कुरान की कई आयतों पर विरोध जताने वाले और एक लंबे समय से सुर्खियों में बने हुए उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़्वी ने अपने अंतिम संस्कार को लेकर एक अनोखी इच्छा जताई है। मुस्लिम समुदाय से आने वाले वसीम रिज़्वी ने कहा कि उनके मरने के बाद उनके शव को दफनाया न जाए बल्कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार किया जाए।
बता दें कि वसीम रिज़्वी को एक लंबे समय से कट्टर इस्लामी समर्थकों द्वारा जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही हैं। कुछ समय पहले मुस्लिम पंथ के शिया समुदाय से आने वाले वकील वसीम रिज़्वी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष माँग रखी गई थी कि इस्लाम की पाक किताब कही जाने वाली कुरान में से 26 आयतें हटाई जाएँ।
‘नई कुरान’ लिखने वाले वसीम का कहना था कि ये आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। न्यायालय द्वारा रिज़्वी की इस माँग को खारिज करते हुए उन पर ₹50,000 का जुर्माना लगा दिया गया था।
इस घटना के बाद से ही कई कट्टरपंथी मुस्लिम समूह रिज़्वी पर लगातार नज़र रखे हुए थे और उनकी हत्या के साथ-साथ उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही थीं। हाल ही में वसीम रिज़्वी द्वारा इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक किताब भी लिखी गई।
इस किताब के विमोचन के बाद से उन्हें और धमकी आने लगीं। हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य की शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रहे रिज़्वी ने एक वीडियो बनाकर इस विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम कथित तौर पर उनकी गर्दन काट कर हत्या करने साजिश रच रहे हैं।
उनका कहना है कि जिन आयतों को उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में हटाने की माँग की थी वे इंसानियत के प्रति नफरत फैलाती हैं और इसी कारण कई मुस्लिम अब उनकी जान के पीछे पड़े हैं।
वसीम रिज़्वी ने वीडियो में कहा:
“मैंने उन 26 आयतों के विरुद्ध आवाज़ उठाई जो इंसानियत के लिए नफरत फैलाती हैं और इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद चरित्र के कुछ तथ्य जो छुपे हुए थे, उन पर आधारित एक किताब लिखी, जिसका नाम ‘मोहम्मद’ है। इसी कारण मुसलमान मुझे मार देना चाहते हैं और यह भी ऐलान किया है कि वे किसी कब्रिस्तान में भी मुझे जगह नहीं देंगे।”
हिन्दू रीति रिवाजों के विषय में रिज़्वी ने आगे कहा:
“मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे इसलिए मैंने वसीयतनामा लिखा है कि मेरा शरीर मेरे हिंदू दोस्तों को लखनऊ में दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए। मेरे शरीर को मुखाग्नि हमारे यति नरसिंहानंद सरस्वती जी देंगे। इसका अधिकार मैंने उन्हें दिया है।”
बता दें कि रिज़्वी की हाल ही में आई किताब ‘मोहम्मद’ के विमोचन के समय भी डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती मौजूद थे।
हाल ही में ट्विटर पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वसीम रिज़्वी हिंदुओं के समर्थन में कुछ बयान देते देखे जा सकते हैं। इस वीडियो में भी यति नरसिंहानंद सरस्वती मोहम्मद के विषय में लिखी गई इस किताब के बारे में बताते देखे जा सकते हैं।