'दूसरे समुदाय के खिलाफ नारेबाजी' के आरोप में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 5 लोग गिरफ्तार

10 अगस्त, 2021

दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार (8 अगस्त, 2021) को हुए विरोध प्रदर्शन में कथित तौर पर ‘मुस्लिम विरोधी हिंसक नारे’ लगाने के आरोप में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) और 5 अन्य को हिरासत में ले लिया है। विरोध प्रदर्शन के आयोजकों में से एक माने जा रहे अश्विनी उपाध्याय से उनके अन्य साथियों के साथ देर रात तक पूछताछ की गई।

बताया जा रहा है कि यह गिरफ्तारी उन वीडियो पर लोगों की आपत्ति के बाद हुई, जिसमें एक समूह को जंतर-मंतर पर ‘मुस्लिमों को धमकाने’ वाले नारे लगाते हुए दिखाया गया था।

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही इन क्लिप में प्रदर्शनकारी कहते सुने जा सकते हैं कि ‘हिंदुस्तान में रहना होगा जय श्री राम कहना होगा।’ इसके अलावा, दावा किया जा रहा है कि इन लोगों द्वारा कथित तौर पर एक समुदाय के खिलाफ भी नारेबाजी की।

दिल्ली भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य अश्विनी उपाध्याय भी वीडियो में दिखाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर इन्हें गिरफ्तार करने की माँग की जा रही थी, जिसके बाद पुलिस ने सोमवार (9 अगस्त, 2021) देर शाम ही कार्रवाई की और संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।

पुलिस का दावा है कि उन्होंने कोविड की सावधानियों को लेकर विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, इसके बावजूद जंतर-मंतर पर भीड़ इकठ्ठी हो गई। फिल्म अभिनेता और भाजपा नेता गजेंद्र चौहान भी जंतर-मंतर पर इस विरोध प्रदर्शन में मौजूद थे।

समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी के बाद भाजपा कार्यकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने दावा किया कि उन्हें नहीं पता था कि इस तरह के नारे लगाए गए। एक बयान में उपाध्याय ने कहा था कि पुराने औपनिवेशिक कानूनों के खिलाफ इस रैली का आयोजन ‘भारत बचाओ संगठन’ द्वारा किया गया था।

5 कानून बनाने की माँग को लेकर जुटे थे प्रदर्शनकारी

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘भारत बचाओ आंदोलन’ के नाम से चल रहे विरोध-प्रदर्शन में 5 मुद्दों पर कानून बनाने की माँग जोर पकड़ रही है। प्रदर्शनकारी कई पुराने कानून निरस्त करने की भी माँग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन दिल्ली से प्रारंभ हुआ है एवं इसका नेतृत्व करने वाले लोग कह रहे हैं कि अब पूरे देश में इस आंदोलन को लेकर जाएँगे।

वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय, बहुचर्चित हिंदुत्व विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ एवं पूर्व अभिनेता गजेंद्र चौहान जैसे लोगों ने कई दिनों पहले से 8 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले जन आंदोलन का बिगुल बजा रखा था। 8 अगस्त को भारी से भारी मात्रा में लोगों को आंदोलन की इस प्रारंभिक कड़ी में उपस्थित होने की माँग की जा रही थी।

हालाँकि, नई दिल्ली के डीसीपी ने दिल्ली डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी का नाम लेते हुए इस प्रदर्शन की अनुमति को रद्द कर दिया था, परंतु इसके बावजूद भी जंतर-मंतर पर हज़ारों लोगों ने इस सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

किन कानूनों की है माँग ?

मूल रूप से यह आंदोलन वर्षों से चले आ रहे अंग्रेजों के ज़माने में बनाए गए कानूनों को रद्द करने के लिए किया जा रहा है। आंदोलन का नेतृत्व करने वालों का मानना है कि अंग्रेजों द्वारा जो कानून बनाए गए थे, वे भारत एवं भारतीयों को सदियों तक गुलाम बनाए रखने के लिए थे एवं इन्हें शीघ्राति शीघ्र निरस्त किया जाना चाहिए और नए एवं सबके लिए समान कानून बनने चाहिए। इनमें मुख्यतः पाँच कानून बनाने की माँग की गई है।

  • समान शिक्षा
  • समान नागरिक संहिता
  • घुसपैठ नियंत्रण कानून
  • धर्मांतरण नियंत्रण कानून
  • जनसंख्या नियंत्रण कानून


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