जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बने और यहाँ से अनुच्छेद 370 और 35A हटे लगभग ढाई वर्ष बीत चुके हैं, परन्तु अब तक कुछ लोग न तो इस सत्य को पचा पाए हैं और न ही इस तथ्य से अवगत हो पाए हैं कि कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है।
इसका एक प्रमाण कुछ दिनों पूर्व सोशल मीडिया पर देखने को मिला। आईफ़ोन निर्माता बहुचर्चित कम्पनी एप्पल (Apple) ने इंस्टाग्राम पर एक @madeinhimalayas (आदित्य नायक) नामक फोटोग्राफर की खींची हुई तस्वीर साझा की।
यह तस्वीर कश्मीर की थी और एप्पल द्वारा इस तस्वीर को ‘कश्मीर, इंडिया’ की लोकेशन के साथ ही साझा किया गया। कश्मीर से यह तस्वीर लेने वाले भारतीय फ़ोटोग्राफ़र आदित्य नायक का इन्स्टाग्राम अकाउंट रिपोर्ट किया गया और फिलहाल उन पर इन्स्टाग्राम द्वारा एक दिन का प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एप्पल द्वारा कश्मीर को भारत का हिस्सा बताते ही कई कश्मीरी युवक-युवतियाँ बौखला गए और एप्पल समेत फोटोग्राफर आदित्य को भी चिन्हित करते हुए निशाना बनाकर कमेंट करने लगे। इन सभी ने एक ही तरह के कमेंट्स की बौछार कर दी, मानो किसी टूलकिट के माध्यम से इन्हें निर्देश दिए जा रहे हों।
अधिकतर लोग एप्पल को टैग करके लिखने लगे कि कश्मीर भारत का नहीं पाकिस्तान का हिस्सा है, और भारत ने इस क्षेत्र पर अवैध कब्ज़ा किया हुआ है। कई लोगों ने एप्पल को टैग करते हुए लिखा कि ‘एप्पल इसे ठीक करे, यह भारत प्रशासित कश्मीर है जो कि असल में पाकिस्तान का हिस्सा है’।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि जहाँ एक ओर एप्पल इस प्रकार के बेबुनियादी कमेंट्स लगातार पोस्ट पर से हटाए जा रहा रहा था, वहीं विभिन्न एकाउंट्स से लगातार इस प्रकार के कमेंट स्पैम किए जा रहे थे। ऐसा प्रतीत होता था कि मानो कोई योजनाबद्ध तरीके से ये कमेंट्स करा रहा हो।
इनमें से कई लोगों ने तो कश्मीर को अलग देश तक बता दिया। कई लोगों ने अपनी अभद्रता का परिचय देते हुए यह भी लिखा कि कश्मीर किसी के बाप की जागीर नहीं है, कश्मीर भारत का नहीं है।
इसी बीच एक हादिया क़ाज़ी नामक महिला ने पोस्ट पर कमेंट करते हुए इस स्थान को भारत द्वारा अधिकृत कश्मीर बताया। एप्पल ने इस महिला का कमेन्ट डिलीट कर दिया जिसके बाद इस महिला ने लगातार यही कमेंट स्पैम करना प्रारम्भ कर दिया।
इस महिला ने तस्वीर खींचने वाले को भी औपनिवेशिक सोच से ग्रस्त और कथित कश्मीरी नरसंहार को बढ़ावा देने वाला कह दिया। इस महिला ने लिखा:
“एप्पल कमेंट्स डिलीट करने बंद करो। जैसा कि मैंने पहले भी लिखा है यह भारत द्वारा अधिकृत कश्मीर है, भारत नहीं। @madeinhimalayas तुम इस लोकेशन को इंडिया टैग करके कोलोनिअलिस्म और कश्मीरी नरसंहार को बढ़ावा दे रहे हो।”
पूरे मामले में महत्वपूर्ण बात यह थी कि जब हम इस महिला की प्रोफ़ाइल पर गए तो हमने इस प्रोफइल पर @standwkashmir लिखा पाया। बता दें कि यह संस्था और ‘स्टैंड विद कश्मीर’ प्रोफ़ाइल भी भारत में प्रतिबंधित है।
इसके साथ ही यह भी साफ़ हो गया कि इस पोस्ट पर कमेंट करने वाले अधिकतर लोग @standwkashmir से ही जुड़े थे और इनमें से अधिकतर लोग भारत में रहने वाले ही नहीं थे, ये सभी एकाउंट्स विदेश से ही चलाए जा रहे थे।
इंस्टाग्राम के साथ-साथ कुछ कथित पत्रकार इस मामले को ट्विटर तक खींच कर ले गए। पूर्व अलजज़ीरा और फिलहाल ‘मिडल ईस्ट आई’ में कार्य कर रहे एक कथित पत्रकार आज़ाद ईसा ने इस विषय में ट्विटर पर एप्पल को निशाना बनाया। इस व्यक्ति ने तस्वीर का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए ट्वीट किया, जिसमें लिखा:
“पिछली बार जब मैंने जाँचा था, तब कश्मीर “एक अंतरराष्ट्रीय विवाद” माना जाता था। बेशक, अगर आप भारतीय सेना या भारत सरकार हों तो ऐसा नहीं है।”
बता दें कि दुनियाभर के कई मुस्लिम समूह और भारत विरोधी लोगों ने कश्मीर मुद्दे को बार-बार मीडिया, सोशल मीडिया में उठा कर इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा स्थापित करने का पूरा प्रयास किया था। एप्पल को इस तरह निशाना बनाना भी उसी सोच और नेरेटिव को आगे बढ़ाने का एक नाकाम प्रयास ही है।
हालाँकि एप्पल इस मामले में पूरी कड़ाई बरते हुए है और इन सभी अलगाववादी सोच रखने वालों के कमेंट्स लगातार हटा रहा है, परन्तु फिर भी ये लोग भेड़ियों की भाँति लगातार झुण्ड बनाकर सोशल मीडिया पर वैचारिक हमले करने में लगे हैं।