टी-20 विश्व कप 2021 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ी हसन अली (Hasan Ali) कट्टरपंथियों की नजरों में चढ़ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए मैथ्यू वेड का कैच छोड़ने के बाद पाकिस्तान के क्रिकेटर हसन अली को पाकिस्तानी क्रिकेट प्रशंसकों द्वारा जमकर गाली दी जा रही हैं।
हसन अली को सोशल मीडिया पर गालियाँ उनके मैच में खराब प्रदर्शन के कारण नहीं बल्कि उनके शिया मुस्लिम होने के कारण दी जा रही है। हसन अली के निजी जीवन को निशाना बनाते हुए यहाँ तक कहा जा रहा है कि उनकी भारतीय मूल की पत्नी उनके इस ख़राब प्रदर्शन का कारण हैं। कुछ लोग हसन अली को गोली मारने तक की भी धमकी दे रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हसन अली की ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों द्वारा पूरे मैच में जमकर कुटाई की गई। पाकिस्तानी समर्थकों का पारा तब और भी गर्म हो गया जब हसन ने 19वें ओवर में मैथ्यू वेड का वो कैच भी छोड़ दिया जो शायद खेल का नतीजा बदल सकता था। वेड ने 17 गेंदों में 41 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को फाइनल में पहुँचाने में मदद की है।
जैसे ही पाकिस्तान 5 विकेट से मैच हारा, हसन सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी कट्टरपंथियों का निशाना बन गए। प्रशंसकों और कट्टरपंथियों के एक वर्ग ने टूर्नामेंट में हार के लिए हसन अली को दोषी ठहराते हुए जमकर अपशब्द कहे।
मैच के बाद के प्रेजेंटेशन समारोह में पाकिस्तानी टीम के कप्तान बाबर आजम ने भी यह बात कही कि अगर हसन अली द्वारा यह कैच पकड़ लिया जाता तो उनकी टीम जीत सकती थी।
बाबर ने कहा, “टर्निंग प्वाइंट वह कैच था। अगर हम इसे पकड़ लेते तो मामला अलग हो सकता था।”
ट्विटर पर कई क्रिकेट प्रशंसकों ने भी हसन अली के समर्थन में आवाज उठाई है। आनंद रंगनाथन ने लिखा है कि हसन अली को गली देने वालों को यह जानकारी होनी चाहिए कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना भी एक शिया मुस्लिम थे और उनकी पत्नी भी भारतीय ही थी।