बंगाल: गैंगरेप कर नाबालिग हिंदू युवती को सड़क पर फेंका, TMC के गुंडों पर आरोप

21 सितम्बर, 2021
पश्चिम बंगाल के मालदा में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म (प्रतीकात्मक चित्र)

पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक नाबालिग हिंदू लड़की का रहीमुल हक़ नामक व्यक्ति ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर सामूहिक बलात्कार किया, जिसके बाद वह उसे गाँव की सड़क पर फेंक कर भाग गया।

बताया जा रहा है कि आरोपित तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता है, जिस कारण पुलिस और स्थानीय मीडिया भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।

मालदा ज़िले के मकैया गाँव की रहने वाली पीड़िता जब एक दिन ट्यूशन पढ़ कर घर लौट रही थी, तो घर जाते समय पड़ोस के गाँव बलपुर के निवासी रहीमुल हक़ ने अपने कुछ साथियों के साथ उसका अपहरण कर लिया।

अपहरण के उपरान्त उसे गाड़ी में बिठाकर दिन भर उसका सामूहिक दुष्कर्म किया गया। बाद में ये लोग लड़की को सड़क के किनारे छोड़कर फरार हो गए। पूरा विवाद जिस क्षेत्र में हुआ वह इलाका रतुआ पुलिस थाने के अंतर्गत आता है। नाबालिग लड़की घटनास्थल से किसी तरह अपने घर लौटी।

पीड़िता के साथ की मारपीट 

इस भयावह घटना के बाद पीड़िता जब घर लौटी तो उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। हालत थोड़ी संतुलित होने के बाद उसने अपने परिवार को सारी घटना के बारे में बताया। जिसके उपरान्त ही आरोपित के विरुद्ध रतुआ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

लिखित शिकायत में यह कहा गया है कि बदमाशों ने कार में बिठाकर पीड़िता के मुँह में रुमाल ठूँसा और उसके चेहरे पर घूँसा मारा। इस कारण वह बेहोश हो गई। इसी कारण पीड़िता को घटना के बारे में अधिक याद भी नहीं है और वह सभी आरोपितों को पहचानती तक नहीं है, अब तक वह केवल रहीमुल हक़ को पहचान सकी है।


पूरे मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद से रहीमुल हक़ और उसके दो साथी फरार हैं। यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि आरोपित रहीमुल तृणमूल कॉन्ग्रेस का सदस्य है और इसी कारण मामले की जाँच में भी देरी हो रही है। दबाव के कारण पुलिस भी मामले की तफ्तीश में आनाकानी कर रही है।

शुरुआती जाँच एवं तलाशी लेने के बाद भी पुलिस आरोपितों का पता नहीं लगा पा रही है। इस दौरान आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से पीड़िता के परिजन गुस्से में हैं। उन्होंने बदमाशों की तत्काल गिरफ्तारी की माँग सामने रखी है।

इसी बीच घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। बलात्कारियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी न होने पर क्षेत्र में आंदोलन करने की चेतावनी दी जा रही है।

चौंका देने वाली बात यह भी है कि राज्य का स्थानीय मीडिया मामले पहले तो मामले को तूल नहीं दे रहा था, परन्तु जब दबाव के बाद मामले पर रिपोर्टिंग की गई तो रिपोर्ट से पीड़िता के हिन्दू होने की बात को भी जानबूझ कर छिपाया गया है। 



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