कुख्यात अपराधी और उत्तर प्रदेश की पार्टी ‘कौमी एकता दल’ के विधायक मुख्तार अंसारी ने हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहाई की गुहार लगाई है। मुख्तार अंसारी पर कुल 52 मुकदमे दर्ज हैं और वे लंबे समय से हिरासत में हैं।
जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के साथ-साथ कई ऐसे बाहुबली नेता भी सुर्ख़ियों में बने हुए हैं जिन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इन्हीं में से एक हैं उत्तर प्रदेश के ‘कौमी एकता दल’ के नेता मुख्तार अंसारी।
मुख्तार अंसारी पर कुल 52 मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक गाज़ीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी दर्ज कराया गया था। इस एक्ट में अधिकतम 10 वर्षों की सज़ा का प्रावधान होता है और मामले में 10 वर्ष की सज़ा काट चुके अंसारी ने हाल ही में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष रिहाई की गुहार लगाई है।
मुख्तार अंसारी ने इस मामले में याचिका दर्ज की जिस पर जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस सुधारानी ठाकुर की पीठ द्वारा सुनवाई की गई है। इस याचिका में कहा गया था कि अंसारी को अवैध रूप से हिरासत में रखा जा रहा है, जबकि उनकी 10 वर्ष की सज़ा पूरी हो चुकी है। साथ ही अंसारी ने अब रिहाई की माँग की है।
याचिका को लेकर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया और राज्य सरकार से इस विषय में जवाब माँगा है। बता दें कि अंसारी के विरुद्ध 52 मुकदमों में से 15 अभी भी ट्रायल स्टेज पर हैं और फिलहाल अंसारी द्वारा डाली गई इस याचिका पर अगली सुनवाई 11 जनवरी, 2022 को होने की उम्मीद है।
अंसारी पर ज़मीन हड़पने को लेकर कई मामले दर्ज हैं और उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार इन्हें लेकर काफी गंभीर है। कुछ दिनों पहले ही अंसारी के एक गुर्गे के द्वारा कब्ज़ाई गई अवैध भूमि पर प्रशासन द्वारा बुलडोज़र चलाया गया। इस भूमि की कीमत करीब ₹50 करोड़ आँकी जा रही है।
अंसारी के एक आदमी गणेश मिश्रा द्वारा अवैध ढंग से इस भूमि पर नक्शा पास कराकर कॉलोनी बनाई जा रही थी।बता दें कि यह क्षेत्र सराय लखंसी थाने के अंतर्गत आता है।
यह कोई पहला अवसर नहीं है जब अंसारी और उसके गिरोह के लोगों के साथ इस प्रकार कानून द्वारा सख़्ती से काम लिया गया है। हाल ही में 22 दिसंबर, 2021 को अंसारी के परिवार की एक संपत्ति पर भी सरकार द्वारा कार्रवाई की गई थी।
इससे पहले भी अंसारी की बहुत सी संपत्ति को या तो सरकार द्वारा काबिज़ किया गया है या उस पर बुलडोज़र चलाया जा चुका है।