भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के विषय में भारत के साथ-साथ विश्वभर में चर्चा और वाद-विवाद चलते हैं, जिनमें उस व्यक्ति के चरित्र को लेकर कई बातें सामने आती हैं। इसी विषय में बहुचर्चित लेखक एंड्रयू लॉनी (Andrew Lownie) का एक पत्र सामने आया, जिसमें उन्होंने माउंटबेटन द्वारा किए गए कई कुकृत्यों के विषय में व्याख्या की थी। एंड्रयू द्वारा भेजे जाने के बाद भी इस पत्र को ‘संडे इंडिपेंडेंट’ ने प्रकाशित नहीं किया था।
लॉनी के इस पत्र में इस बात के साक्ष्य मिलते हैं कि माउंटबेटन एक ‘पीडोफिलिक’ (Pedophilic) यानी बच्चों का यौन शोषण करने वाला इंसान था। इसके साथ ही माउंटबेटन ने कई युवा लड़कों को भी अपनी हवस का शिकार बनाया था, जिससे यह भी साफ होता है यह व्यक्ति पीडोफाइल होने के साथ-साथ समलैंगिक भी था।
लॉनी ने अपने इस पत्र में दो लोगों के साथ हुए साक्षात्कार साझा किए हैं, जिसमें एक ऐसे लड़के से बातचीत भी शामिल है जिसने माउंटबेटन पर वर्ष 1977 में यौन शोषण का आरोप लगाया था।
पत्र की शुरुआत में ही लॉनी लिखते हैं कि माउंटबेटन के परिवार और आसपास वालों ने उनके इस घिनोने चरित्र को नहीं देखा, इसका अर्थ यह नहीं है कि माउंटबेटन ने ये कुकृत्य नहीं किए थे।
अगर उनकी किताब ‘द माउंटबेटन्स देयर लाइफ एंड लव्स’ (The Mountbattens: Their Lives and Loves) को पढ़ा जाए तो उसमें माउंटबेटन के पीडोफीलिया के कई साक्ष्य मिलते हैं।
इसके साथ ही विभिन्न अवसरों पर माउंटबेटन के विषय में कई खुलासे हुए हैं जैसे कि सेसिल किंग (Cecil King) ने ‘प्राइवेट आई’ और ‘द इंटरनेशनल टाइम्स’ में माउंटबेटन की व्याख्या ‘सेक्सुअल परवर्ट’ यानी ‘यौन उत्पीड़न करने वाले’ के रूप में की थी।
इसके साथ ही वर्ष 1990 की ‘नाओ मैगज़ीन’ की एक रिपोर्ट में भी यह व्याख्या की गई थी कि किस तरह ब्रिटेन कि कई चर्चित हस्तियों ने ईस्ट बेलफास्ट के किनकोरा होम में बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था। इन लोगों में माउंटबेटन का भी नाम था।
रिपोर्ट्स में यह भी साफ हुआ था कि माउंटबेटन अपनी युवावस्था में लड़कों की ओर अधिक आकर्षित था। इस विषय में बहुचर्चित अमेरिकी लेखक बारोनेस डिसीज़ (Baroness Decies) ने एक साक्षात्कार में बताया था कि:
“लॉर्ड लुईस माउंटबेटन अपनी समलैंगिकता और युवा लड़कों के लिए विकृति यानी पर्वर्जन के लिए जाने जाते थे।”
माउंटबेटन के ड्राइवर नॉर्मन नील्ड ने भी बताया है कि किस प्रकार उनके पास 8 से 12 वर्ष की आयु के लड़के ले जाए जाते थे और वे उन्हें ब्रांडी और नींबू पानी पिलाकर बहलाते-फुसलाते थे।
लॉनी ने अपने पत्र में आगे बताया कि उन्होंने ऐसे दो लड़कों के साथ साक्षात्कार किया जिनके साथ माउंटबेटन ने शारीरिक शोषण किया था। इनमें से एक लड़के को क्लासिबोन बोट हाउस में ले जाकर तो दूसरे लड़के का उसके घर के पास के ही एक स्थानीय होटल में यौन शोषण हुआ था।
