तो 20 करोड़ लोगों का गुस्सा फूटेगा, गृहयुद्ध छिड़ेगा, मुस्लिम हार नहीं मानेंगे: नसीरुद्दीन शाह

29 दिसम्बर, 2021 By: DoPolitics स्टाफ़
नसीरुद्दीन शाह ने साक्षात्कार में फिर की रटी-रटाई बयानबाज़ी

पिछले कुछ वर्षों में अपनी अदाकारी से ज्यादा अपने राजनीतिक बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले वरिष्ठ अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक ताजा साक्षात्कार के दौरान एक बार फिर कई विवादित बयान दिए हैं। इसमें उन्होंने देश की सत्ताधारी पार्टी पर मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर डालने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध हिंसा भड़काने जैसी बातें कही हैं।

एक समय पर अपने अभिनय और अदाकारी के लिए जाने जाने वाले शाह और पिछले कुछ वर्षों में अपने सांप्रदायिक बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। इस बार भी वे हर बार की तरह एक साक्षात्कार में कई विवादास्पद टिप्पणियाँ करने को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय हैं।

नसीर ने हाल ही में फेक खबरों के लिए FIR के चलते चर्चा में रहने वाले प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द वायर’ के वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को एक साक्षात्कार दिया। इसमें उन्होंने हरिद्वार में हाल ही में हुए धर्म संसद को लेकर कई बातें कीं।

नसीरुद्दीन शाह ने धर्म संसद पर देश के मुस्लिम समुदाय के नरसंहार की अपील करने का आरोप लगाते हुए कहा:

“अगर इन्हें नहीं पता है कि ये किस बारे में बात कर रहे हैं, तो मैं हैरान हूँ। ये लोग गृह युद्ध की अपील कर रहे हैं। हम 20 करोड़ लोग इतनी आसानी से नष्ट होने वाले नहीं हैं। हम लोग लड़ेंगे।”

नसीर ने आगे देश के मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 20 करोड़ लोगों की मातृभूमि है। यहीं उनका जन्म हुआ है, वे इसी मिट्टी में मिले हैं। अगर इस तरह के नरसंहार का कोई अभियान शुरू होता है तो इसका कड़ा प्रतिरोध होगा और लोगों का गुस्सा फूट आएगा।

“मुसलमान हार नहीं मानेंगे”

इसके आगे शाह ने देश के शासन पर उँगली उठाते हुए आरोप लगाया कि देश में मुस्लिम समुदाय के लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है और उनके बीच भय पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा:

“मुसलमान हार नहीं मानेंगे क्योंकि हमें अपना घर बचाना है, हमें अपनी मातृभाषा बचानी है, हमें अपने बच्चों को बचाना है। मैं मज़हब की बात नहीं करूँगा क्योंकि मज़हब बहुत आसानी से खतरे में पड़ जाता है।”

नसीर ने साक्षात्कार में देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर भी निशाना साधते हुए यह आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी के लिए अलगाववाद एक नीति बन गया है। उन्होंने कहा कि वे देखने के लिए उत्सुक थे कि जिन्होंने मुसलमानों के विरुद्ध हिंसा के लिए उकसाया है उनका क्या होगा, परंतु उनका कुछ नहीं हुआ।

बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब शाह ने इस प्रकार मुस्लिम समुदाय के बीच डर फैलाने और सत्ताधारी भाजपा पर राजनीतिक तंज कसने का प्रयास किया है।

इससे पहले भी नसीरुद्दीन शाह कई बार इस प्रकार के साक्षात्कार दे चुके हैं, जिनमें वे कई ऐसे बेबुनियादी दावे कर चुके हैं कि देश का मुस्लिम समुदाय खतरे में है और उनके विरुद्ध नरसंहार की साज़िश रची जा रही हैं।



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