अब्दुल की कटी दाढ़ी वाले कांड में उम्मेद पहलवान पर NSA; जुबैर, नकवी पहुँचे थाने

28 जून, 2021
फेक न्यूज़ प्रकरण में लोनी थाने में पेश हुए जुबैर और नकवी

उत्तर प्रदेश पुलिस ने गलत जानकारी के साथ वीडियो साझा करने के आरोप में जेल में बन्द समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान इदरीसी पर रासुका (NSA) के तहत कार्रवाई करेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोप सिद्ध होने पर आरोपित को 12 महीने तक बिना जमानत दिए जेल में रखा जा सकता है।

पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित पाठक ने बताया कि शासन के निर्देशों के तहत आरोपित उम्मेद पहलवान इदरीसी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। कुछ आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी करने के साथ ही उस पर रासुका लगा दी जाएगी। इस मामले में प्रवेश गुर्जर और एक अन्य आरोपित कल्लू गुर्जर पर भी रासुका लगाने की तैयारी चल रही है।

बता दें कि सपा नेता उम्मेद पहलवान ने गत 5 जून की घटना में एक मुस्लिम बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी की पिटाई के वीडियो को सांप्रदायिक और सनसनीखेज बनाने के लिए फेसबुक लाइव आकर गलत जानकारियाँ साझा की थीं। उम्मेद पहलवान और अन्य ने उपरोक्त घटना के वीडियो को साजिशन दो समुदायों के बीच हिंसा और दंगा फैलाने के लिए प्रयोग किया था।


वीडियो साझा करते हुए उम्मेद ने बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट करने, उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था, जबकि मामला व्यक्तिगत झगड़े का था और पिटाई करने वालों में समुदाय विशेष के युवक शामिल थे।

इस मामले में उन पर गाजियाबाद के लोनी थाने में आईपीसी की धारा 153ए, 295ए, 504 , 505 और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद उम्मेद पहलवान 72 वर्षीय पीड़ित बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी को साथ लेकर फरार हो गया था।

फरार चल रहे उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद पुलिस की स्पेशल टीम ने दिल्ली से 19 जून 2021 को गिरफ्तार किया था। उम्मेद पहलवान इस वक्त मामले में डासना जेल में बंद है। सपा नेता ने ही सबसे पहले ये भ्रामक वीडियो साझा किया था, जिसके बाद अन्य पत्रकारों और कुछ कॉन्ग्रेसी नेताओं ने भी इस वीडियो को गलत जानकारी के साथ साझा किया।

मोहम्मद जुबैर और सबा नकवी की लोनी थाने में पेशी

गलत तथ्यों के साथ बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल करने के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून, 2021 को समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान के अलावा ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर, ट्विटर इंडिया, सबा नकवी, राणा अय्यूब सहित कुछ पत्रकारों और कॉन्ग्रेसी नेताओं सहित 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

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दावा किया जा रहा है कि पत्रकार मोहम्मद जुबैर और सबा नकवी आज (सोमवार, 28 जून 2021) इसी मामले में गाजियाबाद पुलिस द्वारा जारी एक नोटिस के जवाब में अपना बयान दर्ज करने के लिए लोनी सीमा पुलिस स्टेशन पहुँचे।

जुबैर दो वकीलों के साथ पुलिस के सामने पेश हुआ और उन्हें अपने 5 पेज के लिखित जवाब सौंपे। पुलिस ने उससे पूछताछ की और 20 से ज्यादा सवाल पूछे। फैक्ट-चेकर वेबसाइट चलाने वाले जुबैर ने पुलिस को बताया कि उसे सोशल मीडिया से वीडियो के बारे में पता चला और यह भी कि कोई व्यक्ति उस व्यक्ति को ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर कर रहा था। हालाँकि, पुलिस ने उससे पूछा कि अगर वह एक फैक्ट-चेकर है, तो उसने वीडियो को जाँचने से पहले ट्वीट क्यों किया?

इससे पहले, मामले की एक अन्य आरोपित राना अय्यूब और ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी को अलग-अलग हाईकोर्ट से लोनी पुलिस थाने में पेशी से छूट मिल चुकी है।

कथित रूप से लोनी थाने में बयान दर्ज कराने पहुँचा मज़हबी फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही ट्विटर से गायब चल रहा है। डॉक्सिंग के लिए कुख्यात फैक्ट चेकर ज़ुबैर ने आखिरी ट्वीट 15 जून को किया था, जिसके बाद से उसने इस प्रकरण पर अभी तक भी कोई फैक्ट चेक नहीं किया है।

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ख़ास बात यह है कि फैक्ट चेकर होने का दावा करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने इस घटना का फैक्ट चेक करने के बजाय मोहम्मद जुबैर के साथ खड़े होने की बात कही है। ऑल्ट न्यूज़ वेबसाइट के संस्थापक प्रतीक सिन्हा निरंतर मोहम्मद ज़ुबैर के समर्थन में खड़े होने की बात कहते नजर आ रहे हैं।



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