महिला का उत्पीड़न कर 'हिन्दू जिन्न' निकाल रहे मौलवी की वीडियो को Alt News के जुबैर ने बताया पुराना

10 जनवरी, 2022 By: DoPolitics स्टाफ़
ट्विटर पर साझा हो रहे वायरल वीडियो पर बवाल

ट्विटर पर बांग्लादेश की एक वीडियो से संबंधित एक खबर खासी वायरल हो रही है। जहाँ फैक्ट चैकर इसे ‘ऐग्ज़ोरसिस्म’ यानी झाड़-फूँक की वीडियो बता रहे हैं, वहीं इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने इसे बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों और पंथ परिवर्तन का नाम दिया है।

हाल ही में बुल्ली बाई ऐप को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़ा विवाद और इस विषय में 18 वर्षीय लड़की की गिरफ्तारी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इसी विषय में कोलकाता के इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता राधारमण दास ने एक ट्वीट में साझा किया।

इसमें एक वीडियो है जिसे उन्होंने बांग्लादेश का बताया। ट्वीट में दास लिखते हैं:

“बुल्ली बाई ऐप और 18 वर्षीय अनाथ बच्ची को लेकर इतना विवाद होता है परंतु जब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदू लड़कियों और महिलाओं को ज़बरन घर से उठाकर बेचा जाता है, उनका बलात्कार किया जाता है और पंथ परिवर्तन होता है तो कोई बात नहीं होती।”


उन्होंने जो वीडियो साझा किया उसमें एक महिला और मौलवी बंगाली में बोलते देखे जा सकते हैं। मौलवी महिला से कह रहा है कि वह पुनः काली माँ का नाम लेगी? तो महिला ‘ना’ कह रही है। इसके बाद मौलवी उसे ला-इलाहा बोलने पर ज़ोर दे रहा है।

राधारमण के यह वीडियो साझा करने के बाद इस्लामी प्रचार एवं ‘मजहबी क्लीन चिट’ बाँटने वाली वेबसाइट को फैक्ट चेकिंग वेबसाइट कहने वाले ‘ऑल्ट न्यूज़’ के संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने इस्कॉन के प्रवक्ता को झूठा बताया है।

मजहबी प्रचार वेबसाइट के संस्थापक मोहम्मद जुबैर हुए कहा कि वे बांग्लादेश की एक ऐग्ज़ोरसिस्म की वीडियो साझा कर रहे हैं। इसके साथ ही ज़ुबैर ने इंडिया टुडे का एक कथित फैक्ट चेक का पोस्ट भी साझा किया।


मुस्लिम महिला पर आया ‘हिन्दू जिन्न’ 

यह फैक्ट चैक वर्ष 2019 के जनवरी माह का है जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि इस कथित मुस्लिम महिला पर कोई ‘हिंदू जिन्न’ आ गया था और इसी कारण मौलवी झाड़-फूँक करके महिला में से ‘हिंदू जिन्न’ बाहर निकाल रहा था।

हालाँकि ‘हिंदू जिन्न’ की परिकल्पना बेहद हास्यास्पद है परंतु फिर भी पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे इस्लामी मुल्कों या इस्लाम-बहुल आबादी वाले मुल्कों में इस तरह के मूर्खतापूर्ण कृत्य खूब सराहे एवं देखे जाते हैं।

फैक्ट चेक में यह दावा किया गया है कि वीडियो बांग्लादेश में रहने वाली हिंदू महिला के ज़बरन पंथ परिवर्तन का नहीं बल्कि एक कथित मुस्लिम महिला के ही झाड़-फूँक का है। हालाँकि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार और उनकी महिलाओं का शोषण कोई नई बात नहीं है, इस मुल्क से अक्सर ऐसे समाचार आते ही रहते हैं। 

बता दें कि असल में यह कथित महिला मुस्लिम है या हिंदू इस बात की पुष्टि न तो इंडिया टुडे का फैक्ट चेक कर पाया है न ही कोई और परंतु क्योंकि मोहम्मद ज़ुबैर अक्सर फ़र्ज़ी खबरें साझा करते देखे गए हैं, इस कारण अधिकतर लोगों को उनकी विश्वसनीयता पर शक होता ही रहता है।

फ़र्ज़ी खबरें फ़ैलाने के लिए कुख्यात है ज़ुबैर 

ज़ुबैर ने पिछले वर्ष भी पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक विवाद की वीडियो साझा की थी, जिसमें एक बूढ़े मुस्लिम व्यक्ति को कुछ लोग पीटते देखे जा सकते थे। ज़ुबैर ने यह दावा किया था कि बूढ़े व्यक्ति को पीटने वाले लोग हिंदू थे और वे उसे ‘जय श्री राम’ न बोलने के कारण मार रहे थे।

जाँच में यह सामने आया कि बूढ़ा व्यक्ति एक ताबीज़ बनाने वाला था, जिसे आपसी रंजिश के कारण पीटा जा रहा था और पीटने वाले सभी लोग मुस्लिम समुदाय के ही थे। इस मामले में ज़ुबैर पर सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने को लेकर शिकायत दर्ज हुई थी और इस विषय में ज़ुबैर समेत कई कथित पत्रकारों के विरुद्ध जाँच जारी है।

कथित फैक्ट चैकर ज़ुबैर अक्सर सच को झूठ और झूठ को सच साबित करने के लिए जाने जाते हैं और उनसे लोगों को इस प्रकार की भी उम्मीद रहती हैं कि कभी वे लिख देंगे कि रोटी में आज नहीं बल्कि 1400 साल पहले थूका गया था। इस प्रकार के मामलों में भ्रम की स्थिति बनाकर उन्हें घुमा देना ऐसे कथित फैक्ट चेकरों के लिए सामान्य सी बात है।



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