सैफ-करीना के बेटे का क्या नाम है: कक्षा 6 के छात्रों से GK के प्रश्न पत्र में पूछे गए 'कठिन सवाल' पर हंगामा

24 दिसम्बर, 2021 By: DoPolitics स्टाफ़
मध्य प्रदेश के एक निजी स्कूल की परीक्षा में कक्षा 6 के छात्रों से करीना कपूर खान एवं सैफ अली खान के बेटे का नाम बताने को कहा गया

मध्य प्रदेश के स्कूल में ‘तैमूर’ की एंट्री के बाद बखेड़ा खड़ा हो गया है। खंडवा के प्राइवेट स्कूल ने GK के पेपर में बॉलीवुड अभिनेत्री करीना और सैफ के बेटे का नाम पूछने पर स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी हुआ है। परिजनों की आपत्ति के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।

बॉलीवुड जोड़ी सैफ अली खान और करीना कपूर खान अपने बेटे के ‘तैमूर’ के नाम को लेकर काफी समय से विवादों में हैं। अब मध्य प्रदेश के स्कूल में भी इस विवाद की इंट्री हो गई है। स्कूल के पाठ्यक्रम और एग्जाम में भी अब सैफ करीना के बेटे तैमूर को जगह दी जा रही है।

खबर के अनुसार MP के खंडवा में एक प्राइवेट स्कूल ने जनरल नॉलेज के पेपर में छात्रों से पूछा कि ‘करीना और सैफ अली खान के बेटे का नाम क्या है’?

बच्चों के परिजनों तक जब ये प्रश्न पत्र पहुँचा तो हंगामा खड़ा हो गया। परिजनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शिक्षा विभाग में स्कूल मैनेजमेंट की शिकायत कर दी। परिजनों का कहना है कि क्या अब स्कूल के बच्चे ये याद करते फिरें कि किस बॉलीवुड कलाकार के घर कौन सा बच्चा पैदा हुआ है?

दरअसल खंडवा के प्राइवेट ‘एकेडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल’ में टर्म एग्जाम में कक्षा 6 के छात्रों से सामान्य ज्ञान के पेपर में सवाल पूछा गया था कि करीना कपूर और सैफ अली खान के बेटे का नाम क्या है? जब अभिभावकों ने पेपर चेक किया तो उन्होंने इसे गलत मानते हुए शिक्षक संघ के नेतृत्व में स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट से शिकायत कर दी है।

परिजनों ने शिकायत में स्कूल मैनेजमेंट के विरुद्ध कार्रवाई करने की माँग की है जबकि स्कूल प्रबंधन ने अब तक इस मामले में चुप्पी साध रखी है। पालक शिक्षक संघ के संरक्षक डॉ अनीश अरझरे का कहना है कि स्कूल को यदि सवाल पूछना ही था तो देश के महापुरुषों और बलिदानियों के बारे मे पूछते। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि अब क्या बच्चों को फ़िल्म स्टार्स के बच्चों के नाम भी याद रखने होंगे।

शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार भालेराव ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि पालक शिक्षक संघ की शिकायत पर स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया गया है।

उन्होंने कहा, “निजी शिक्षण संस्थानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों से किस प्रकार के प्रश्न परीक्षाओं में न पूछे जाएँ। स्कूल प्रबंधन यदि नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाता, तो वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्राचार करेंगे।”



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