जम्मू-कश्मीर में पिछले सात दशक से सरकारी सुविधाओं से वंचित पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थियों (वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी) को को साढ़े पाँच लाख रुपए की एकमुश्त वित्तीय सहायता मिलनी शुरू हो गई है। इन नागरिकों को घाटी से अनुच्छेद 370 के निष्क्रीय होने के बाद नागरिकता पहले ही मिल चुकी थी।
आर्थिक लाभ वितरण के पहले चरण में जम्मू और कठुआ जिले के 68 परिवारों के 106 लाभार्थियों में से प्रत्येक के खाते में साढ़े पाँच लाख रुपए प्राप्त हो चुके हैं। बचे हुए लाभार्थियों को लाभ पहुँचाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की योजना के तहत यह लाभ जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों के 5764 परिवारों को मिलना है। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों में कुल 5,764 पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी परिवार रह रहे हैं।
रिपोर्ट्स केअनुसार, कठुआ के 35 परिवारों के 52 और जम्मू के 33 परिवारों के 54 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता की सुविधा दी गई है। कुल 68 परिवारों को लाभ मिला है, लेकिन परिवारों में बंटवारे के चलते लाभार्थियों की संख्या 106 हो गई। वहीं, सांबा जिले में लाभार्थियों के खाते में सहायता राशि जल्द पहुँचेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन का कहना है कि जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर समेत अन्य जिलों में बसे रिफ्यूजियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। हालाँकि, कई बार जरूरी कागजातों के अभाव में प्रक्रिया पूरी करने में दिक्कतें आ रही हैं।
वहीं, पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों का कहना है कि सरकारी मशीनरी की धीमी गति की वजह से वित्तीय सहायता मिलने में देरी आ रही है। सभी औपचारिकताएँ पूरी कर दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं। उन्होंने सरकार से प्रक्रिया में तेजी लाने की भी अपील की है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जून 13, 2018 को एकमुश्त वित्तीय सहायता योजना को लागू करने की घोषणा की थी। गृह मंत्रालय की ओर से मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कहा गया था कि शरणार्थियों को एकमुश्त वित्तीय सहायता के रूप में साढ़े पाँच लाख रुपए मिलेंगे।
इस राशि का भुगतान केंद्र सरकार के सामाजिक सुरक्षा व कल्याण वेस्ट पाकिस्तान की तरफ से किया जायेगा। योजना के व्यवस्थित संचालन के लिए केंद्र सरकार ने नोडल अफसर की तैनाती करने को भी कहा था।
वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष लब्बा राम गाँधी ने कहा कि उनके खाते में वित्तीय सहायता पहुँचनी शुरू हो गई है और वो तीन साल से इस उम्मीद में बैठे थे। उन्होंने कहा कि अब जा कर केंद्र सरकार की मदद धरातल पर उतरने लगी है।