ऑल्ट न्यूज के प्रतीक सिन्हा ने राहुल गाँधी को कहा प्रोपेगेंडा फैलाने वाला

02 जून, 2021
राहुल गाँधी ने 'अपनों' को बनाया पराया

सोशल मीडिया पर हाल ही में घटे एक दिलचस्प घटनाक्रम में कथित फैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ये स्वीकार करते पाए गए हैं कि उनकी खबरें कॉन्ग्रेस के अजेंडा का हिस्सा होती हैं।

दरअसल कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर मजहबी फैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था, जिसके जवाब में प्रतीक सिन्हा का दर्द छलक पड़ा।

प्रतीक सिंहा ने जवाब में लिखा कि ‘हमारी खबरें सिर्फ आपके प्रोपेगेंडा के लिए ही नहीं हैं, इसमें कई लोगों को मेहनत लगती है, इसलिए आपको लिंक शेयर करनी चाहिए, ताकि हमें ट्रैफिक मिल सके।


प्रतीक सिंहा के जवाब को उस घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसके अंतर्गत राहुल गाँधी ने कुणाल कामरा, मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा सहित कई अन्य लोगों को ट्विटर पर अनफॉलो कर दिया है।

इस मजेदार घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब सोशल मीडिया में ये खबर आई कि कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने करीब 50 लोगों को ट्विटर पर अनफॉलो कर दिया, जिनमें से कई उनके ‘अपने’ थे, जिन्हें पराया कर दिया गया। राहुल गाँधी ने जिन ‘अपनों’ को अनफॉलो किया, उनमें से एक ऑल्ट न्यूज़ के प्रतीक सिन्हा भी था।

इन खबरों पर सफाई देते हुए कॉन्ग्रेस की छात्र इकाई के एक समर्थक कहना है कि राहुल गाँधी कभी अपनों को पराया नहीं करते, लेकिन उन्होंने कुछ ‘अपनों’ को पराया जरूर कर दिया है जो ‘गद्दारी’ कर रहे थे।

सवाल ये उठता है कि क्या प्रतीक सिन्हा, मोहम्मद जुबैर आदि राहुल गाँधी के ‘अपने’ थे, जो उनके लिए काम कर रहे थे? और वो क्या गद्दारी थी जिसके चलते ये लोग अनफॉलो किए गए।

वैसे इस कांड को लेकर सोशल मिडिया में दो तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पहला यह कि राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस के लिए काम करने वाले ‘मित्र पत्रकारों’ से दूरी बना कर उन्हें ‘निष्पक्ष’ मीडिया के रूप में स्थापित करना चाह रहे हैं।

दूसरा कयास यह है कि राहुल गाँधी इस बात से नाराज़ हैं कि मीडिया का ये लुटियन धड़ा देश मे नरेंद्र मोदी की छवि बिगाड़ने में अब तक ठीक से सफल नहीं हो पाया है। ऐसा लगता है कि कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष ‘अपनों’ के प्रदर्शन से नाराज़ हैं, जिसके चलते कई लोग अनफॉलो किए गए।

प्रतीक सिन्हा ने कहा कि अगर राहुल गाँधी ऑल्ट न्यूज का लिंक लगा देते तो बेहतर होता क्योंकि स्क्रीनशॉट लगाना बताता है कि उस ‘खबर’ पर जो मेहनत की गई है, वो राहुल गाँधी के लिए सिर्फ उनके प्रोपेगेंडा फैलाने का माध्यम मात्र है। उसके लिए जो मेहनत की गई वो और मेहनत करने वाले कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष के लिए मायने नहीं रखते।

इस ट्वीट से यह स्पष्ट है कि ऑल्ट न्यूज अपनी उपयोगिता समझता है और अगर कॉन्ग्रेस उसे अपने प्रोपेगेंडा का हिस्सा बनाए रखना चाहती है, तो पार्टी को कम से कम ऑल्ट न्यूज को ट्रैफिक तो देना ही चाहिए, जो राहुल गाँधी जैसे बड़े हैंडल से बड़ी आसानी से मिल सकता है।

सिन्हा ने ट्वीट में यह स्वीकारा है कि ऑल्ट न्यूज़ असल मे राहुल गाँधी के प्रोपेगेंडा का ही हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि कर्मचारियों की मेहनत लोगों तक भी पहुँचनी चाहिए, भले ही वो आज तक कॉन्ग्रेस के प्रोपेगेंडा का हिस्सा बनते रहे हों।

चूँकि ऑल्ट न्यूज ट्रैफिक के मामले में संघर्ष कर रहा है और उसे चार साल बाद भी पढ़ने वाले बहुत कम लोग हैं। ऐसे नें ‘मोटे असामी’ को अपनी पहुँच से बाहर जाते देख प्रतीक सिन्हा की झल्लाहट समझी जा सकती है।

इस प्रकरण के बीच कुछ ‘इंटरनेट ट्रोल’ प्रतीक सिन्हा के पुराने ट्वीट भी खींच लाए हैं


पूरे घटनाक्रम के बीच प्रतीक सिन्हा के ट्वीट का तात्पर्य यही है कि ऑल्टन्यूज को अपनी जगह पता है, और यह भी कि उनका मूल कार्य क्या है। हो सकता है कि पार्टी से उचित पारिश्रमिक न मिलने की वजह से, और हाल ही में राहुल गाँधी द्वारा ‘अनफॉलो’ कर दिए जाने से प्रतीक सिन्हा को आघात पहुँचा हो, जिसके चलते उन्होंने इस अंदाज में सार्वजनिक नाराजगी जाहिर की है।



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