सिख टैक्सी चालक से अमेरिकी एयरपोर्ट पर 'बेअदबी': पगड़ी फेंक कर बरसाए घूँसे #VIDEO

08 जनवरी, 2022 By: DoPolitics स्टाफ़

अमेरिकी हवाई अड्डे पर भारतीय मूल के एक सिख टैक्सी ड्राइवर से मारपीट और पगड़ी उतारने की घटना सामने आई है। एक सोशल मीडिया यूज़र ने घटना का वीडियो ट्विटर पर साझा किया है। घटना कथित रूप से जॉन एफ कैनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई।

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के अनुसार, नस्लीय घृणा अपराध की एक घटना में अमेरिका में एक भारतीय मूल के सिख टैक्सी ड्राइवर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने हमला किया। हमलावर ने मारपीट करते हुए ड्राइवर की पगड़ी उतार दी और उसके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया।

वीडियो नवजोत पाल कौर नाम की एक यूजर ने 4 जनवरी को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर साझा किया है। वीडियो में हमलावर व्यक्ति को कथित तौर पर पीड़ित सिख ड्राइवर के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करते हुए सुना जा सकता है।

हमलावर व्यक्ति बार-बार सिख टैक्सी ड्राइवर को घूँसा मारते और उसकी पगड़ी उतारते दिख रहा है। 26 सेकंड के इस वीडियो को जॉन एड केनेडी हवाई अड्डे के बाहर एक दर्शक उस वक्त शूट किया।

नवजोत पाल कौर ने वीडियो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा,

“यह वीडियो जॉन एफ कैनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक दर्शक द्वारा लिया गया था। मैं सिर्फ इस तथ्य को उजागर करना चाहती थी कि हमारे समाज में नफरत अभी भी बनी हुई है और दुर्भाग्य से मैंने सिख कैब ड्राइवर के साथ बार-बार मारपीट होती देखी।”

कौर ने लिखा,

“9/11 के वक्त, जब मैं एक बच्ची थी, उस वक्त की स्मृतियाँ अभी तक मेरे जेहन में मौजूद हैं। जब रिचमंड हिल की सड़कों और स्कूलों में मेरे सिख साथियों को अनकही हिंसा और पगड़ी के अपमान का सामना करना पड़ा था। हम इसे अनदेखा करना जारी नहीं रख सकते।”

फिलहाल पीड़ित कैब ड्राइवर एवं घटना के कारणों के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वीडियो के कारण सिख समुदाय के सदस्यों ने गुस्से में प्रतिक्रिया व्यक्त की। सिमरन एस्पेन इंस्टीट्यूट के इनक्लूसिव अमेरिका प्रोजेक्ट के लेखक और निदेशक जीत सिंह ने ट्वीट किया,

“एक और सिख कैब ड्राइवर से मारपीट की गई। यह घटना एनवाईसी में जेएफके हवाई अड्डे पर हुई है। मैं यह देखकर बहुत परेशान हूँ। हमारे पिता और बड़ों पर हमला होते हुए देखना बेहद दर्दनाक है। वे सिर्फ एक ईमानदार जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं।”

एक अन्य सिख यूज़र सिमरन ने कहा, “जो सिख नहीं हैं, उनके लिए मैं शब्दों में बयाँ नहीं कर सकती कि आपकी पगड़ी उतारने का क्या मतलब है या किसी और सिख की पगड़ी को उतरते हुए देखने का क्या मतलब है। यह आंतक है और इतना निराशाजनक है कि शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।”

राष्ट्रीय सिख संगठन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“हमने नए साल में केवल कुछ ही दिन गुजारे हैं और एक सिख के खिलाफ घृणा से भरा अपराध किया गया है। एक दर्शक ने एक अज्ञात व्यक्ति को एक सिख टैक्सी चालक पर हमला करते हुए और फिर चालक की पगड़ी को गिराते हुए वीडियो रिकॉर्ड किया।”

संगठन ने कहा, “वीडियो के अलावा कोई अतिरिक्त जानकारी साझा नही की गई है, लेकिन हम इस तरह की घटनाओं कि वजह अच्छी तरह से जानते हैं। एक सिख व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कई बार ऐसे मूर्खतापूर्ण हमलों को सहता है। अनजाने में लोग अचानक सड़क की बीच अचानक क्रोधित और हिसंक हो जाते हैं और मारपीट एवं पगड़ी का अपमान कर देते है।”

9/11 के बाद लगातार बढ़ रहे सिखों पर हमले

युवा सिख अमेरिकी अभी भी 11 सितंबर के बाद नस्लीय भेदभाव का सामना कर रहे हैं। अमेरिका में 9/11 हमलों के बाद से उनके खिलाफ अमेरिकियों में गुस्सा और पूर्वाग्रह है, जिसके परिणामस्वरूप उनसे स्कूल से लेकर सड़को तक नस्लीय घृणा अपराधों का सामना करना पड़ रहा है।

यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका में किसी सिख टैक्सी ड्राइवर के साथ मारपीट की गई है। एक भारतीय मूल के सिख उबेर ड्राइवर के साथ 2019 में अमेरिकी राज्य वाशिंगटन में एक संदिग्ध घृणा अपराध में मारपीट और नस्लीय दुर्व्यवहार किया गया था।

2017 में, न्यूयॉर्क में एक 25 वर्षीय सिख कैब ड्राइवर के साथ मारपीट की गई और नशे में धुत यात्रियों ने उसकी पगड़ी उतार दी। दरअसल सिखों को उनकी धार्मिक पहचान दाढ़ी और पगड़ी की वजह से आम अमेरिकी अरब नस्ल के मुसलमान समझ लेते हैं।

एक सिख उद्यमी बलबीर सिंह सोढ़ी को उनके एरिजोना गैस स्टेशन पर 11 सितंबर के हमलों के चार दिन बाद ही एक व्यक्ति द्वारा अरब के मुसलमान समझकर मार दिया गया था। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रिवरसाइड में डॉक्टरेट के उम्मीदवार 25 वर्षीय तेजपॉल बैनीवाल कहते हैं,

“अमेरिका में सिखों के बारे में इतिहास के माध्यम से गुमराह किया गया और गलत तरीके से पेश किया गया। एक सौ साल पहले हम पर हिंदू होने का लेबल चिपकाया जाता था, फिर सऊदी अरब का लेबल लगाया गया और जब ईरान अमेरिकी नज़र में था तो हमें ‘अयोतुल्ला’ कहा जाता था।”

बैनीवाल कहते हैं, “हाल ही में पगड़ी और दाढ़ी वाले तालिबान नेताओं की मीडिया छवियों ने सिख अमेरिकियों को फिर से परेशान कर दिया है, क्योंकि अमेरिकी पगड़ी और दाढ़ी को चरमपंथ के प्रतीक के रूप में देखते हैं।”

बैनीवाल कहते है कि हाईस्कूल में अन्य अमेरिकी छात्रों ने उनके साथ भेदभाव किया और पगड़ी के लिए उन्हें भी ताने सहने पड़े।



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