मैं ईसाई हूँ, भारतीय नहीं करते नफरत: हिन्दू घृणा से सनी कैथलिक NGO मालकिन ने कार्रवाई के डर से माँगी माफी

29 दिसम्बर, 2021 By: DoPolitics स्टाफ़
अमेरिकी मूल की महिला ने उत्तराखंड को लेकर फैलाई फेक न्यूज़, बाद में माँगी माफ़ी

उत्तराखंड के कथित लिबरल समूह से जुड़ी एक महिला और ‘लतिका रॉय फ़ाउंडेशन’ की डायरेक्टर जो चोपड़ा मेकगॉन ने हाल ही में ट्विटर पर भारतीय, मुख्यतः हिंदुओं को बदनाम करने के लिए एक अजेंडा चलाने का प्रयास किया था। जब इस मामले में उनकी खासी आलोचना होने लगी और उन्हें अपना अमेरिकी पासपोर्ट रद्द होने के साथ-साथ अपने विरुद्ध कार्रवाई का डर सताने लगा तो उन्होंने अपना ज़हरीला ट्वीट डिलीट कर दिया

अब इस महिला ने अपने विरुद्ध कार्रवाई के डर से एक अन्य ट्वीट किया है, जिसमें वे अपनी पुराने ट्वीट की व्याख्या देती और माफी माँगती देखी जा सकती हैं।

वर्तमान में देहरादून में रह रही ‘लतिका रॉय ग्रुप’ एनजीओ की डायरेक्टर एवं अमेरिकी नागरिक जो चोपड़ा मैकगॉन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि हिंदू उत्तराखंड में क्रिसमस नहीं मनाने देते हैं। मैकगॉन के इस दावे का उत्तराखंड पुलिस ने तुरंत ही खंडन किया, जिसके बाद उन्होंने वो ट्वीट डिलीट कर दिया।

ख़ास बात यह है कि NGO की निदेशक ने इस ट्वीट में उसी हैशटैग का इस्तेमाल किया, जिस लाइन पर आज का कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी चल रहे हैं। जो मैकगॉन ने अपने इस फेक ट्वीट में ‘हिंदुत्व’ को इसका जिम्मेदार ठहराया है।

राहुल गाँधी भी निरंतर हिन्दुओं को लुटेरा और हत्यारा साबित करने का प्रयास करते देखे जा सकते हैं। यही वजह है कि इस NGO का भी किसी कॉन्ग्रेसी टूलकिट से सम्बन्ध हो सकता है।


मैकगॉन ने ट्वीट करते हुए लिखा:

“कल मैं देहरादून में शॉपिंग कर रही थी। यह वह राज्य है, जहाँ क्रिसमस का त्योहार प्रतिबन्धित है। जिस भी दुकान पर मैं गई जिस व्यक्ति से भी मैं मिली उसने मुझे ‘मेरी क्रिसमस’ कहा। माफ करें हिंदुत्ववादियों, भारतीय बहुत खुले विचारों और दयालू दिल के हैं, आपका नफरत का अजेंडा यहाँ सफल नहीं हो सकता।”

उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए यह साफ किया कि प्रदेश में क्रिसमस पर पर कहीं प्रतिबन्ध नहीं लगा था और कोई भी व्यक्ति अफवाहें फैलाकर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास न करे।


इसके बाद ट्विटर पर कई लोगों ने इस महिला की आलोचना शुरू कर दी और कुछ लोगों ने उनके और उनके पति के भारत विरोधी कृत्यों को भी इंटरनेट पर वायरल किया। बता दें कि इस महिला के पति का नाम रवि चोपड़ा है और वे  एक अन्य एनजीओ People’s Science Institute के द्वारा चीन सीमा तक भारी मशीनरी पहुँचाने वाली चार धाम सड़क योजना के खिलाफ लम्बे समय से प्रोपेगेंडा चला रहे हैं।

कार्रवाई के डर से माँगी माफ़ी  

विवाद ने जब ट्विटर पर खासा तूल पकड़ लिया तब अपना पासपोर्ट ज़ब्त हो जाने और अपने विरुद्ध कार्रवाई के डर से इस महिला ने 28 दिसंबर, 2021 की शाम को पुनः ट्वीट करते हुए अपनी विवादित टिप्पणी की व्याख्या दी और लोगों से माफी माँगी।

जो चोपड़ा ने लिखा:

“कई लोगों ने मेरे ट्वीट को गलत अर्थों में लिया, जो मैंने उत्तराखंड में क्रिसमस पर्व पर प्रतिबंध को लेकर किया था। मेरा इरादा यह कहने का था कि भारतीय नफरत से भरे नहीं होते और हिंदुत्व का अजेंडा पूरी तरह नहीं फैल रहा है। एक ईसाई के तौर पर मेरा यहाँ हमेशा स्वागत किया गया है और सराहना हुई है।  अगर मैंने किसी को चोट पहुँचाई हो तो उसके लिए मैं माफी चाहती हूँ।”


हालाँकि अपने इस ट्वीट में भी यह महिला अपना अजेंडा थोपने से बाज़ नहीं आई हैं। जो के इस ट्वीट पर भी लोगों ने उन्हें एक्सपोज़ करते हुए कई व्याख्या दीं। एक व्यक्ति ने इन्हीं का एक ब्लॉग साझा किया जिसमें लिखा था कि वे एक मज़बूत कैथोलिक परिवार से आती हैं। अपने पंथ के ऐसे प्रचार और हिन्दुओं पर निशाना साधने को लेकर जो की खूब आलोचना हुई।


बता दें कि इस महिला के बेटे को लेकर भी इंटरनेट पर खूब जानकारी सामने आई थी।

बेटा चीन का ‘दामाद’, हॉंगकॉंग, US-UK से लाखों की फंडिंग

जानकारी के अनुसार, फेक न्यूज फ़ैलाने वाली मैकगॉन और उनके पति, दोनों ही अलग-अलग एनजीओ चलाते हैं जिनके द्वारा इनको विदेशों से लाखों रुपए की फंडिंग प्राप्त होती है। हिंदू और भारत विरोधी अजेंडा चलाने वाले एनजीओ दंपत्ति के बेटे आनंद ने एक चीनी लड़की से शादी की है, और बीजिंग में इनके कई रिश्तेदार भी रहते हैं।


इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि रवि चोपड़ा ने चीनी अधिकारियों के साथ साँठगाँठ के चलते उत्तराखंड चार धाम परियोजना में टाँग अड़ाने की कोशिश की थी। दंपत्ति को हाँगकाँग, यूके और अमेरिका से लाखों रुपए की फंडिंग होती है।

एक दावे के अनुसार दम्पति को भारत विरोधी वामपंथी एनजीओ समूह Oxfam International से भी फंडिंग प्राप्त होती है।



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