पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर पीएम मोदी से सार्वजनिक मंच पर ‘तनातनी’ करती देखी गई हैं। एक उद्घाटन समारोह में अपनी नाराजगी दिखाते हुए ममता ने दावा किया कि पीएम मोदी जिस हॉस्पिटल का उद्घाटन कर रहे हैं, उसका उद्घाटन तो वो पहले ही कर चुकी हैं।
दरअसल पीएम मोदी ने शुक्रवार कोलकाता में चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्था (CNCI) के दूसरे परिसर का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी साथ नजर आईं। इस परिसर का निर्माण 530 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
इसके निर्माण में केंद्र सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपए दिए हैं, जबकि शेष राशि पश्चिम बंगाल सरकार ने खर्च की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर पीएम मोदी से नाराज दिखीं। कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान ही ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री के सामने अपने काम गिनाने लगीं।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के सामने ही दावा किया कि पीएम मोदी जिस हॉस्पिटल का उद्घाटन कर रहे हैं, उसका उद्घाटन तो वो पहले ही कर चुकी हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया था जिसमें ममता बनर्जी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सहित कई केंद्रीय मंत्री व नेता उपस्थित थे।
कार्यक्रम में शामिल हुईं ममता शुरू से ही नाराज दिखीं। सबसे पहले उन्होंने एंकर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘आप मेरा टाइटल भी भूल गईं या आप नर्वस हो गईं’। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दो बार फोन किया था।
ममता ने दावा करते हुए कहा, “मैंने सोचा कि कोलकाता का यह कार्यक्रम है, इसमें पीएम मोदी दिलचस्पी दिखा रहे हैं तो मैं शामिल रहूँ। लेकिन पीएम मोदी को मैं बताना चाहती हूँ कि इसका उद्घाटन हमने पहले ही कर दिया था।”
ममता ने कहा, “कोरोना में हमें सेंटर्स की जरूरत थी। इस दौरान हमने देखा कि चित्तरंजन हॉस्पिटल राज्य से जुड़ा है। ऐसे में हमने इसका उद्घाटन कर दिया और इसको कोरना सेंटर बना था। यह काफी मददगार साबित हुआ।”
उन्होंने आगे कहा कि इस कैंपस का उद्धाटन और इस्तेमाल तो हम कोविड काल के दौरान ही कर चुके हैं, उन्होंने यह भी बताया कि इस संस्थान के लिए 25 फीसदी फंड पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दिया गया है।
ममता ने कहा, “इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने 11 एकड़ की जमीन दी है। जब बात जनता की आती है, तो राज्य और केंद्र सरकार को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।”
ममता ने कहा कि तृणमूल कॉन्ग्रेस सरकार आने से पहले यहाँ स्वास्थ्य सुविधाएँ काफी खराब थीं लेकिन हमने महिलाओं, बच्चों के लिए, आईसीयू अस्पताल बनवाए। उन्होएँ कहा, हमारे राज्य में पहाड़ हैं, समुद्र और जंगल हैं। ऐसे में कई स्थानों पर स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाना मुश्किल था। हमने सबको ध्यान में रखकर प्लान के तहत काम किया है।
वीडियो कॉन्फ्रेस में ही ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के सामने ही राज्यपाल जाखड़ पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि कार्मिक और प्रशासनिक अधिकारियों की कमी होने पर बंगाल के बाहर से लेने के आपके सुझाव पर अमल करते हुए हमने कुछ रिक्त स्थान भरे।
राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा,
“गवर्नर मुझको चिट्टी लिखा। बोला कैसे भर्ती हुआ बताओं। उनका पता नहीं के पीएम का सलाह से ये निर्णय लिया गया।”
रअसल मुख्यमंत्री 26 नवंबर की एक अधिसूचना का जिक्र कर रही थी, जिसमें राज्य सरकार ने अनुबंध के आधार पर विभिन्न विभागों में 50 सलाहकारों/वरिष्ठ सलाहकारों की भर्ती करने का निर्णय लिया था
हालाँकि राज्यपाल ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए मुख्यमंत्री द्वारा सामान्य रूप से अनुचित आचरण बताया। बता दें कि राज्यपाल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव एचके द्विवेदी से वरिष्ठ सलाहकारों और सलाहकारों की नियुक्ति के लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली तंत्र, तौर-तरीकों और चयन प्रक्रिया के बारे में पूरा विवरण माँगा था।
द्विवेदी को लिखे अपने पत्र में धनखड़ ने कहा था कि इन सलाहकारों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और तौर-तरीकों की कमी के संबंध में इस मामले को लेकर कई तिमाहियों से गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं। पहले से ही कुछ श्रेणियों में भर्ती न्यायिक जाँच के दायरे में है।
पत्र में राज्यपाल ने कहा था कि अधिसूचनाओं में उल्लिखित तंत्र अपारदर्शी है और न्यायिक घोषणाओं की अवहेलना की गई है। आशंका है कि इस तरह के तंत्र द्वारा प्रशासन को संरक्षित नियुक्तियों द्वारा पैक किया जाना है। कुछ खतरनाक रूप से परेशान करने वाले इनपुट हैं, जिन्हें अभी इंगित करने की आवश्यकता नहीं है।