राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (3 अगस्त, 2021) को मुंबई की एक विशेष अदालत को बताया कि एक आरोपित ने मुंबई के व्यापारी मनसुख हिरेन कि हत्या करने के लिए को 45 लाख रुपए का भुगतान किया था। NIA ने कोर्ट से आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए 30 दिनों का और समय माँगा है।
बता दें कि 25 फरवरी को मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास एक विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार मिली थी। जाँच में सामने आया कि यह स्कॉर्पियो कार मुंबई के एक व्यापारी मनसुख हिरेन की थी। 4 मार्च को स्कॉर्पियो कार के मालिक हिरेन की हत्या कर दी गई थी।
NIA ने अदालत को बताया कि मनसुख हिरेन पूरी साजिश से अवगत था और आरोपितों की नज़र में वह सबसे कमजोर कड़ी था। NIA ने यह भी बताया कि अगर हिरेन जिंदा होता तो बड़ा षडयंत्र विफल हो जाता।
NIA ने दलील दी कि हिरेन का फोन लंबे समय से बंद था और बाद में इसे नष्ट करने से पहले पालघर में चालू कर दिया गया था और जाँच एजेंसी यह पता लगाना चाहती है कि किस आरोपित ने ऐसा किया है।
NIA को ओर से विशेष अदालत को बताया गया कि एक बड़ी साजिश को अंजाम देने के क्रम में साजिशकर्ताओं ने अंबानी परिवार को धमकाने के लिए स्कॉर्पियो कार के अंदर जिलेटिन की छड़ें (विस्फोटक) और जैश-उल-हिन्द के नाम से एक धमकी भरा पत्र रखा, जिसमें पैसों की माँग की गई थी।
NIA की ओर से कहा गया कि जैश उल हिंद की संलिप्तता वाला धमकी पत्र, टेलीग्राम पर कहाँ से अपलोड किया गया था, इसकी जाँच की जा रही है। यह एक बहुत ही गम्भीर कृत्य है और आरोपितों के आतंकवाद में संलिप्तता की संभावना की ओर इशारा करता है।
NIA की ओर से यह भी कहा गया कि आरोपित आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की एक बड़ी साजिश में शामिल थे और सभी आरोपित बेहद खतरनाक हैं, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही यह तथ्य भी प्रस्तुत किया गया कि आरोपितों में पुलिस अधिकारी भी हैं और वे जाँच एजेंसी को चकमा देना जानते हैं।
सचिन वाजे को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए NIA की ओर से कोर्ट में ये दावा किया गया कि अब तक 150 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। दावा किया गया कि आरोपितों की ओर से 4-5 गवाहों को धमकाया गया था, जिसके बाद कुछ गवाहों ने अपनी जान जाने के डर से आगे आने से इनकार कर दिया।
यह भी कहा गया कि NIA को यह पता लगाने के लिए अभी भी लगभग 50 व्यापारियों से बात करने की जरूरत है कि वाजे ने जिलेटिन की छड़ें कैसे हासिल की, जो कि नागपुर स्थित एक सौर कम्पनी की हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि वाज़े इस पहलू पर एनआईए को गुमराह कर रहे थे।
एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने के मामले में भी एनआईए कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार आरोपितों के नाम संतोष शेलार और आनंद जाधव हैं। एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को मास्टरमाइंड माना जा रहा है। हिरेन के केस में भी सचिन वाजे और कई अन्य को आरोपित बनाया गया है।
वाजे की निशानदेही पर अब तक NIA ने मुंबई की मीठी नदी से कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और साजिश में इस्तेमाल कारों की नंबर प्लेट जैसी कई अहम चीजें बरामद की हैं। इस केस में अब तक एक दर्जन से ज्यादा कारें जब्त की जा चुकी हैं। वाज़े की जमानत याचिका पर बुधवार को भी बहस जारी रहेगी, जिसे पहले अदालत ने खारिज कर दिया था।