अपनी किताब ‘द माउंटबेटन्स’ में लॉनी ने यह बात भी लिखी है कि शायद अपनी युवावस्था में माउंटबेटन का भी उनके एक निजी अध्यापक फ्रेडरिक लॉरेंस द्वारा शारीरिक शोषण किया गया था।
लॉनी की किताब में से ऐसी बहुत सी सामग्री हटवा दी गई जो माउंटबेटन के पीडोफीलिया और हत्या के विषय में थी। बता दें कि माउंटबेटन की हत्या को लेकर अभी भी कई भ्रांतियाँ चलती हैं और इस विषय में समय-समय पर कई सवाल खड़े होते रहते हैं।
क्यों वर्ष 1979 में उनकी सुरक्षा हटवा दी गई? जान को खतरा होने के बावजूद भी उन पर नजर क्यों नहीं रखी गई? क्यों माउंटबेटन के बॉडीगार्ड ग्राहम यूइल की जुलाई 1979 की चेतावनी पर ध्यान न देते हुए उनका तबादला हांगकांग कर दिया गया?
अंत में लॉनी अपने पत्र में लिखते हैं कि वर्षों तक माउंटबेटन का परिवार और दोस्त इस बात का दावा करते रहे कि वे बायसेक्सुअल यानी उभयलिंगी नहीं थे, परंतु एंड्रयू लॉनी की किताब ने ऐसे दर्जनों तथ्य सामने रखे जिससे यह बात गलत सिद्ध होती है।
बता दें कि माउंटबेटन के साथ-साथ उनकी पत्नी एडविना को लेकर भी विभिन्न कालखंडों पर सवाल खड़े होते रहे हैं। विवाह के बाद भी दोनों के कई विवाहेत्तर संबंध पाए गए थे, जिनके कारण एडविना को अक्सर ‘सेक्स ऑबसेस्ड’ यानी ‘संभोग के लिए सनकी’ बताया जाता था।
लॉनी की ही किताब में माउंटबेटन का एक कथन है, जिसमें वे कहते हैं:
“मैंने और एडविना दोनों ने ही अपना पूरा वैवाहिक जीवन दूसरे लोगों के बिस्तरों में बिताया है।”
एडविना अपने संबंधों को लेकर मीडिया में खासा चर्चा का विषय बनी रहती थीं और यह भी बताया जाता है कि माउंटबेटन और उनकी पत्नी ने तलाक की शर्म से स्वयं को बचाने के लिए ओपन मैरिज (विवाह के बंधन में रहते हुए भी अन्य लोगों से संबंध) में रहने का निर्णय लिया था।
वर्ष 1932 में ओपन मैरिज में आने के बाद एडविना के एक वेस्ट इंडियन गायक लेस्ली हच के साथ संबंध सामने आए थे और यह मामला चर्चा का विषय इसलिए भी बना था क्योंकि उस समय पर एडविना जैसी ‘ऊँची सोसायटी’ से आने वाली महिला के एक अश्वेत व्यक्ति से संबंध लोगों के लिए चौंकाने वाले थे।
बताया जाता है की एडविना और हच के संबंधों को लेकर माउंटबेटन खासे व्यथित रहते थे और एक बार उन्होंने नशे में कहा था:
“मैं शराब के नशे में उदास और अकेला हूँ। (Hutch has a p**** like a tree-trunk, and he’s f****** my wife, right now) हच का लिंग एक पेड़ के तने के समान है और वह अभी मेरी पत्नी के साथ संभोग कर रहा है।”
केवल एडविना ही नहीं वर्ष 1932 में माउंटबेटन के भी एक 20 वर्षीय शादीशुदा महिला योला लिटिलायर (Yola Letellier) के साथ संबंध थे और बताया जाता है कि इन दोनों के संबंध माउंटबेटन की मृत्यु तक चले थे।