थानीय लोगों द्वारा भारी विरोध किए जाने के कारण गुड़गाँव प्रशासन ने इन 8 सरकारी जगहों से भी नमाज़ पढ़ने की अनुमति को वापस ले लिया था।
अधिकारियों का कहना था कि स्थानीय लोगों को खुले में नमाज़ पढ़े जाने से आपत्ति है। प्रशासन ने यह भी कहा:
“किसी भी सार्वजनिक और खुली जगह पर नमाज़ पढ़ने के लिए प्रशासन की सहमति आवश्यक है और अगर स्थानीय लोगों को इससे आपत्ति होगी तो सहमति नहीं दी जाएगी।”
प्रशासन ने डेप्युटी कमिश्नर यश गर्ग को मामले को लेकर एक कमेटी बनाने और इस विषय में कोई वैकल्पिक रास्ता खोजने की बात कही थी।
बता दें कि इसी माह के प्रारम्भ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस विषय में बात करते हुए कहा था कि सबको अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है परंतु जो भी लोग ऐसा कर रहे हैं वे सड़क रोकर ट्रैफिक जाम न करें।
उन्होंने आगे कहा:
“कोई भी किसी अन्य व्यक्ति की अर्चना में खलल न पहुँचाए और किसी की भावना आहत न करें। अगर वे लोग नियमित जगहों पर नमाज़ पढ़ रहे हैं तो उन्हें परेशान न किया जाए। मामला स्थानीय प्रशासन और लोगों द्वारा सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है।”