हरिद्वार में कुम्भ मेले के आयोजन को लेकर वाम-उदारवादी वर्ग सोशल मीडिया पर निरंतर ही यह माहौल बनाने का प्रयास कर रहा है कि देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के पीछे हिन्दुओं की आस्था बड़ी वजह है। एक वर्ग ऐसा भी है जो हिन्दूघृणा से भरे इस अजेंडा की आड़ में तबलीगी जमात के काले अध्याय पर पर्दा डालने की भरसक कोशिश कर रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ऐसी भ्रामक तस्वीर और सन्देश फ़ैलाने वालों में वामपंथी मीडिया के ‘पत्रकार’ भी पीछे नहीं हैं। दरअसल, कुछ बेहद अप्रासंगिक तस्वीरों को शेयर कर यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि कुम्भ मेले में यह भीड़ जुटी है और सोशल डिस्टेंस के नियमों या फिर कोरोना महामारी को लेकर जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
शेखर गुप्ता के ‘दी प्रिंट’ की कथित पत्रकार जैनब सिकंदर ऐसी भ्रामक तस्वीर शेयर करने वालों में पहले स्थान पर हैं। ‘दी प्रिंट’ की लेखक और स्तंभकार ज़ैनब सिकंदर सिद्दीकी ने एक फर्जी कैप्शन के साथ एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “कुम्भ मेले को कभी भी कोविड हॉटस्पॉट नहीं कहा जाएगा। कुम्भ मेले में भक्तों को सुपरस्प्रेडर्स कभी नहीं कहा जाएगा। पूर्वग्रह इस से अधिक स्पष्ट नहीं नजर आ सकते।”
ज़ैनब सिकंदर का यह ट्वीट और यह कैप्शन लिबरल जमात के साथ ही विपक्षी पार्टी नेताओं के लिए भी हिन्दुओं की आस्था को लज्जित करने का एक बहाना बन गया। ज़ैनब के ट्वीट को बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने कैप्शन के साथ शेयर किया। कुंवर अली ने लिखा, “यह दिल्ली का निजामुद्दीन नहीं है, यह उत्तराखंड का हरिद्वार है।”
‘जर्नलिस्ट’ आरिफ शाह ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “यह भारत का कुम्भ मेला है। दुनिया का सबसे बड़ा Covid19 हॉटस्पॉट। भारतीय सरकार के अनुसार, इससे कोविड -19 ठीक हो जाएगा।”
मुंबई यूथ कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने भी यही फोटो पोस्ट कर लिखा है, “कौनसी जमात है, कपड़ों से पहचानो।”
वास्तव में, ट्विटर पर बड़े स्तर पर शेयर की जा रही यह तस्वीर वर्ष 2019 की है। ख़ास बात यह है कि यह तस्वीर हरिद्वार की भी नहीं है बल्कि प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में ली गई थी। जिस तस्वीर के जरिए कुम्भ को कोरोना का हॉटस्पॉट साबित करने का प्रपंच चलाया जा रहा है, वह न तो हरिद्वार की है और न ही कुम्भ मेले के दौरान ली गई है।
गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चलता है कि समाचार पत्र ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ द्वारा जनवरी, 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह तस्वीर दिखाई गई थी। बीबीसी न्यूज़ द्वारा भी 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यही तस्वीर इस्तेमाल की गई थी।
कुम्भ मेले को लेकर बनाए जा रहे माहौल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कुम्भ की तुलना निजामुद्दीन मरकज से नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मरकज एक हॉल के अंदर था और उसी हॉल में लोग सोते भी थे, जबकि कुम्भ में 16 घाट हैं।
सीएम रावत ने स्पष्ट शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि कुम्भ केवल हरिद्वार ही नहीं बल्कि ऋषिकेश से लेकर नीलकंठ तक फैला है और लोग एक सही जगह पर स्नान कर रहे हैं। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ में आयोजनों के लिए उचित इंतजाम किए गए हैं और स्नान के लिए भी समय सीमा है।