उत्तर प्रदेश पुलिस ने ग़ाज़ियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग व्यक्ति की पिटाई के वीडियो को गलत ढंग से प्रसारित और प्रचारित करने के मामले में समाजवादी पार्टी नेता उम्मेद पहलवान को शनिवार (19 जून, 2021) को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
गाज़ियाबाद पुलिस ने वीडियो को साम्प्रदायिक रँग देकर दो सम्प्रदायों में वैमनस्य बढ़ाने का मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान, ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर, ट्विटर इंडिया सहित कुछ पत्रकारों और कॉन्ग्रेसी नेताओं सहित 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
उम्मेद पहलवान इदरीसी के खिलाफ लोनी बॉर्डर थाने में बुधवार शाम दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया था कि उम्मेद पहलवान इदरीसी ने अनावश्यक रूप से वीडियो को सामाजिक मतभेद पैदा करने के इरादे से बनाया और उसे अपने फेसबुक अकाउंट से साझा किया।
बता दें कि गाज़ियाबाद के लोनी में बुजुर्ग मुस्लिम की पिटाई के मामले में उम्मेद पहलवान ने ही सबसे पहले फेसबुक लाइव करके मामले को सांप्रदायिक रँग दिया था। वीडियो साझा करते हुए उम्मेद नें बुजुर्ग मुसलमान के साथ मारपीट करने, उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था, जबकि मामला व्यक्तिगत झगड़े का था और पिटाई करने वालों में समुदाय विशेष के युवक भी शामिल थे।
उम्मेद पहलवान पर साज़िश के तहत वीडियो साझा करने और फेसबुक लाइव करने के मामले में आईपीसी की धारा 153ए, 295ए, 504 , 505 और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी मामले में आरोपित उम्मेद पहलवान इदरीशी को आज गाज़ियाबाद पुलिस की टीम ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
फरार चल रहे उम्मेद पहलवान को सटीक सूचना के आधार पर दिल्ली के लोक नारायण जय प्रकाश अस्पताल के पास से धर दबोचा गया। गाजियाबाद के SSP अमित पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि गाजियाबाद पुलिस की एक टीम ने उम्मेद पहलवान नाम के एक शख्स की गिरफ़्तारी दिल्ली में एलएनजेपी अस्पताल के पास से की है, उसे आगे की पूछताछ के लिए गाजियाबाद लाया जाएगा।
गाज़ियाबाद के अनूप शहर में रहने वाले 72 वर्षीय अब्दुल समद सैफी झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र और ताबीज बनाने का काम करते हैं। 5 जून को वह अपने रिश्तेदार से मिलने लोनी गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि लोनी जाने के लिए उन्होंने ऑटो बुक किया था, उसमें चार लोग पहले से मौजूद थे। इन युवकों ने उनको एक बन्द जगह ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया और उनके साथ मारपीट की।
पुलिस ने बुजुर्ग की शिकायत दर्ज करते हुए इस मामले की छानबीन की तो कुछ ही जानकारी सामने आई। जानकारी के अनुसार बुजुर्ग ने मुख्य आरोपित प्रवेश गुर्जर को अब्दुल समद ने एक ताबीज दिया था, जिसके बाद प्रवेश गुर्जर के घर में कुछ बुरी घटनाएँ होने लगीं। इसी से नाराज होकर प्रवेश गुर्जर ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर बुजुर्ग की पिटाई की थी।
इस मामले में प्रवेश गुर्जर को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। मारपीट करने वाले अन्य आरोपितों- कल्लू गुर्जर, आदिल, इंतजार, सद्दाम उर्फ बौना की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।
इसके कुछ दिन बाद समाजवादी नेता उम्मेद पहलवान ने बुजुर्ग से पिटाई का वीडियो फेसबुक पर यह कहते हुए अपलोड कर दिया कि बुजुर्ग व्यक्ति को ‘जय श्रीराम’ ना बोलने पर पीटा गया और उनकी दाढ़ी काट दी गई।
उम्मेद पहलवान द्वारा साझा किए गए इस वीडियो को फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने भी सांप्रदायिक रंग देते हुए ट्वीट किया और साज़िश के तहत ट्वीट करने से पहले वीडियो से आवाज़ हटा दी, ताकि ये पता नहीं चल सके कि बुजुर्ग और मारपीट करने वाले लोगों के बीच क्या बात-चीत हो रही है। इसके बाद कई बड़े पत्रकारों और कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस प्रॉपगेंडा वीडियो को साझा किया था।
गलत तथ्यों के साथ बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल करने के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार (15 जून,2021) को ट्विटर, कुछ पत्रकारों और कॉन्ग्रेस नेताओं सहित 9 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी।
प्राथमिकी में दर्ज नामजद लोगों में प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के अलावा पत्रकार सबा नकवी और राणा अय्यूब भी शामिल हैं। इसके अलावा, दो कॉन्ग्रेस नेताओं सलमान निजामी और डॉ शमा मोहम्मद का नाम भी प्राथमिकी में शामिल हैं।
गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर पर ‘वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं करने’ का भी आरोप लगाते हुए ‘ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ को भी आरोपित बनाया है। प्रॉपगेंडा न्यूज़ पोर्टल ‘द वायर’ भी इस मामले में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में स्वरा भास्कर के खिलाफ भी दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई गई है।
इस वीडियो के द्वारा लोगों को भड़काने की कोशिश करने वाला मोहम्मद ज़ुबैर ट्विटर से गायब चल रहा है। डॉक्सिंग के लिए कुख्यात फैक्ट चेकर ज़ुबैर ने आखिरी ट्वीट 15 जून को किया था, जिसके बाद से उसने इस प्रकरण पर अभी तक भी कोई फैक्ट चेक नहीं किया है।
ख़ास बात यह है कि फैक्ट चेकर होने का दावा करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने इस घटना का फैक्ट चेक करने के बजाय मोहम्मद जुबैर के साथ खड़े होने की बात कही है।
ऑल्ट न्यूज़ वेबसाइट के संस्थापक प्रतीक सिन्हा निरंतर मोहम्मद ज़ुबैर के समर्थन में खड़े होने की बात कहते नजर आ रहे हैं