एक ओर जहाँ देशभर में दिवाली के अवसर पर पटाखों पर प्रतिबंध से हिन्दुओं में आक्रोश है, वहीं अब उत्तराखंड का एक मिशनरी स्कूल दिवाली में अवकाश न देने के चलते विवाद में आ गया है।
मनोज जोशी, पार्षद वार्ड नं0-58 हल्द्वानी तल्ली द्वारा एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर जिलाधिकारी के समक्ष इस विषय पर आपत्ति भी दर्ज की गई है।
नैनीताल के ईसाई मिशनरी संचालित बोर्डिंग स्कूलों ने हिंदुओं के त्योहार दीवाली के दिनों में छुट्टी नहीं की है। इससे हिन्दूवादी संगठन और अभिभावक नाराज हैं। अपनी नाराजगी प्रकट करने को अभिभावकों ने जिला प्रशासन से शिकायत की है।
दरअसल ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नैनीताल के सेंट मेरी, सेंट जोजफ, आल सेन्ट और अन्य स्कूलों ने दीवाली पर अवकाश घोषित नहीं किया गया है।
आमतौर पर हर साल ही दिवाली से दो दिन पहले ही अवकाश घोषित किया जाता है और बच्चे दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज पर्व अपने घर पर मनाने के बाद स्कूल वापस लौट आते थे।
इस बार इन ईसाई मिशनरी स्कूलों ने इस विषय पर अपनी एकजुटता दिखाते हुए दिवाली के अवकाश की घोषणा ही नहीं की। इसके पीछे स्कूल प्रशासन ये बहाना यह दिया है कि कोरोना वायरस की वजह से बच्चों की पढ़ाई बहुत कम हुई है।
हिन्दू त्योहारों में बच्चों को अवकाश ना दिए जाने से अभिभावकों में काफी रोष है। विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने भी नैनीताल जिला प्रशासन से इस बारे में शिकायत की।
मामला गर्म होता देख अपर जिलाधिकारी ने इस स्कूलों पर कारवाई करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश पत्र दिया है।
जिलाधिकारी ने अपने पत्र में दिवाली पर अवकाश देने का आदेश जारी करने के निर्देश के साथ-साथ उचित कार्रवाई करने का भी आदेश जारी किया है।