कथित बुद्धिजीवियों, विभिन्न उत्पादों और ट्विटर क्रांतिकारियों के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी हिंदुओं के त्योहारों को लेकर घृणा फैलाने और बेबुनियादी तुलनाएँ करने में लगी है। ट्विटर पर कॉन्ग्रेस ने धनतेरस के त्योहार पर एक ऐसा ही पोस्ट साझा किया जिस पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए की खासी आलोचना की है।
हिंदुओं के हर पर्व को विभिन्न ब्रैंड्स द्वारा विज्ञापन बनाकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना और उनमें हिंदू घृणा परोसना कुछ वर्षों से आम सी बात बन गई है। सोशल मीडिया पर भी स्वयं को बुद्धिजीवी बताने वाले निरंतर दिवाली पर पटाखों, होली पर पानी, दुर्गा पूजा पर मूर्ति विसर्जन से होने वाला प्रदूषण जैसे कुतर्कों के साथ हर वर्ष तैयार रहते हैं। फैब इंडिया और डाबर द्वारा दिवाली के त्योहार पर एजेंडा चलाने के बाद अब देश की सबसे पुरानी पार्टी कॉन्ग्रेस भी इसी ढर्रे पर है।
कॉन्ग्रेस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से मंगलवार (2 नवंबर, 2021) को एक ट्वीट साझा किया जिसमें इन्होंने धनतेरस के त्योहार को लेकर कहा कि जब महिलाएँ अपनी जान के खतरे और अपराधों के कारण घर से बाहर नहीं निकल सकती तो उनके लिए त्योहार में मनाने लायक क्या बचा है?
इस ट्वीट में कॉन्ग्रेस ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में वृद्धि बताते हुए वर्ष 2020 और 2021 का राजधानी दिल्ली का डेटा साझा किया। कॉन्ग्रेस ने ‘द हिंदू’ अखबार का शीर्षक भी साझा किया जिसमें यह कहा गया था कि ‘वर्ष 2021 में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 63% की वृद्धि आई है’।
अगर इन आँकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो यह साफ होगा कि वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में अपराध के मामले बढ़ना सामान्य इसलिए था क्योंकि वर्ष 2020 लगभग पूरा ही लॉकडाउन में कटा था और इस वर्ष महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के साथ-साथ अन्य अपराधों में भी खासी कमी देखी गई थी।
अगर इन आँकड़ों की तुलना वर्ष 2019 से की जाए तो जून 2021 तक का डाटा लगभग वर्ष 2019 जैसा ही प्रतीत होता है। बता दें कि वर्ष 2019 में राजधानी में 1231 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे जबकि वर्ष 2021 में जून तक का डेटा इनकी संख्या 833 बताता है।
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में भी महिलाओं के साथ होने वाले अपराधियों को लेकर लगभग सभी सरकारें गंभीर रहती हैं, परंतु इस प्रकार त्योहार के अवसर पर केवल आँकड़ों का उपयोग कर यह बताने का प्रयास करना कि इन अपराधों के लिए हिंदुओं के त्योहार जिम्मेदार हैं यह एक बहुत गैर-जिम्मेदाराना कृत्य था।
इस ट्वीट को लेकर कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी हो रही है। लोगों ने कहा कि आपराधिक मामले कॉन्ग्रेस शासित प्रदेशों में अधिक हैं और पार्टी को त्योहारों पर ज्ञान देने की बजाय उन पर ध्यान देना चाहिए।
इसके साथ ही लोगों ने कॉन्ग्रेस को हिंदुओं को निशाना बनाने को लेकर भी आड़े हाथों लिया और लिखा कि जो पार्टी ईद और क्रिसमस पर लोगों को शुभकामनाएँ देती है वे हिंदू त्योहारों पर यह लिखती है कि मनाने को कुछ नहीं बचा है।