बिग बॉस टीवी कार्यक्रम से चर्चा में आईं उर्फी जावेद ने अपने एक बयान में कहा है कि वे इस्लाम को नहीं मानती और न ही कभी किसी मुस्लिम से शादी करेंगी। अभिनेत्री ने इस बयान पर उन्हें ट्रोल करने वाले मुस्लिम समुदाय के ट्रोल्स पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि हिन्दू धर्म को समझने के लिए वे आजकल भगवद्गीता पढ़ रही हैं।
उर्फी जावेद (Urfi Javed) जब से बिग बॉस ओटीटी (Bigg Boss OTT) से बाहर निकली हैं, तब से लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। कभी अपने अजीबो-गरीब फैशन को लेकर, कभी ब्रेकअप को लेकर। एक बार फिर से उर्फी अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं, जिसमें उन्होंने अपने मज़हब के कट्टरपंथियों और ट्रोल्स पर निशाना साधा है।
इंडिया टुडे के साथ एक विशेष बातचीत में, उर्फी जावेद ने कहा कि वे कभी भी मुस्लिम व्यक्ति से शादी नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पुरुष चाहते हैं कि महिलाएँ उनके द्वारा तय किए दायरे में रहकर उनके तरीके से व्यवहार करें।
बता दें कि उर्फी जावेद ने बिग बॉस ओटीटी से ही प्रसिद्धि प्राप्त की है। उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी से निकाली जाने वाली पहली प्रतियोगी थीं। वे अक्सर अपने अजीबोगरीब कपड़ों के कारण चर्चा में रहती हैं।
अपनी ड्रेसिंग सेंस को के लेकर अक्सर ट्रोल होने वाली उर्फी जावेद कहती हैं:
“मैं एक मुस्लिम लड़की हूँ। मुझे मिलने वाली अधिकांश अभद्र टिप्पणियाँ मुस्लिम ट्रोल्स की हैं। उनका कहना है कि मैं इस्लाम की छवि खराब कर रही हूँ। वे मुझसे नफरत करते हैं।”
उर्फी यहीं नहीं रुकी, आगे वे कहती हैं, “मुस्लिम पुरुष चाहते हैं कि उनकी महिलाएँ, उनके बनाए तरीकों तरीके से चलें। मुस्लिम अपने समुदाय की सभी महिलाओं को नियंत्रित करना चाहते हैं। मैं इस वजह से इस्लाम को नहीं मानती। वो मुझे इसलिए ट्रोल करते हैं क्योंकि मैं उनके धर्म
और उनकी उम्मीद के हिसाब से व्यवहार नहीं करती।”
उर्फी कहती हैं कि जब वे बोल्ड लुक में नज़र आती हैं तो उन्हें अस्वीकार कर दिया जाता है क्योंकि वो मुस्लिम हैं और इंडस्ट्री में उनका कोई गॉडफादर नहीं है। उर्फी जावेद ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे कभी मुस्लिम व्यक्ति से शादी नहीं करेंगी और वे वर्तमान में श्रीमद् भगवद्गीता पढ़ रही हैं।
उर्फी से प्रश्न पूछा गया कि अगर उन्हें कभी अपने समुदाय के किसी व्यक्ति से प्यार हो गया तो क्या वे उससे शादी करेंगी? इसके जवाब में उर्फी साफ शब्दों में कहती हैं:
“मैं कभी किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करूँगी। मैं इस्लाम में विश्वास नहीं करती और मैं किसी भी पंथ का पालन नहीं करती इसलिए मुझे परवाह नहीं है कि मैं किससे प्यार करती हूँ। हम जिससे चाहें उससे शादी कर सकते हैं।”
उर्फी का मानना है कि पंथ को मानने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, और सभी को यह चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे किस पंथ का पालन करना चाहते हैं। साक्षात्कार में उर्फी ने खुलासा किया कि वे एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार से आती हैं।
उर्फी बताती हैं:
“मेरे पिता एक बहुत ही रूढ़िवादी व्यक्ति थे। जब मैं 17 साल की थी, तब वो मुझे और मेरे भाई-बहनों को हमारी माँ के पास छोड़ कर चले गए। मेरी माँ बहुत धार्मिक महिला हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी हम पर अपना धर्म नहीं थोपा।”
उर्फी यह भी बताती हैं कि उनके भाई-बहन इस्लाम का पालन करते हैं और वे ऐसा नहीं करतीं, परन्तु वे कभी उन पर इस्लाम थोपते नहीं हैं। ऐसा ही होना चाहिए। कोई अपनी पत्नी और बच्चों पर अपना पंथ थोप नहीं सकता। यह दिल में होना चाहिए, वरना न तो आप और न ही अल्लाह खुश होंगे।
साक्षात्कार में उर्फी जावेद ने यह भी खुलासा किया कि वे आजकल श्रीमद् भगवद्गीता पढ़ रही हैं। उन्होंने कहा:
“मैं अभी श्रीमद् भगवद्गीता पढ़ रही हूँ। मैं हिंदू धर्म के बारे में और जानना चाहती हूँ। मुझे इसके (हिन्दू धर्म) तार्कित भाग को जानने में दिलचस्पी है। मुझे अतिवाद से नफरत है। मैं इस पवित्र पुस्तक (भगवद्गीता) से सकारात्मक चीज़ें ग्रहण करना चाहती हूँ।”