अल अक्सा मस्जिद के इमाम शेख इस्साम अमीरा ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के फैलने का कारण समलैंगिकता और इजराइली सरकार को बताया है।
चीन की वुहान लैब से निकले कोरोना वायरस ने दुनियाभर में लगभग पिछले 2 वर्षों से भीषण महामारी मचाई हुई है। इसमें लाखों लोगों की जान जा चुकी है। हाल ही में इस वायरस का नया वेरिएंट सामने आया है जिसका नाम ओमिक्रोन है और यह भी खासा खतरनाक और फैलने वाला बताया जा रहा है। इस वायरस को लेकर अल अक्सा मस्जिद के एक इमाम ने एक मूर्खतापूर्ण बयान दिया है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद का मुद्दा बनी रहने वाली अल अक्सा मस्जिद के एक इमाम शेख इस्साम अमीरा ने कहा कि कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट इसलिए फैला क्योंकि मुस्लिम शासक समलैंगिकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
यरूशलेम के अल अक्सा मस्जिद में एक संबोधन के दौरान इस इमाम ने कहा:
“यह वायरस हमारे उन शासकों के कारण फैला है जो समलैंगिकता को अनुमति देते हैं और बढ़ावा देते हैं। हमारे उन शासकों के कारण फैला है, जो नारीवादी संगठनों का पालन करते हैं और लैंगिक मुद्दों पर बात करते हैं। यह सभी बीमारियों के प्रसार का कारण है, जो हमारे पूर्वजों के बीच मौजूद नहीं थीं।”
आगे इमाम ने कहा कि यह कोरोना वायरस का ‘भारतीय वेरिएंट’ और ओमिक्रोन वेरिएंट इसलिए फैल रहा है क्योंकि काफिर मीडिया और शासक इसके बारे में लोगों को बता रहे हैं।
बयान में यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि इमाम अमीरा ने कोविड के वेरिएंट को भारतीय वेरिएंट कहकर बुलाया, जो कि डब्ल्यूएचओ द्वारा दी गई नियमावली के विरुद्ध है।
सोशल मीडिया पर इस इमाम का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें यह व्यक्ति मुस्लिम शासकों के साथ-साथ मीडिया पर भी निशाना साधता देखा जा सकता है और यह व्यक्ति मीडिया को काफिर बुला रहा है। बयान में आगे यह भी कहा गया:
“जिन शासकों के कारण यह विपत्ति आई है, उनके विरुद्ध सभी मुसलमानों को एकजुट होना चाहिए अगर सरकार और मीडिया वायरस के बारे में लोगों को नहीं बताते तो यह वायरस नहीं फैलता।”
अल अक्सा के इमाम की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है। बहुचर्चित लेखक रॉबर्ट स्पेंसर ने भी इमाम अमीरा के इस बयान को ट्विटर पर साझा करते हुए इसकी आलोचना की।
बता दें कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब इमाम इस्साम अमीरा विवादों में घिरे। वर्ष 2020 में भी इस व्यक्ति को इज़राइली पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर अल अक्सा मस्जिद से 6 महीनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था क्योंकि इस व्यक्ति ने फ्रांस के टीचर सेमुएल पैटी को मारने वाले हत्यारे की प्रशंसा की थी।