श्री बद्रीनाथ धाम मंदिर में मुस्लिम श्रमिकों ने पढ़ी नमाज? #FactCheck

21 जुलाई, 2021
श्री बद्रीनाथ धाम में मुस्लिम समुदाय के श्रमिकों द्वारा नमाज पढ़ने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं

बुधवार (21 जुलाई, 2021) सुबह से ही उत्तराखंड के चार धामों में से एक श्री बद्रीनाथ धाम (Badrinath Temple) में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा नमाज (Namaz) पढ़ने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। राज्य के ही कई युवाओं एवं हिन्दूवादी संगठन इस खबर पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

आम सोशल मीडिया यूजर्स भी एक हिन्दू पवित्र स्थल पर किसी अन्य समुदाय द्वारा नमाज़ पढ़ने की खबर पर न सिर्फ प्रशासन बल्कि सरकार की भी आलोचना करते हुए उसे कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन भी दिया है।

मामला इतना तूल पकड़ गया कि उत्तराखंड पुलिस को पूरे घटनाक्रम पर सफाई देनी पड़ी। चमोली पुलिस ने इस तरह की खबर का पूरी तरह खंडन करते हुए इसे अफवाह और तथ्यहीन खबर बताया।

सोशल मीडिया पर श्री बद्रीनाथ धाम में मुस्लिमों के द्वारा नमाज पढ़ने को लेकर वायरल हो रहे मैसेज को लेकर चमोली पुलिस ने कहा है कि यह संदेश भ्रामक तरीके से फैलाया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से तथ्यहीन है।


चमोली पुलिस द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण

चमोली पुलिस ने बताया कि श्री बद्रीनाथ धाम में आस्था पथ नामक संस्था की पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें कार्य कर रहे मुस्लिम मजदूरों द्वारा आज ईद के त्योहार के अवसर पर बंद कमरे में लाउडस्पीकर का प्रयोग किए बिना, एवं मौलवी की अनुपस्थिति में तथा कोरोना गाइड लाइन व नियमों का पालन करते हुए नमाज पढ़ी गई है।

चमोली पुलिस ने लोगों से खबरों की सत्यता परखे बिना भरोसा करने और साम्प्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा न देने की अपील की। साथ ही पुलिस ने इन आरोपों की जाँच के निर्देश दिए हैं। यदि जाँच में आरोप सत्य पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध डीएम एक्ट में कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दू संगठन देवस्थानम बोर्ड को लेकर पहले से ही हैं नाराज

बद्रीनाथ धाम में मुस्लिमों द्वारा नमाज़ की खबर बहुत तेजी से फैली और इस पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया भी आई। चूँकि देवस्थानम बोर्ड को लेकर हिन्दू संगठनों का पहले से ही सरकार से विवाद चल रहा है तो इस खबर ने आग में घी का काम किया और आग की तेजी से ही यर खबर सोशल मीडिया पर फैली भी।

बता दें कि उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ चार धाम हैं। उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित चारधाम देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने की माँग को लेकर मौन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


दरअसल जनवरी, 2020 में उत्तराखंड सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। इस बोर्ड के गठन के साथ ही चार धाम समेत राज्य के 51 अन्य मंदिरों का नियंत्रण राज्य सरकार के हाथों में चला गया है।

इसी देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने की माँग को लेकर केदारनाथ में तीर्थ पुरोहित और पुजारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर बोर्ड को जल्द से जल्द समाप्त नहीं किया गया तो इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।



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