हरिद्वार: धर्म संसद से बौखलाया पाकिस्तान, इमरान खान सरकार ने भारतीय राजनयिक को किया तलब

29 दिसम्बर, 2021 By: DoPolitics स्टाफ़

अपने देश में लगातार अल्पसंख्यकों के हो रहे अपहरण, बलात्कार, धर्म परिवर्तन और प्रताड़ना जैसे मुद्दों पर मुँह में दही जमाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर नसीहत दी है। हरिद्वार धर्म सभा में कथित तौर पर ‘नफरत फैलाने वाले भाषण’ पर पाकिस्तान ने चिंता जताते हुए भारतीय राजनयिक को तलब किया है।

दुनियाभर में आतंकवाद का चेहरा बना पाकिस्तान बार बार मुँह की खाने के बाद भी भारत के अंदरूनी मामलों में टाँग अड़ाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता। हरिद्वार में 16 से 19 दिसंबर के बीच वेद निकेतन धाम में आयोजित धर्म संसद को लेकर पीएम इमरान खान की बौखलाहट फिर से सामने आई है।

पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि धर्म संसद में वक्ताओं के मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण दिये थे। सम्मेलन में दिए भाषण को लेकर पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को भारतीय राजनयिक को तलब किया और सम्मेलन में ‘अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के इरादे से दिए गए कथित नफरत भरे भाषणों’ पर चिंता व्यक्त की।

हालाँकि, सारी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति कितनी बदतर है। पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक एम सुरेश कुमार को तलब कर शिकायत दर्ज कराई और साथ ही भारत से इस मामले पर जाँच कर कार्रवाई करने की भी माँग की।

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान भारत मे लोगों के एक वर्ग द्वारा दिए गए कथित घृणास्पद भाषणों से गंभीर रूप से चिंतित है।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने अपने एक बयान में कहा कि भारत के लिये यह बहुत ही निंदनीय बात है। पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, “नफरत फैलाने वाले भाषणों पर न तो आयोजकों ने कोई खेद व्यक्त किया है और न ही भारत सरकार ने उनकी निंदा की है। भारत सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की है।”

पाक विदेश मंत्रालय ने मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की लगातार घटनाओं को ‘इस्लाम को लेकर डर की बिगड़ती प्रवृत्ति’ से जोड़ा भारत में मुसलमानों को लेकर भी चिंता जाहिर की। पाकिस्तान ने इस मामले को तूल देते हुए इस्लामी देशों के संगठन OIC और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से भी इन बयानों का संज्ञान लेने की अपील की है।

बता दें कि हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद का आयोजन गाजियाबाद में डासना मंदिर के पुरोहित यति नरसिंहानंद ने किया था। इस कार्यक्रम में, कई वक्ताओं द्वारा दिए गए भाषणों को कथित तौर पर भड़काऊ और नफरत भरा साबित करने का प्रयास किया जा रहा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि कथित रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया गया था।

इस मामले में प्रबोधानन्द गिरी समेत कुछ और लोगों की तरफ से दिए बयानों पर केस दर्ज किया जा चुका है। हरिद्वार पुलिस ने विवादित बयानों के संज्ञान लेते हुए इस मामले में दर्ज शिकायत पर वैमनस्य फैलाने का केस दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है, हालांकि अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है।



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